नई दिल्ली : एक शख्स ने योगी आदित्यनाथ बनकर फर्जी ईमेल आईडी से मेल भेज कर पब्लिक सेक्टर यूनिट्स से विज्ञापन लेने का प्रयास किया. फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी के इस मामले का खुलासा होने पर दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में FIR दर्ज की गई. लगभग 6 साल से फरार चल रहे आरोपी मनोज को स्पेशल सेल की साइबर सेल ने भुवनेश्वर से गिरफ्तार कर लिया है. उसके खिलाफ पहले भी जबरन उगाही का मामला दर्ज है.
डीसीपी केपीएस मल्होत्रा के अनुसार, छह साल पहले तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ के निजी सचिव राज भूषण सिंह रावत की तरफ से आर्थिक अपराध शाखा के साइबर सेल में एक शिकायत दर्ज कराई गई थी. इसमें उन्होंने बताया कि किसी ने उनकी फर्जी ईमेल आईडी बना रखी है. वह योगी आदित्यनाथ बनकर पब्लिक सेक्टर यूनिट्स जैसे पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, ONGC, गेल आदि में कई पत्र भेज चुका है. इस पर योगी आदित्यनाथ के जाली हस्ताक्षर किए गए हैं. इस बाबत वर्ष 2016 में आर्थिक अपराध शाखा में मामला दर्ज किया गया था.
छानबीन के दौरान ई-मेल को लेकर जांच की गई. इसके अलावा उसमें भेजे गए कंटेंट को लेकर भी छानबीन की गई. इससे पुलिस को पता चला कि यह पत्र ब्रेकिंग न्यूज़ नामक एक अंग्रेजी पत्रिका को विज्ञापन देने के लिए भेजे गए थे. आईपी एड्रेस खंगालने से पता चला कि मेल को भेजने वाला मनोज कुमार सेठ है. उसके फर्जीवाड़े का पता चलने के बाद से वह लगातार फरार चल रहा था. पुलिस से बचने के लिए वह बार-बार अपना ठिकाना बदल रहा था. एसीपी रमन लांबा की देखरेख में इंस्पेक्टर सज्जन कुमार की टीम ने 28 जनवरी को उसे भुवनेश्वर से गिरफ्तार कर लिया.
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पूछताछ के दौरान, आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह एक फ्रीलांस जर्नलिस्ट है. वह समाज का आइना नाम से अखबार चलाता है. उसने विज्ञापन लेने के लिए यह फर्जी पत्र लिखे थे. उसके खिलाफ वर्ष 2020 में कटक के चलियागंज थाने में भी जबरन उगाही का एक मामला दर्ज है.