इंफाल : मणिपुर के हालात सुधरते नजर नहीं आ रहे हैं. ताजा जानकारी के मुताबिक भारतीय सेना को हाथ आये 12 उग्रवादियों को स्थानीय महिलाओं के दबाव में छोड़ना पड़ा. शनिवार को सुरक्षा बलों ने एक तलाशी अभियान चलाया. जिसमें 12 कांगलेई यावोल कन्ना लुप (केवाईकेएल) कैडरों को पकड़ा गया. लेकिन 1200 से अधिक महिलाओं के एक झुंड ने सेना को घेर लिया. यह झुंड सेना पर पकड़े गये उग्रवादियों को छोड़ने की मांग कर रहा था. भीड़ के दबाव में आगे किसी तरह की आक्रामक कार्रवाई ना करते हुए सेना ने 12 युवकों को छोड़ दिया.
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𝗢𝗽𝗲𝗿𝗮𝘁𝗶𝗼𝗻𝘀 𝗶𝗻 𝗜𝘁𝗵𝗮𝗺 𝗩𝗶𝗹𝗹𝗮𝗴𝗲 𝗶𝗻 𝗜𝗺𝗽𝗵𝗮𝗹 𝗘𝗮𝘀𝘁 𝗗𝗶𝘀𝘁𝗿𝗶𝗰𝘁
— SpearCorps.IndianArmy (@Spearcorps) June 24, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Acting on specific intelligence, operation was launched in Village Itham (06 km East of Andro) in Imphal East by Security Forces today morning. Specific search after laying cordon was… pic.twitter.com/7ZH9Jp8nOI
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— SpearCorps.IndianArmy (@Spearcorps) June 24, 2023
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Acting on specific intelligence, operation was launched in Village Itham (06 km East of Andro) in Imphal East by Security Forces today morning. Specific search after laying cordon was… pic.twitter.com/7ZH9Jp8nOI
रक्षा पीआरओ की एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इलाके को सेना ने घेर कर रखा है. हालांकि फिलहाल किसी तरह का ऑपरेशन जारी नहीं है. विज्ञप्ति में बताया गया कि 24 जून की सुबह इम्फाल पूर्वी जिले के इथम गांव (एंड्रो से 06 किमी पूर्व) में विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर तलाशी अभियान चलाया गया. सेना ने हथियार, गोला-बारूद और युद्ध में इस्तेमाल होने वाले कई औजार जब्त किये. सेना ने बताया कि स्थानीय लोगों को असुविधा से बचाने के लिए विशिष्ट तलाशी शुरू होने से पहले इलाके की घेराबंदी कर दी गई थी.
ऑपरेशन के परिणामस्वरूप 12 केवाईकेएल कैडर पकड़े गए. लेकिन तभी महिलाओं और स्थानीय नेता के नेतृत्व में लगभग 1200 से 1500 की भीड़ ने तुरंत ही लक्ष्य क्षेत्र को घेर लिया. वह भीड़ आक्रामक थी. सुरक्षा बलों ने उनसे बार-बार कानून के अनुसार ऑपरेशन जारी रखने देने की अपील की. लेकिन इसका कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला. सेना की विज्ञप्ति में कहा गया कि एक बड़ी क्रोधित भीड़ के खिलाफ सेना ने किसी तरह की आक्रमक कार्रवाई नहीं करने का फैसला लिया. सेना ने स्थानीय लोगों की मांग के अनुसार 12 युवकों को छोड़ दिया. हालांकि तलाशी के दौरान जब्त किये गये हथियार, गोल-बारुद और अन्य युद्धक सामान अपने साथ क्षेत्र से निकालने में कामयाब रही.
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पकड़े गये उग्रवादियों ने केवाईकेएल का स्वयंभू लेफ्टिनेंट कर्नल मोइरांगथेम तम्बा उर्फ उत्तम भी शामिल था. वह 2015 में 6वीं डोगरा बटालियन पर घात लगाकर किए गए हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, ऑपरेशनल कमांडर की ओर से एक परिपक्व निर्णय भारतीय सेना के मानवीय चेहरे को प्रदर्शित करता है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारतीय सेना मणिपुर में चल रही अशांति के दौरान किसी भी आकस्मिक क्षति से बचने के लिए सभी प्रयास कर रहा है. भारतीय सेना ने मणिपुर के लोगों से शांति और स्थिरता लाने के लिए सुरक्षा बलों की सहायता करने की अपील की.
(एएनआई)