मेरठ: राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद चौधरी जयंत सिंह ने मणिपुर हिंसा के विरोध में गुरुवार को प्रदेशव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की है. इस बारे में रालोद मुखिया ने निर्देश दिए हैं कि जिला मुख्यालयों पर प्रस्तावित प्रदर्शन में रालोद के पार्टी से जुड़े पूर्व मंत्री, विधायक, पूर्व विधायक, सभी पदाधिकारी, पूर्व पदाधिकारी पार्षद और सभी पार्टी कार्यकर्ता इस प्रदर्शन में अवश्य शामिल हों. इस बारे में पूर्व कैबिनेट मंत्री और रालोद के वरिष्ठ नेता डॉक्टर मेराजुद्दीन ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष जयंत चौधरी के निर्देश पर पार्टी द्वारा जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन का कार्यक्रम है. उसमें रालोद अपनी ताकत का एहसास सरकार को कराएगा.
रालोद के प्रवक्ता आतिर रिजवी ने बताया कि मणिपुर में जो हिंसा फैली हुई है. उस हिंसा ने पूरे देश को झकझोर दिया है. उन्होंने कहा कि रालोद के कार्यकर्ता राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर एक साथ प्रदर्शन करके मणिपुर की हिंसा के विरोध में राष्ट्रपति के नाम डीएम को ज्ञापन सौंपेंगे. खासतौर पर राष्ट्रीय लोकदल का फोकस पश्चिमी यूपी पर रहेगा. यहां पार्टी पुरजोर तरीके से आज सरकार के खिलाफ हुंकार भरने वाली है.
बता दें कि राष्ट्रीय लोकदल ने यह फैसला उस वक्त लिया है, जब तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे कि जयंत बीजेपी के साथ जा सकते हैं. गौरतलब है कि सुभासपा चीफ ओपी राजभर ने तो बीजेपी के साथ जाने का निर्णय भी ले लिया है. माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में ओपी राजभर सरकार में अहम जिम्मेदारी भी ग्रहण करने जा रहे हैं.
गौरतलब है कि चर्चाएं तो यहां तक भी काफी समय से हो रही हैं कि जयंत अखिलेश यादव का साथ छोड़कर बीजेपी से हाथ मिलाकर 2024 का चुनाव लड़ेंगे. हालांकि, यह सब बातें अभी तक सिर्फ हवा हवाई ही साबित हुई हैं. बीते दिनों तो विपक्षी दलों की बैठक में भी जयंत साथ थे. प्रदेश में प्रदर्शन का निर्णय लेकर रालोद अध्यक्ष ने फिर एक बार बीजेपी के खिलाफ होने का संदेश देने की कोशिश की है. रालोद नेताओं का कहना है कि हम खासकर पश्चिमी यूपी में पूरी ताकत के साथ केंद्र सरकार की असफलताओं को गिनाते हुए शक्ति प्रदर्शन करेंगे और राष्ट्रपति को ज्ञापन देंगे.
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