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मंगलुरु ऑटो विस्फोट: पुलिस का खुलासा, अल-हिंद से थे आरोपी के लिंक, तीन राज्यों में हो रही जांच - Al Hind link in blast case

कर्नाटक में ऑटोरिक्शा ब्लास्ट मामले में एडीजीपी आलोक कुमार ने बताया कि आरोपी शारिक, अराफात अली के इशारे पर काम कर रहा था, जो दो मामलों में आरोपी है. अराफात अली, अल-हिंद मॉड्यूल मामले के आरोपी मुस्सविर हुसैन के संपर्क में था.

मंगलुरु ऑटो विस्फोट
मंगलुरु ऑटो विस्फोट
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Published : Nov 21, 2022, 12:51 PM IST

Updated : Nov 21, 2022, 9:01 PM IST

मंगलुरु/कोयंबटूर/तिरूवनंतपुरम: कर्नाटक के तटीय नगर मंगलुरु में 19 नवंबर को हुए विस्फोट की जांच का दायरा अब दो अन्य राज्यों में भी फैल गया है और केरल एवं तमिलनाडु में भी जांच शुरू की गई है. अब तक की जांच से पता लगा है कि मंगलुरु विस्फोट मामले का प्रमुख संदिग्ध 'वैश्विक आतंकवादी संगठन से प्रभावित' था और उसने हाल ही में तमिलनाडु और केरल का भी दौरा किया था. ऐसे में पुलिस दोनों राज्यों में उसके स्थानीय संपर्कों की तलाश कर रही है.

मंगलुरु विस्फोट का आरोपी मोहम्मद शारिक शनिवार को एक विस्फोट में झुलस गया था. कर्नाटक के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) (कानून व्यवस्था) आलोक कुमार ने सोमवार को कहा, 'उसका आका सुदगुंटेपल्या (बेंगलुरु) का अब्दुल मतीन ताहा है जिस पर राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण ने पांच लाख रुपये का इनाम घोषित किया है.'

  • Mangaluru auto blast | Premises were searched and a lot of explosives material, matchboxes, nut bolts, circuits were found. We've come to know sources of it because some purchases were made online & some others offline. We're working on it: ADGP, Law & Order

    (Pics 2-4: Police) pic.twitter.com/SWZPhNMAVg

    — ANI (@ANI) November 21, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एडीजीपी आलोक कुमार ने बताया कि आरोपी शारिक के खिलाफ तीन मामले दर्ज हैं, जिसमें से दो मंगलुरु शहर में और एक शिवमोग्गा में दर्ज हैं. उस पर दो मामलों में यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया, जबकि तीसरे मामले में वह वांछित था. वह लंबे समय से फरार चल रहा था. उन्होंने बताया कि शारिक, अराफात अली के इशारे पर काम कर रहा था, जो दो मामलों में आरोपी है.

उन्होंने बताया कि अराफात अली, अल-हिंद मॉड्यूल मामले के आरोपी मुस्सविर हुसैन के संपर्क में था. वहीं, अन्य एक शख्स अब्दुल मतीन ताहा उन आरोपियों में से एक है और हमारी जानकारी के अनुसार वह शारिक का मुख्य हैंडलर है. शारिक दो से तीन अन्य लोगों से भी संपर्क में था, जिनकी पहचान होनी अभी बाकी है. उन्होंने कहा, 'हमने सात स्थानों पर तलाशी ली है और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त किया है, जिनकी सामग्री को देखा जा रहा है.'

उन्होंने कहा, 'हम यह भी जांच करने जा रहे हैं कि क्या दूरस्थ व्यक्तियों का उसके साथ कोई संपर्क है या यदि कुछ ऐसे व्यक्ति हैं जो उसे आर्थिक रूप से समर्थन देते रहे हैं. हम कह सकते हैं कि उसके कृत्यों को एक वैश्विक आतंकवादी संगठन द्वारा प्रेरित और प्रभावित किया गया है. एडीजीपी आलोक कुमार ने कहा, "आज जब उसका परिवार उससे मिलने अस्पताल में आया तो हमने उसकी पहचान की और पुष्टि की.' इधर, सूत्रों के मुताबिक मंगलुरु ऑटोरिक्शा विस्फोट को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपे जाने की संभावना है.

तमिलनाडु पुलिस ने संदिग्ध युवक से पूछताछ की
वहीं, मंगलुरु ऑटो विस्फोट की घटना के आरोपी के साथ संदिग्ध संबंधों को लेकर तमिलनाडु पुलिस कन्याकुमारी जिले में नागरकोविल के एक युवक से पूछताछ की है. ऑटो ब्लास्ट की घटना के बाद, तमिलनाडु पुलिस ने राज्य और जिले की सीमाओं पर चौकियों की स्थापना की है और हर वाहन का परीक्षण किया जा रहा है.

