ETV Bharat / bharat

इडुक्की जिले का युवक संकट को अवसर में बदला, लॉकडाउन में तैयार किया हैचरी - हैचरी प्लांट लगाने का जुगाड़ निकाला

केरल के इडुक्की जिला के राजकुमारी गांव के एक युवा ने संकट को अवसर में बदल दिया. कोरोना लॉकडाउन के कारण जब गुजारा करना मुश्किल हो रहा था तो राजकुमारी गांव के एक युवा अभिजित ने इस संकट से निकलने का रास्ता निकाला.

Man make a hatchery himself during lockdown, survives on it now KERALA
इडुक्की जिले का युवक संकट को अवसर में बदला, तैयार किया हैचरी
author img

By

Published : Jan 22, 2022, 8:44 AM IST

इडुक्की: केरल में इडुक्की जिला के राजकुमारी गांव के एक युवा ने संकट को अवसर में बदल दिया. कोरोना के कारण लॉकडाउन से जब गुजारा करना मुश्किल हो रहा था तो राजकुमारी गांव के एक युवा अभिजित ने इस संकट से निकलने का रास्ता निकाला. उसने यूट्यूब (Youtube) पर स्वरोजगार से जुड़े कई वीडियो देखे जिसमें उसे हैचरी (मुर्गी के अंडे से चूजा बनाना) का व्यवसाय पसंद आया.

उस इलाके में चूजों की मांग भी थी. फिर उसने हैचरी प्लांट लगाने के बारे में सोचा. लेकिन उसके पास इतने पैसे नहीं थे, कि वह यह काम शुरू कर सके. फिर यूट्यूब पर ही विडियो देखकर उसने हैचरी प्लांट लगाने का जुगाड़ निकाला. उसने बल्ब, तार, हीटर, फैन आदि सामान ऑनलाइन मंगवाकर एक छोटा सा जुगाड़ वाला इनक्यूबेटर तैयार किया. इस इनक्यूबेटर में अंडे को कृत्रिम रूप से सेते हैं. इसमें अंडे को बल्ब और हीटर से जरूरत के हिसाब से गर्मी प्रदान कर अंडे से चूजा बनाया बनाते हैं. और इस तरह उसने प्रोजेक्ट लगाया.

जुगाड़ हैचरी
जुगाड़ हैचरी

एक बार जब उसका इनक्यूबेटर इस्तेमाल के लिए तैयार हो गया तो उसने अपने हैचरी में अंडे डाल कर उसका चूजा बनाना शुरू किया. जैसे ही वह इसमें सफल रहा उसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा. अब तक वह 3000 से अधिक चूजों को जन्म दे चुका है. अभिजीत ज्यादातर देसी चिकन की किस्मों और 'ब्लैक चिकन' पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसमें औषधीय गुण होते हैं.

ये भी पढ़ें- ताजमहल देखने के लिए ऑनलाइन टिकट कटाने वाले, हो जाइए सावधान

उनका कहना है कि अंडे सेने में 18 से 22 दिन लगते हैं और एक बार चूजों के निकलने के बाद उन्हें लकड़ी के पिंजरों में रख दिया जाता है. वह पिंजरों में गर्मी प्रदान करने के लिए बिजली के बल्बों का उपयोग करता है. अभिजित का कारोबार धीरे धीरे बढ़ने लगा. इसे देखते हुए वह अब बड़ा हैचरी तैयार करवा रहा है जिसमें वह एक बार में 1500 चूजा तैयार कर सकता है.

इडुक्की: केरल में इडुक्की जिला के राजकुमारी गांव के एक युवा ने संकट को अवसर में बदल दिया. कोरोना के कारण लॉकडाउन से जब गुजारा करना मुश्किल हो रहा था तो राजकुमारी गांव के एक युवा अभिजित ने इस संकट से निकलने का रास्ता निकाला. उसने यूट्यूब (Youtube) पर स्वरोजगार से जुड़े कई वीडियो देखे जिसमें उसे हैचरी (मुर्गी के अंडे से चूजा बनाना) का व्यवसाय पसंद आया.

उस इलाके में चूजों की मांग भी थी. फिर उसने हैचरी प्लांट लगाने के बारे में सोचा. लेकिन उसके पास इतने पैसे नहीं थे, कि वह यह काम शुरू कर सके. फिर यूट्यूब पर ही विडियो देखकर उसने हैचरी प्लांट लगाने का जुगाड़ निकाला. उसने बल्ब, तार, हीटर, फैन आदि सामान ऑनलाइन मंगवाकर एक छोटा सा जुगाड़ वाला इनक्यूबेटर तैयार किया. इस इनक्यूबेटर में अंडे को कृत्रिम रूप से सेते हैं. इसमें अंडे को बल्ब और हीटर से जरूरत के हिसाब से गर्मी प्रदान कर अंडे से चूजा बनाया बनाते हैं. और इस तरह उसने प्रोजेक्ट लगाया.

जुगाड़ हैचरी
जुगाड़ हैचरी

एक बार जब उसका इनक्यूबेटर इस्तेमाल के लिए तैयार हो गया तो उसने अपने हैचरी में अंडे डाल कर उसका चूजा बनाना शुरू किया. जैसे ही वह इसमें सफल रहा उसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा. अब तक वह 3000 से अधिक चूजों को जन्म दे चुका है. अभिजीत ज्यादातर देसी चिकन की किस्मों और 'ब्लैक चिकन' पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसमें औषधीय गुण होते हैं.

ये भी पढ़ें- ताजमहल देखने के लिए ऑनलाइन टिकट कटाने वाले, हो जाइए सावधान

उनका कहना है कि अंडे सेने में 18 से 22 दिन लगते हैं और एक बार चूजों के निकलने के बाद उन्हें लकड़ी के पिंजरों में रख दिया जाता है. वह पिंजरों में गर्मी प्रदान करने के लिए बिजली के बल्बों का उपयोग करता है. अभिजित का कारोबार धीरे धीरे बढ़ने लगा. इसे देखते हुए वह अब बड़ा हैचरी तैयार करवा रहा है जिसमें वह एक बार में 1500 चूजा तैयार कर सकता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.