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MP: सोमनाथ की दंडवत यात्रा पर निकले सतवीर यादव, 8 हजार KM का कर चुके हैं सफर - सतवीर यादव की दंडवत यात्रा

सतवीर यादव देश के तमाम लोगों को अमन-चैन का संदेश देने के लिए विभिन्न स्थानों पर दंडवत यात्रा करते हुए पहुंचने का संकल्प लिया है. वह बताते हैं कि उनका यह संकल्प तभी पूरा होगा जब विभिन्न संप्रदाय और समाज के लोग अमन चैन के साथ रह सकें.

man on dandwat yatra by roads vidisha to Somanath
विदिशा से सोमनाथ की दंडवत यात्रा
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Published : May 26, 2023, 5:33 PM IST

विदिशा से सोमनाथ की दंडवत यात्रा

इंदौर। भीषण गर्मी के चलते जहां लोगों का दोपहर में घर से बाहर निकलना मुश्किल है वहीं एक ऐसा भी शख्स है जो इंदौर देवास बायपास की तपती सड़क पर दंडवत करते हुए अमन चैन के लिए प्रतिदिन 3 किलोमीटर दंडवत प्रणाम करते हुए सोमनाथ मंदिर की ओर बढ़ रहा है, दरअसल यह सच है विदिशा के पीपलधार नटेरन गांव का सतवीर यादव जो देश में अमन चैन और खुशहाली के लिए पिछले 7 महीने से इसी तरह दंडवत यात्रा करते हुए सोमनाथ और द्वारकाधीश मंदिर जा रहा है.

man on dandwat yatra by roads vidisha to Somanath
3 किमी की रोज यात्रा

8 हजार KM की दंजवत यात्रा: इंदौर देवास बाईपास से गुजरते हुए रास्ते में दंडवत परिक्रमा करते हुए गुजर रहे सतवीर यादव बताते हैं कि वह कोई जोगी बाबा तांत्रिक या ज्ञानी ध्यानी नहीं है बस सामान्य भक्त हैं जो सबका भला चाहते हैं और अमन चैन और लोगों की भलाई के लिए ही अपनी छोटी सी उम्र से ही धार्मिक आस्था में लीन हुए सतवीर अब दंडवत यात्रा को ही अपने जीवन का सफर बना चुके हैं. 6 साल पहले भी उन्होंने 21 दिन की दंडवत यात्रा की थी इसके बाद वे पीपलधार से सिरोंज के देवधर पुर धाम की यात्रा समेत छह दंडवत यात्रा अब तक पूरी कर चुके हैं. सतवीर यादव बीते 7 सालों में इन यात्राओं के दौरान मथुरा वृंदावन काशी अयोध्या और देवी के शक्तिपीठ के लिए भी करीब 8000 किलोमीटर की दंडवत यात्रा संपन्न कर चुके हैं.

man on dandwat yatra by roads vidisha to Somanath
विदिशा से सोमनाथ की दंडवत यात्रा

रोजाना 3 KM की यात्रा: सतवीर बताते हैं कि उनकी दंडवत यात्रा की कोई भी आखरी मंजिल नहीं है लेकिन वह पिछले 7 महीने से विदिशा से दंडवत यात्रा पर निकले हैं जो अब इंदौर बायपास तक पहुंचे हैं. उनकी फिलहाल इच्छा है कि पाकिस्तान की हिंगलाज देवी के दर पर वे माथा टेकना चाहते हैं लेकिन इसके पहले वे इंदौर से गुजरात के सोमनाथ और द्वारकाधीश दंडवत यात्रा करते हुए निकले हैं. वह प्रतिदिन 3 किलोमीटर का सफर दंडवत यात्रा करते हुए करते हैं इसके बाद जहां रुकते हैं वहीं लाइन खींच कर ठहर जाते हैं. इसके बाद वही रात रुक कर अगले दिन सुबह से उनका दंडवत प्रणाम सड़क पर इसी तरह शुरू हो जाता है. दंडवत यात्रा मे वह सड़क पर लेट कर उठने और फिर लेट कर आगे बमुश्किल आगे बढ़ा जाता है. इस दौरान उनके हाथ में नारियल होता है जो दंडवत करते समय वह लेटने जितनी दूरी पर आगे रख देते हैं. बाद में फिर उसी नारियल को उठाकर उतनी ही दूरी पर फिर दंडवत प्रणाम करते हैं. फिलहाल उनकी कोशिश इंदौर होते ओमकारेश्वर पहुंचने की है जहां से वे दंडवत यात्रा करते हुए गुजरात के सौराष्ट्र में पढ़ने वाले सोमनाथ मंदिर पहुंचेंगे.

man on dandwat yatra by roads vidisha to Somanath
दिन में करते हैं यात्रा

सोमनाथ तक दंडवत यात्रा: सतवीर बताते हैं कि जिस तरह उन्हें विदिशा से यहां तक आने में 7 महीने लग गए. उसी तरह सोमनाथ तक पहुंचने में उन्हें ढाई साल से ज्यादा समय लग सकता है लेकिन देश में अमन चैन और खुशहाली की कामना में वे हर तकलीफ और संघर्ष सहने को तैयार हैं. सतवीर यादव बताते है कि भोजन, रुकने की व्यवस्था के लिए कोई ना कोई भगत मिल जाता है. गृहस्थी और सामान के नाम पर यह एक झोला है जिसे साथ मे धकाता चलता हूं. रोजाना सुबह 7 से शाम 5 बजे तक यात्रा करता हूं फिर वही विश्राम करता हूं इस दौरान जो भी दानदाता या भक्त खाने के लिए जो देता है उसी से गुजारा हो जाता है.