इससे पहले तमिलनाडु पुलिस ने नीलगिरी जिले के ऊटी से एक व्यक्ति को मंगलुरु ऑटो विस्फोट के आरोपियों के साथ उसके संदिग्ध संबंधों के आरोप में गिरफ्तार किया था. ऐसे में असम के अजीम रहमान को विशेष जांच पुलिस अधिकारियों ने सोमवार (21 नवंबर) को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस द्वारा की गई जांच में पता चला है कि असम का रहने वाला अजीम रहमान 2012 से तमिलनाडु में रह रहा है. वह पिछले तीन साल से नागरकोविल के कंबलम इलाके में एक फास्ट फूड की दुकान पर काम कर रहा था. उसके दुकान मालिक की पत्नी एक निजी बैंक में कार्यरत है. जांच में पता चला है कि इस मामले में पिछले साल सितंबर में महिला (दुकान मालिक की पत्नी) को एक अनजान नंबर से गलत कॉल आया था.

आगे की जानकारी के बारे में पुलिस ने कहा, 'इसके बाद उस व्यक्ति ने फोन पर हिंदी में बात की. तो उसने अजीम को फोन दिया और बात करने को कहा. अज़ीम रहमान ने जब इस नंबर पर कॉल की तो फोन काट दिया. ऐसे में लग रहा है कि अज़ीम रहमान ने मंगलुरु में हुए कार बम कांड से जुड़े शख्स को इसी महीने दोबारा फोन किया. ऐसा समझा जा रहा है कि मंगलोर धमाकों में शामिल लोगों की मदद असीम रहमान ने की होगी.

तमिलनाडु पुलिस यह भी पता लगा रही है कि क्या राज्य में शारिक का कोई साथी है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि अब यह साफ हो गया है कि शारिक ने ऊटी के निवासी सुरेंद्रन के आधार कार्ड का उपयोग करके एक सिम कार्ड खरीदा था. उन्होंने कहा कि इस बात की जांच की जा रही है कि शारिक सितंबर में कोयंबटूर में ठहरा था और वह उसका यहां ठहरना कहीं किसी आपराधिक साजिश का हिस्सा तो नहीं था? कोयंबटूर में पिछले महीने विस्फोट हुआ था. पुलिस सुरेंद्रन से पूछताछ कर रही है. सुरेंद्रन भी उसी 'डॉर्मिटरी' में ठहरा था, जिसमें शारिक रुका था और शारिक ने आधार कार्ड प्राप्त करने के लिए सुरेंद्रन से मित्रता की थी.

इस बीच मंगलुरु विस्फोट मामले की जांच कर रहे कर्नाटक पुलिस के अधिकारियों की एक टीम शारिक के संपकों की जांच के लिए केरल में एर्नाकुलम पहुंची. पुलिस सूत्रों ने कहा कि राज्य पुलिस की खुफिया शाखा भी इस संबंध में जांच कर रही है. (एक्स्ट्रा इनपुट- भाषा)

मंगलुरु/कोयंबटूर/तिरूवनंतपुरम: कर्नाटक के तटीय नगर मंगलुरु में 19 नवंबर को हुए विस्फोट की जांच का दायरा अब दो अन्य राज्यों में भी फैल गया है और केरल एवं तमिलनाडु में भी जांच शुरू की गई है. अब तक की जांच से पता लगा है कि मंगलुरु विस्फोट मामले का प्रमुख संदिग्ध 'वैश्विक आतंकवादी संगठन से प्रभावित' था और उसने हाल ही में तमिलनाडु और केरल का भी दौरा किया था. ऐसे में पुलिस दोनों राज्यों में उसके स्थानीय संपर्कों की तलाश कर रही है.

मंगलुरु विस्फोट का आरोपी मोहम्मद शारिक शनिवार को एक विस्फोट में झुलस गया था. कर्नाटक के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) (कानून व्यवस्था) आलोक कुमार ने सोमवार को कहा, 'उसका आका सुदगुंटेपल्या (बेंगलुरु) का अब्दुल मतीन ताहा है जिस पर राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण ने पांच लाख रुपये का इनाम घोषित किया है.'

  • Mangaluru auto blast | Premises were searched and a lot of explosives material, matchboxes, nut bolts, circuits were found. We've come to know sources of it because some purchases were made online & some others offline. We're working on it: ADGP, Law & Order

    (Pics 2-4: Police) pic.twitter.com/SWZPhNMAVg

    — ANI (@ANI) November 21, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एडीजीपी आलोक कुमार ने बताया कि आरोपी शारिक के खिलाफ तीन मामले दर्ज हैं, जिसमें से दो मंगलुरु शहर में और एक शिवमोग्गा में दर्ज हैं. उस पर दो मामलों में यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया, जबकि तीसरे मामले में वह वांछित था. वह लंबे समय से फरार चल रहा था. उन्होंने बताया कि शारिक, अराफात अली के इशारे पर काम कर रहा था, जो दो मामलों में आरोपी है.

