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Manipur Violence : मणिपुर हिंसा को लेकर कांग्रेस के गंभीर आरोप, पार्टी ने की हिमंत बिस्वा सरमा की गिरफ्तारी की मांग - कांग्रेस का हिमंत बिस्वा सरमा पर गंभीर आरोप

कांग्रेस पार्टी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को मणिपुर हिंसा मामले में घेरने की कोशिश की है. कांग्रेस का आरोप है कि हिमंत सरमा और कुकी उग्रवादी मिले हुए हैं. पार्टी ने डीजीपी को चिट्ठी लिखकर इस मामले की जांच की मांग की है.

Assam CM Himanta Sarma in trouble
मुश्किल में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा
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Published : Jun 21, 2023, 2:09 PM IST

नई दिल्ली : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर कांग्रेस पार्टी ने गंभीर आरोप लगाए हैं. पार्टी का आरोप है कि सरमा के संबंध कुकी आतंकियों से हैं. हालांकि, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है.

सरमा पर ये आरोप असम की प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष मीरा बोरठाकुर गोस्वामी ने लगाए हैं. बोरठाकुर का आरोप है कि 2017 में मणिपुर विधानसभा चुनाव के दौरान सरमा ने कुकी उग्रवादियों की मदद ली थी. ठाकुर के अनुसार कुकी उग्रावदियों के एक ग्रुप ने इस संबंध में गृह मंत्री अमित शाह को जानकारी दी थी. गोस्वामी ने असम के डीजीपी को भी एक चिट्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने पूरे मामले की जांच करने की मांग उठाई है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन एसएस हाओकिप ने 2019 में ही अमित शाह को चिट्ठी लिखी थी. इस चिट्ठी के अनुसार हिमंत सरमा और राम माधव ने उनकी मदद ली थी. इसके बदले में हाओकिप ने हथियारों की खरीद के एक मामले में अपना नाम क्लियर कराने का अनुरोध किया था.

हिमंत विस्वा सरमा ने इन आरोपों को आधारहीन बताया है. सरमा ने कहा कि जिस समझौते की बात की जा रही है, वह 2008 का मामला है. उस समय कांग्रेस की सरकार थी. 2008 में कुकी, जोमी और हमार समुदायों के बीच एक समझौता हुआ था.

हालांकि, मामला सामने आते ही कांग्रेस ने हिमंत सरमा की गिरफ्तारी की मांग की है. असम कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोराह ने कहा कि सीएम की गिरफ्तारी एनएसए के तहत होनी चाहिए. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने पीएमओ को चिट्ठी लिख डाली. इनमें सीपीआई, सीपीएम, टीएमसी, कांग्रेस, आप, फॉरवर्ड ब्लॉक, शिवसेना, एनसीपी और आरएसपी शामिल है. खबरों के मुताबिक विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर पीएम से मिलने का समय मांगा था, लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया.

पीएम द्वारा समय नहीं दिए जाने पर कांग्रेस नेता अजय कुमार ने कहा कि पीएम बिना अप्वाइंटमेंट के मनोज मुंतशिर जैसे राइटर से मिल सकते हैं, लेकिन मणिपुर जब जल रहा है, तो वह इस मुद्दे पर विपक्षी दलों से मिलने के लिए तैयार नहीं हैं.

मणिपुर के पूर्व सीएम ओकराम इबोबी सिंह ने कहा, 'केंद्र सरकार चुप है. होम मिनिस्टर शाह ने मणिपुर का दौरा किया. इसके बाबजूद हिंसा जारी है. आखिर इस दौरे से क्या हासिल हुआ.'

आपको बता दें कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग पर विरोध जारी है. विरोध कुकी और नगा समुदाय कर रहे हैं. एसटी दर्जा की मांग मैतेई समुदाय की है.

ये भी पढे़ं : Manipur Violence : मणिपुर हिंसा में अब तक 110 की मौत, 50 हजार विस्थापित, अमेरिका में कुकी समुदाय करेंगे विरोध

नई दिल्ली : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर कांग्रेस पार्टी ने गंभीर आरोप लगाए हैं. पार्टी का आरोप है कि सरमा के संबंध कुकी आतंकियों से हैं. हालांकि, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है.

सरमा पर ये आरोप असम की प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष मीरा बोरठाकुर गोस्वामी ने लगाए हैं. बोरठाकुर का आरोप है कि 2017 में मणिपुर विधानसभा चुनाव के दौरान सरमा ने कुकी उग्रवादियों की मदद ली थी. ठाकुर के अनुसार कुकी उग्रावदियों के एक ग्रुप ने इस संबंध में गृह मंत्री अमित शाह को जानकारी दी थी. गोस्वामी ने असम के डीजीपी को भी एक चिट्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने पूरे मामले की जांच करने की मांग उठाई है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन एसएस हाओकिप ने 2019 में ही अमित शाह को चिट्ठी लिखी थी. इस चिट्ठी के अनुसार हिमंत सरमा और राम माधव ने उनकी मदद ली थी. इसके बदले में हाओकिप ने हथियारों की खरीद के एक मामले में अपना नाम क्लियर कराने का अनुरोध किया था.

हिमंत विस्वा सरमा ने इन आरोपों को आधारहीन बताया है. सरमा ने कहा कि जिस समझौते की बात की जा रही है, वह 2008 का मामला है. उस समय कांग्रेस की सरकार थी. 2008 में कुकी, जोमी और हमार समुदायों के बीच एक समझौता हुआ था.

हालांकि, मामला सामने आते ही कांग्रेस ने हिमंत सरमा की गिरफ्तारी की मांग की है. असम कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोराह ने कहा कि सीएम की गिरफ्तारी एनएसए के तहत होनी चाहिए. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने पीएमओ को चिट्ठी लिख डाली. इनमें सीपीआई, सीपीएम, टीएमसी, कांग्रेस, आप, फॉरवर्ड ब्लॉक, शिवसेना, एनसीपी और आरएसपी शामिल है. खबरों के मुताबिक विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर पीएम से मिलने का समय मांगा था, लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया.

पीएम द्वारा समय नहीं दिए जाने पर कांग्रेस नेता अजय कुमार ने कहा कि पीएम बिना अप्वाइंटमेंट के मनोज मुंतशिर जैसे राइटर से मिल सकते हैं, लेकिन मणिपुर जब जल रहा है, तो वह इस मुद्दे पर विपक्षी दलों से मिलने के लिए तैयार नहीं हैं.

मणिपुर के पूर्व सीएम ओकराम इबोबी सिंह ने कहा, 'केंद्र सरकार चुप है. होम मिनिस्टर शाह ने मणिपुर का दौरा किया. इसके बाबजूद हिंसा जारी है. आखिर इस दौरे से क्या हासिल हुआ.'

आपको बता दें कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग पर विरोध जारी है. विरोध कुकी और नगा समुदाय कर रहे हैं. एसटी दर्जा की मांग मैतेई समुदाय की है.

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