विदिशा से सोमनाथ की दंडवत यात्रा

इंदौर। भीषण गर्मी के चलते जहां लोगों का दोपहर में घर से बाहर निकलना मुश्किल है वहीं एक ऐसा भी शख्स है जो इंदौर देवास बायपास की तपती सड़क पर दंडवत करते हुए अमन चैन के लिए प्रतिदिन 3 किलोमीटर दंडवत प्रणाम करते हुए सोमनाथ मंदिर की ओर बढ़ रहा है, दरअसल यह सच है विदिशा के पीपलधार नटेरन गांव का सतवीर यादव जो देश में अमन चैन और खुशहाली के लिए पिछले 7 महीने से इसी तरह दंडवत यात्रा करते हुए सोमनाथ और द्वारकाधीश मंदिर जा रहा है.

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3 किमी की रोज यात्रा

8 हजार KM की दंजवत यात्रा: इंदौर देवास बाईपास से गुजरते हुए रास्ते में दंडवत परिक्रमा करते हुए गुजर रहे सतवीर यादव बताते हैं कि वह कोई जोगी बाबा तांत्रिक या ज्ञानी ध्यानी नहीं है बस सामान्य भक्त हैं जो सबका भला चाहते हैं और अमन चैन और लोगों की भलाई के लिए ही अपनी छोटी सी उम्र से ही धार्मिक आस्था में लीन हुए सतवीर अब दंडवत यात्रा को ही अपने जीवन का सफर बना चुके हैं. 6 साल पहले भी उन्होंने 21 दिन की दंडवत यात्रा की थी इसके बाद वे पीपलधार से सिरोंज के देवधर पुर धाम की यात्रा समेत छह दंडवत यात्रा अब तक पूरी कर चुके हैं. सतवीर यादव बीते 7 सालों में इन यात्राओं के दौरान मथुरा वृंदावन काशी अयोध्या और देवी के शक्तिपीठ के लिए भी करीब 8000 किलोमीटर की दंडवत यात्रा संपन्न कर चुके हैं.

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विदिशा से सोमनाथ की दंडवत यात्रा

रोजाना 3 KM की यात्रा: सतवीर बताते हैं कि उनकी दंडवत यात्रा की कोई भी आखरी मंजिल नहीं है लेकिन वह पिछले 7 महीने से विदिशा से दंडवत यात्रा पर निकले हैं जो अब इंदौर बायपास तक पहुंचे हैं. उनकी फिलहाल इच्छा है कि पाकिस्तान की हिंगलाज देवी के दर पर वे माथा टेकना चाहते हैं लेकिन इसके पहले वे इंदौर से गुजरात के सोमनाथ और द्वारकाधीश दंडवत यात्रा करते हुए निकले हैं. वह प्रतिदिन 3 किलोमीटर का सफर दंडवत यात्रा करते हुए करते हैं इसके बाद जहां रुकते हैं वहीं लाइन खींच कर ठहर जाते हैं. इसके बाद वही रात रुक कर अगले दिन सुबह से उनका दंडवत प्रणाम सड़क पर इसी तरह शुरू हो जाता है. दंडवत यात्रा मे वह सड़क पर लेट कर उठने और फिर लेट कर आगे बमुश्किल आगे बढ़ा जाता है. इस दौरान उनके हाथ में नारियल होता है जो दंडवत करते समय वह लेटने जितनी दूरी पर आगे रख देते हैं. बाद में फिर उसी नारियल को उठाकर उतनी ही दूरी पर फिर दंडवत प्रणाम करते हैं. फिलहाल उनकी कोशिश इंदौर होते ओमकारेश्वर पहुंचने की है जहां से वे दंडवत यात्रा करते हुए गुजरात के सौराष्ट्र में पढ़ने वाले सोमनाथ मंदिर पहुंचेंगे.

man on dandwat yatra by roads vidisha to Somanath
दिन में करते हैं यात्रा

सोमनाथ तक दंडवत यात्रा: सतवीर बताते हैं कि जिस तरह उन्हें विदिशा से यहां तक आने में 7 महीने लग गए. उसी तरह सोमनाथ तक पहुंचने में उन्हें ढाई साल से ज्यादा समय लग सकता है लेकिन देश में अमन चैन और खुशहाली की कामना में वे हर तकलीफ और संघर्ष सहने को तैयार हैं. सतवीर यादव बताते है कि भोजन, रुकने की व्यवस्था के लिए कोई ना कोई भगत मिल जाता है. गृहस्थी और सामान के नाम पर यह एक झोला है जिसे साथ मे धकाता चलता हूं. रोजाना सुबह 7 से शाम 5 बजे तक यात्रा करता हूं फिर वही विश्राम करता हूं इस दौरान जो भी दानदाता या भक्त खाने के लिए जो देता है उसी से गुजारा हो जाता है.

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