नई दिल्ली: मणिपुर में दो महिलाओं को पुरुषों की भीड़ द्वारा नग्न घुमाए जाने और छेड़छाड़ का वीडियो सामने आने के बाद देशभर में प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. वहीं बाहरी मणिपुर से लोकसभा सांसद डॉ. लोरहो एस फोजे (Naga Peoples Front (NPF) MP Loroh S Pfoze) ने गुरुवार को आशंका जताई की कि इस तरह के और भी वीडियो सामने आ सकते हैं.
ईटीवी से बातचीत में नगा पीपुल्स फ्रंट (NPF) के सांसद फोजे ने कहा कि यह घटना काफी समय पहले 4 मई हुई थी, जहां महिलाओं के साथ बदमाशों ने छेड़छाड़ की थी. और जब कि इंटरनेट पर प्रतिबंध हटा दिया जाता है तो राज्य से इसी प्रकार के वीडियो सामने आ सकते हैं, जिससे स्थिति और खराब हो जाएगी. सांसद ने घटना को भयावह बताते हुए इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी सजा देने की मांग की.
उन्होंने कहा कि यह घटना अमानवीय है. राज्य और केंद्र सरकार दोनों को इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. बता दें कि बुधवार को सोशल मीडिया पर छेड़छाड़ की घटना बुधवार को सामने आने के बाद व्यापक प्रतिक्रियाएं हुई हैं. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से इस प्रकार की घटनाओं के खिलाफ एकजुट होकर कड़ी कार्रवाई करने की अपील की है. इन घटनाओं ने पहले से ही अस्थिर मणिपुर में स्थिति को और खराब कर दिया है. सांसद लोरहो एस फोजे ने कहा 80 दिन से अधिक हो गए हैं, मणिपुर में स्थिति अभी भी अस्थिर है. सरकार को जारी हिंसा को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस तरह के वीडियो सामने आने से स्थिति और खराब हो जाएगी.
बता दें कि 3 मई को मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद से ही मणिपुर का स्थानीय प्रशासन समय-समय पर इंटरनेट पर प्रतिबंध की अवधि बढ़ाता रहा है. सांसद लोरहो एस फोजे कहा कि इस घटना के बाद व्यक्तिगत जवाबदेही होनी चाहिए कि सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इतनी सारी कार्रवाई करने के बावजूद हिंसा अभी भी जारी है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने लगातार तीन दिनों तक राज्य का दौरा किया था. इसके बाद केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की कई कंपनियां मणिपुर भेजी गईं, लेकिन स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है और हिंसा जारी है. इसी के मद्देनजर संसद के मानसून सत्र में कई सांसदों ने पार्टी लाइन से हटकर संसद के दोनों सदनों में नियम 267 के तहत कामकाज निलंबित करने का नोटिस दिया. वहीं करीब 15 विपक्षी सांसदों ने स्थगन प्रस्ताव पेश कर संसद में सभी कामकाज निलंबति करने और मणिपुर में चल रही हिंसा पर चर्चा करने की मांग की.