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बहन ने सगे भाई को भिजवाया जेल, वजह 6 लाख का चेक, जानें मामला - Punishment for check bounce

एक सगी बहन ने अपने भाई के खिलाफ केस लड़कर उसे चार महीने की सजा दिलवाई है. मामला काशीपुर साल 2018 का है. भाई ने विश्वास में लेकर बहन से कर्ज लिया था. मांगने पर एक चेक दिया जो बाउंस हो गया. जवाब मांगा गया तो भी संतोषजनक उत्तर नहीं दिया. बहन के पास इंसाफ के लिए कोर्ट का रास्ता था. उसने वही किया और अब दोषी भाई को चार महीने की सजा हुई है.

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Published : Dec 1, 2022, 9:16 PM IST

काशीपुर: एक शख्स को उसकी सगी बहन ने सजा दिलवाई है. ये पूरा मामला 6 लाख रुपये का चेक बाउंस होने से जुड़ा है. इस केस में एसीजेएम द्वितीय रुचिका गोयल की अदालत ने चेक बाउंस होने के दोषी बलवंत को चार महीने के कारावास और साढ़े छह लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माना जमा नहीं करने पर आरोपी को एक महीने का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा.

दरअसल, काशीपुर के आईटीआई थाना क्षेत्र के खड़कपुर देवीपुरा निवासी निर्मला ने अपने अधिवक्ता सूरज कुमार के माध्यम से एसीजेएम द्वितीय की अदालत में परिवाद दायर किया था. कोर्ट को उसने बताया कि आरोपी बलवंत सिंह और वो सगे भाई-बहन हैं. सात अक्टूबर 2018 को बलवंत उसके घर आया और बेटे की शादी के लिए छह लाख रुपये उधार मांगे.
पढ़ें- पति ने 24 साल बाद अपने भाई से करा दी पत्नी की शादी

भाई बलवंत ने अगस्त 2019 तक रकम लौटाने का भरोसा दिलाया था. महिला ने विश्वास कर पति ओमकार के सामने 14 अक्टूबर 2018 को बलवंत को छह लाख रुपये दे दिए. मियाद पूरी होने पर निर्मला ने भाई से उधार दी गई रकम मांगी तो बलवंत ने उसे छह लाख रुपये का चेक दे दिया.

महिला ने 27 अगस्त 2019 को इलाहाबाद बैंक की काशीपुर शाखा में भाई से मिला चेक भुगतान के लिए लगाया तो वो बाउंस हो गया. इसके बाद भाई को नोटिस भेजा गया, लेकिन उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया.

परिवाद पर सुनवाई कर अदालत ने आरोपी को कोर्ट में तलब किया. दोनों पक्षों को सुनने और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर एसीजेएम द्वितीय ने आरोपी बलवंत को एनआई एक्ट में दोषी पाया. अदालत ने आरोपी को चार माह की सजा और साढ़े छह लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.

काशीपुर: एक शख्स को उसकी सगी बहन ने सजा दिलवाई है. ये पूरा मामला 6 लाख रुपये का चेक बाउंस होने से जुड़ा है. इस केस में एसीजेएम द्वितीय रुचिका गोयल की अदालत ने चेक बाउंस होने के दोषी बलवंत को चार महीने के कारावास और साढ़े छह लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माना जमा नहीं करने पर आरोपी को एक महीने का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा.

दरअसल, काशीपुर के आईटीआई थाना क्षेत्र के खड़कपुर देवीपुरा निवासी निर्मला ने अपने अधिवक्ता सूरज कुमार के माध्यम से एसीजेएम द्वितीय की अदालत में परिवाद दायर किया था. कोर्ट को उसने बताया कि आरोपी बलवंत सिंह और वो सगे भाई-बहन हैं. सात अक्टूबर 2018 को बलवंत उसके घर आया और बेटे की शादी के लिए छह लाख रुपये उधार मांगे.
पढ़ें- पति ने 24 साल बाद अपने भाई से करा दी पत्नी की शादी

भाई बलवंत ने अगस्त 2019 तक रकम लौटाने का भरोसा दिलाया था. महिला ने विश्वास कर पति ओमकार के सामने 14 अक्टूबर 2018 को बलवंत को छह लाख रुपये दे दिए. मियाद पूरी होने पर निर्मला ने भाई से उधार दी गई रकम मांगी तो बलवंत ने उसे छह लाख रुपये का चेक दे दिया.

महिला ने 27 अगस्त 2019 को इलाहाबाद बैंक की काशीपुर शाखा में भाई से मिला चेक भुगतान के लिए लगाया तो वो बाउंस हो गया. इसके बाद भाई को नोटिस भेजा गया, लेकिन उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया.

परिवाद पर सुनवाई कर अदालत ने आरोपी को कोर्ट में तलब किया. दोनों पक्षों को सुनने और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर एसीजेएम द्वितीय ने आरोपी बलवंत को एनआई एक्ट में दोषी पाया. अदालत ने आरोपी को चार माह की सजा और साढ़े छह लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.

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