नई दिल्ली : अफगानिस्तान के रहने वाले एक व्यक्ति से दो करोड़ के कीमती पन्ना पत्थर ठगी के मामले में पुलिस ने कश्मीरी शख्स को गिरफ्तार किया है.
उसकी पहचान गुलाम हसन के रूप में हुई है. इस ठगी के चलते बीते 2 वर्षों से पीड़ित वापस अपने देश नहीं लौट सका था. लॉकडाउन के दौरान भी वह भारत में ही फंसा रहा.
संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा के अनुसार, अफगानिस्तान निवासी सैयद शाह पन्ना अपने देश में पत्थर का कारोबार हैं. 26 जुलाई 2019 को वह पन्ना पत्थरों को बेचने के लिए भारत आए थे. उन्हें एक शख्स ने पन्ना खरीदने के लिए भारत बुलाया था. उसके लिए उसने अफगानिस्तान में एडवांस भी दे दिया था लेकिन कुछ कारणों से वह इस पत्थर को नहीं खरीद सका.
भारत में रहने के दौरान अफगानी निवासी की मुलाकात गुलाम हसन नाम के शख्स से हुई. जिसने बताया कि वह इन पन्ना पत्थरों को ऊंची कीमत पर बिकवा सकता है. सैयद ने विश्वास करते हुए उसके कहने पर पन्ना पत्थर बेचने की बात मान ली.
21 लाख रुपये में ले गया करोड़ों के पन्ना पत्थर
आरोप है कि सैयद ने 1940 कैरेट का पन्ना पत्थर गुलाम को दिया, जिसकी कीमत 6 से 8 हजार रुपये प्रति कैरेट थी. 3 दिन बाद उसके पास गुलाम आया और उसने बताया कि 5000 रुपये प्रति कैरेट के हिसाब से उसने यह पन्ना बेच दिया है. उसने सात लाख रुपये दिए और बताया कि बकाया राशि भी उन्हें जल्द मिल जाएगी.
केवल चार लाख रुपये ही मिले
इसके बाद वह उनसे 2210 कैरेट का बड़ा पन्ना पत्थर ले गया, जिसकी कीमत 15 से 16 हजार रुपये प्रति कैरेट थी. 3 दिन बाद उसने बताया कि 8 हजार रुपये प्रति कैरेट के हिसाब से उसने यह पन्ना बेच दिया है.
10 लाख रुपये गुलाम ने दिए और बकाया राशि भी जल्द देने का आश्वासन दिया. इसके बाद उन्होंने कई बार उससे रुपए मांगे, लेकिन उन्हें केवल चार लाख रुपये ही मिले.
जयपुर में हुआ समझौता, नहीं लौटाए रुपये
गुलाम ने उन्हें न तो रुपए दिए और न ही पन्ना पत्थर लौटाए. बाद में उन्हें पता चला कि वह झूठ बोल रहा है और उसने पन्ना पत्थर नहीं बेचे हैं. उन्होंने कई बार उससे अपने पन्ना पत्थर वापस मांगे.
8 फरवरी 2020 को जयपुर में उनकी गुलाम से मीटिंग हुई, जिसमें उसने 18 फरवरी तक रुपये लौटाने की बात कही. लेकिन उसने इस बार भी वादा तोड़ दिया.
पन्ना पत्थर की कीमत 1.76 करोड़
जुलाई 2019 से आए अफगानी नागरिक सैयद ठगी के चलते वापस नहीं जा सके. लॉकडाउन में वह जयपुर में फंसे रहे. इसके बाद वह दिल्ली आये, लेकिन यहां फिर गुलाम ने उन्हें पैसे नहीं दिए.
पीड़ित ने पुलिस को बताया कि छोटे पन्ना पत्थर की कीमत लगभग 97 लाख रुपये, जबकि बड़े पन्ना पत्थर की कीमत 1.76 करोड़ रुपये थी, लेकिन उन्हें केवल 21 लाख रुपये दिए गए. बकाया राशि आरोपी नहीं दे रहा है.
आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार
इस बाबत आर्थिक अपराध शाखा ने मामला दर्ज कर छानबीन के दौरान समझौते के गवाहों का बयान दर्ज किया. उन्होंने बताया कि गुलाम हसन ने उनके सामने समझौता किया था.
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डीसीपी विजयंता आर्य की देखरेख में एसीपी नगीन कौशिक की टीम ने आरोपी गुलाम हसन को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार किया गया आरोपी अनपढ़ है और मूल रूप से कश्मीर का रहने वाला है. वह बीते 40 साल से जामा मस्जिद इलाके में रहता है और यहीं पर अपना ढाबा चलाता है. इस ढाबे पर ही उसकी मुलाकात अफगानी नागरिक से हुई थी.