गुवाहाटी: मणिपुर में 28 फरवरी और 5 मार्च को होने वाले चुनावों को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए सुरक्षा बलों की 50 अतिरिक्त कंपनियों की मांग की गई है. मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की सहयोगी नेशनलिस्ट पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) द्वारा हाल ही में आरोप लगाया गया था कि पार्टी उम्मीदवारों को विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में आतंकवादियों द्वारा धमकी दी जा रही है, जिसके बाद पूर्वोत्तर राज्य में सुरक्षा की धारणा बदल गई है.
सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा बलों की 62 कंपनियां केवल इंफाल पश्चिम क्षेत्र के इलाकों में तैनात की जा रही हैं, जहां 13 निर्वाचन क्षेत्रों को पहले से ही सबसे संवेदनशील क्षेत्रों के रूप में पहचाना जा चुका है. मणिपुर में 28 फरवरी और 5 मार्च को मतदान होना है. इनमें पहले चरण में 38 सीटों पर 28 फरवरी को मतदान होगा जबकि बाकी 22 सीटों पर दूसरे चरण में 5 मार्च को मतदान होना है.पहले चरण में 38 निर्वाचन क्षेत्रों में से 29 घाटी में स्थित हैं जबकि शेष पहाड़ियों में स्थित हैं. हिंसा की आशंका को देखते हुए पहाड़ियों में स्थित मतदान क्षेत्रों में पर्याप्त बल तैनात किए जा रहे हैं.
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पुलिस सूत्रों ने बताया कि दूसरे चरण के मतदान के लिए निर्वाचन क्षेत्रों में बलों की तैनाती के लिए भी पर्याप्त कदम उठाए गए हैं. वहीं खतरे को देखते हुए पहले चरण के चुनाव के बाद भी तैनात सुरक्षा बलों को कुछ दिनों तक नहीं हटाया जाएगा. इस बारे में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'दूसरे चरण में चुनाव की प्रतीक्षा कर रहे निर्वाचन क्षेत्रों में और अतिरिक्त बल तैनात किए जाएंगे. हम राज्य में सुरक्षा बलों की 50 और कंपनियों के जल्द आने का इंतजार कर रहे हैं.' एनपीपी ने हाल ही में संबंधित अधिकारियों से सभी भूमिगत समूहों को ऑपरेशन ऑफ ऑपरेशन (एसओओ) समझौते के तहत रखने और उन्हें उनके निर्दिष्ट शिविरों तक सीमित रखने और उनके कब्जे से हथियार बरामद करने की मांग की है. इसके अलावा पार्टी ने पार्टी उम्मीदवारों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने की भी मांग की है.