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कर्नाटक: बच्चे से अप्राकृतिक यौन संबंध और हत्या के दोषी व्यक्ति को मौत की सजा - fast track court

बेंगलुरु की फास्ट ट्रैक कोर्ट (fast track court) ने एक साल के बच्चे के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने और उसकी हत्या के आरोप में एक व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई है.

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फास्ट ट्रैक कोर्ट
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Published : Nov 19, 2022, 4:01 PM IST

Updated : Nov 19, 2022, 10:32 PM IST

बेंगलुरु: बेंगलुरु की फास्ट ट्रैक अदालत (fast track court) ने एक व्यक्ति को एक साल के बच्चे के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने और 2015 में उसकी हत्या करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई है. यशवंतपुर के करीमनी स्लम इलाके के रहने वाले मूर्ति पर बच्चे के साथ अप्राकृतिक यौनाचार करने और उसकी हत्या करने का आरोप लगाया गया था.

न्यायाधीश केएन रूपा (Judge KN Roopa) ने आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत अपराध के लिए मौत की सजा और अप्राकृतिक यौन कृत्य के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई. दोषी पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. बेंगलुरु सिटी डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी को बच्चे के परिवार को पांच लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया गया है.

बता दें कि आरोपी और पीड़िता के पिता एक-दूसरे को जानते थे. 12 सितंबर 2015 को बच्चे के पिता ने आरोपी को बेटे की देखभाल का जिम्मा सौंपा क्योंकि उसे कुछ जरूरी काम था. बाद में आरोपी बच्चे को यशवंतपुर के पास सूनसान इलाके में ले गया और घटना को अंजाम दिया. वहीं जब बच्चे के रोने की आवाज ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया तो आरोपी डर गया और उसे पीट-पीट कर मार डाला.

ये भी पढ़ें - राजीव गांधी हत्याकांड: सरकार ने दोषियों की रिहाई के आदेश की समीक्षा के लिए दायर की याचिका

बेंगलुरु: बेंगलुरु की फास्ट ट्रैक अदालत (fast track court) ने एक व्यक्ति को एक साल के बच्चे के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने और 2015 में उसकी हत्या करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई है. यशवंतपुर के करीमनी स्लम इलाके के रहने वाले मूर्ति पर बच्चे के साथ अप्राकृतिक यौनाचार करने और उसकी हत्या करने का आरोप लगाया गया था.

न्यायाधीश केएन रूपा (Judge KN Roopa) ने आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत अपराध के लिए मौत की सजा और अप्राकृतिक यौन कृत्य के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई. दोषी पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. बेंगलुरु सिटी डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी को बच्चे के परिवार को पांच लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया गया है.

बता दें कि आरोपी और पीड़िता के पिता एक-दूसरे को जानते थे. 12 सितंबर 2015 को बच्चे के पिता ने आरोपी को बेटे की देखभाल का जिम्मा सौंपा क्योंकि उसे कुछ जरूरी काम था. बाद में आरोपी बच्चे को यशवंतपुर के पास सूनसान इलाके में ले गया और घटना को अंजाम दिया. वहीं जब बच्चे के रोने की आवाज ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया तो आरोपी डर गया और उसे पीट-पीट कर मार डाला.

ये भी पढ़ें - राजीव गांधी हत्याकांड: सरकार ने दोषियों की रिहाई के आदेश की समीक्षा के लिए दायर की याचिका

Last Updated : Nov 19, 2022, 10:32 PM IST
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