उन्होंने बताया कि अराफात अली, अल-हिंद मॉड्यूल मामले के आरोपी मुस्सविर हुसैन के संपर्क में था. वहीं, अन्य एक शख्स अब्दुल मतीन ताहा उन आरोपियों में से एक है और हमारी जानकारी के अनुसार वह शारिक का मुख्य हैंडलर है. शारिक दो से तीन अन्य लोगों से भी संपर्क में था, जिनकी पहचान होनी अभी बाकी है. उन्होंने कहा, 'हमने सात स्थानों पर तलाशी ली है और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त किया है, जिनकी सामग्री को देखा जा रहा है.'

उन्होंने कहा, 'हम यह भी जांच करने जा रहे हैं कि क्या दूरस्थ व्यक्तियों का उसके साथ कोई संपर्क है या यदि कुछ ऐसे व्यक्ति हैं जो उसे आर्थिक रूप से समर्थन देते रहे हैं. हम कह सकते हैं कि उसके कृत्यों को एक वैश्विक आतंकवादी संगठन द्वारा प्रेरित और प्रभावित किया गया है. एडीजीपी आलोक कुमार ने कहा, "आज जब उसका परिवार उससे मिलने अस्पताल में आया तो हमने उसकी पहचान की और पुष्टि की.' इधर, सूत्रों के मुताबिक मंगलुरु ऑटोरिक्शा विस्फोट को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपे जाने की संभावना है.

तमिलनाडु पुलिस ने संदिग्ध युवक से पूछताछ की
वहीं, मंगलुरु ऑटो विस्फोट की घटना के आरोपी के साथ संदिग्ध संबंधों को लेकर तमिलनाडु पुलिस कन्याकुमारी जिले में नागरकोविल के एक युवक से पूछताछ की है. ऑटो ब्लास्ट की घटना के बाद, तमिलनाडु पुलिस ने राज्य और जिले की सीमाओं पर चौकियों की स्थापना की है और हर वाहन का परीक्षण किया जा रहा है.

इससे पहले तमिलनाडु पुलिस ने नीलगिरी जिले के ऊटी से एक व्यक्ति को मंगलुरु ऑटो विस्फोट के आरोपियों के साथ उसके संदिग्ध संबंधों के आरोप में गिरफ्तार किया था. ऐसे में असम के अजीम रहमान को विशेष जांच पुलिस अधिकारियों ने सोमवार (21 नवंबर) को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस द्वारा की गई जांच में पता चला है कि असम का रहने वाला अजीम रहमान 2012 से तमिलनाडु में रह रहा है. वह पिछले तीन साल से नागरकोविल के कंबलम इलाके में एक फास्ट फूड की दुकान पर काम कर रहा था. उसके दुकान मालिक की पत्नी एक निजी बैंक में कार्यरत है. जांच में पता चला है कि इस मामले में पिछले साल सितंबर में महिला (दुकान मालिक की पत्नी) को एक अनजान नंबर से गलत कॉल आया था.

आगे की जानकारी के बारे में पुलिस ने कहा, 'इसके बाद उस व्यक्ति ने फोन पर हिंदी में बात की. तो उसने अजीम को फोन दिया और बात करने को कहा. अज़ीम रहमान ने जब इस नंबर पर कॉल की तो फोन काट दिया. ऐसे में लग रहा है कि अज़ीम रहमान ने मंगलुरु में हुए कार बम कांड से जुड़े शख्स को इसी महीने दोबारा फोन किया. ऐसा समझा जा रहा है कि मंगलोर धमाकों में शामिल लोगों की मदद असीम रहमान ने की होगी.

तमिलनाडु पुलिस यह भी पता लगा रही है कि क्या राज्य में शारिक का कोई साथी है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि अब यह साफ हो गया है कि शारिक ने ऊटी के निवासी सुरेंद्रन के आधार कार्ड का उपयोग करके एक सिम कार्ड खरीदा था. उन्होंने कहा कि इस बात की जांच की जा रही है कि शारिक सितंबर में कोयंबटूर में ठहरा था और वह उसका यहां ठहरना कहीं किसी आपराधिक साजिश का हिस्सा तो नहीं था? कोयंबटूर में पिछले महीने विस्फोट हुआ था. पुलिस सुरेंद्रन से पूछताछ कर रही है. सुरेंद्रन भी उसी 'डॉर्मिटरी' में ठहरा था, जिसमें शारिक रुका था और शारिक ने आधार कार्ड प्राप्त करने के लिए सुरेंद्रन से मित्रता की थी.

इस बीच मंगलुरु विस्फोट मामले की जांच कर रहे कर्नाटक पुलिस के अधिकारियों की एक टीम शारिक के संपकों की जांच के लिए केरल में एर्नाकुलम पहुंची. पुलिस सूत्रों ने कहा कि राज्य पुलिस की खुफिया शाखा भी इस संबंध में जांच कर रही है. (एक्स्ट्रा इनपुट- भाषा)

Last Updated : Nov 21, 2022, 9:01 PM IST
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