मथुरा : अदालत ने मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला से बलात्कार के मामले में 47 वर्षीय एक व्यक्ति को 20 साल जेल की सजा सुनाई और 2.20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. साथ ही कहा कि यदि वह जुर्माना जमा करने में विफल रहता है तो उसे पांच साल और जेल में बिताने होंगे.
इस बारे में अतिरिक्त जिला सरकारी वकील सुभाष चतुर्वेदी ने शनिवार को बताया कि घटना 9 जुलाई 2018 की आधी रात को हुई जब महिला की मां और उसके दो रिश्तेदार गोवर्धन परिक्रमा कर रहे थे.उन्होंने बताया कि घटना 9 जुलाई 2018 की आधी रात को हुई जब महिला की मां और उसके दो रिश्तेदार गोवर्धन परिक्रमा कर रहे थे. इस दौरान महिला भी उनके साथ चल रही थी, लेकिन थकान महसूस होने पर वह कार में लौट आई थी. महिला जब कार के पास पहुंची तो चालक वहां मौजूद था. इसीबीच कार चालक ने महिला के साथ दुष्कर्म किया और उसका मोबाइल फोन भी छीन लिया था. बता दें कि ये महिला व उसकी मां सहित सभी अपने पैतृक गांव इटावा से मथुरा कार से आए थे.
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एडीजीसी ने कहा कि पीड़िता ने बाद में अपनी मां को पूरी घटना के बारे में बताया तो वे लोग कार चालक से भिड़ गए. फलस्वरूप कार चालक ने 11 जुलाई 2018 को अपना अपराध कबूल कर लिया था. वहीं इस संबंध में महिला की मां ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई. साथ ही महिला के बयान के आधार पर बाद में आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार) भी जोड़ी गई.
चतुर्वेदी ने कहा कि अतिरिक्त विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम अमर सिंह द्वारा जारी आदेश में आरोपी राघवेंद्र तिवारी को 2.20 लाख रुपये के जुर्माने के साथ 20 साल कैद की सजा सुनाई गई है. बचाव पक्ष के वकील ने न्यायाधीश से सजा देने में नरमी दिखाने का आग्रह करते हुए कहा कि दोषी को अपनी दो बेटियों की शादी करनी है.
हालांकि, एडीजीसी ने न्यायाधीश से आरोपी को उचित सजा देने का अनुरोध किया क्योंकि उसने मानसिक रूप से अस्वस्थ महिला से बलात्कार किया था. एडीजीसी ने कहा कि उस मामले में, सरकार पीड़ित परिवार को मुआवजे के रूप में राशि देगी.
(पीटीआई)