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क्या ममता को साइकिल पर बैठा सूबे के सिंहासन तक पहुंचेंगे अखिलेश ?

उत्तर प्रदेश में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अब भाजपा की चुनौती बढ़ाने और कांग्रेस की काट निकालने को बंगाल मॉडल की तर्ज पर प्लानिंग शुरू कर दिए हैं. साथ ही दीदी के उन नारों को भी उन्होंने लिया है, जो बंगाल में भाजपा के लिए काल साबित हुए थे. वहीं, नारे को पॉपुलर करने के लिए पार्टी ने पूरे प्रदेश में पोस्टर लगाने का निर्णय लिया है. इसके अलावा सबसे खास बात यह है कि अब तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी खुद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के पक्ष में चुनाव प्रचार को लखनऊ आ रही हैं.

ममता
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Published : Nov 7, 2021, 2:19 PM IST

हैदराबाद: यूपी की सत्ता में आने को अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पश्चिम बंगाल की तर्ज पर जिलेवार प्लानिंग कर अपने कार्यकर्ताओं को कई समूहों में बांट रहे हैं. साथ ही जमीनी स्तर पर हर घर को कवर करने के लिए ममता की उस प्लानिंग को भी अखिलेश ने लिया है, जिसके तहत दावों की गणित को अधिक अहमियत देने पर बल दिया गया है. वहीं, सूत्रों की मानें तो तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी और अखिलेश यादव लगातार फोन के जरिए संपर्क में हैं. साथ ही खबर यह भी है कि छठ पूजा के बाद दीदी लखनऊ आ सकती है, जहां दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की आधिकारिक घोषणा हो सकती है.

'अब यूपी में खेला होई'

वहीं, पश्चिम बंगाल में ममता की सियासी हैट्रिक में विजयी स्लोगन बने 'खेला होबे' को अब समाजवादी पार्टी ने कॉपी करते हुए 'अब यूपी में खेला होई' का नारा दिया है. यानी कह सकते हैं कि अखिलेश यादव ने ममता के बंगाल मॉडल को अपनाते हुए चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है. सियासी जानकारों की मानें तो समाजवादी पार्टी के कर्णधार अखिलेश यादव को ममता का साथ मिलने से वे आत्मविश्वास से भरे नजर आ रहे हैं और सूबे में कांग्रेस की काट और भाजपा की चुनौती बढ़ाने को अखिलेश जल्द ही तृणमूल कांग्रेस संग गठबंधन की घोषणा कर सकते हैं.

ये भी पढ़े- बीजेपी नेता पर आंख उठाई तो आंखें निकाल लेंगे, हाथ उठे तो हाथ काट देंगे: भाजपा सांस

इधर, अखिलेश का आत्मविश्वास बढ़ने की एक बड़ी वजह यह भी है कि अब स्वयं ममता बनर्जी यूपी में आकर समाजवादी पार्टी के लिए प्रचार करने वाली हैं. पार्टी सूत्रों की मानें तो ममता बनर्जी के साथ ही जया बच्चन और डिंपल यादव की त्रिमूर्ति सूबे में सपा के लिए वोट मांगेगी.

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सपा नेताओं की मानें तो विशेष रणनीति के तहत तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी की उन जगहों पर रैलियां आयोजित की जाएंगी, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रैलियां करेंगे. वहीं, कुछ जिलों में ममता के रोड शो की भी रुपरेखा तैयार की गई है. हालांकि अखिलेश ने ममता के बंगाल मॉडल की शुरुआत चार महीने पहले ही शुरु कर दी थी, जब बीते जून में सपा ने कानपुर के प्रमुख चौराहों पर 'अब यूपी में खेला होई' के होर्डिंग और पोस्टर लगाने शुरू किए थे.

इधर, इस स्लोगन को पॉपुलर करने के लिए सपा ने पूरे प्रदेश में पोस्टर लगाने का निर्णय लिया है, ताकि भाजपा के खिलाफ माहौल बनाया जा सके. सपा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के बीच बातचीत फाइनल हो चुकी है और जल्द ही गठबंधन का एलान कर दिया जाएगा.

हैदराबाद: यूपी की सत्ता में आने को अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पश्चिम बंगाल की तर्ज पर जिलेवार प्लानिंग कर अपने कार्यकर्ताओं को कई समूहों में बांट रहे हैं. साथ ही जमीनी स्तर पर हर घर को कवर करने के लिए ममता की उस प्लानिंग को भी अखिलेश ने लिया है, जिसके तहत दावों की गणित को अधिक अहमियत देने पर बल दिया गया है. वहीं, सूत्रों की मानें तो तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी और अखिलेश यादव लगातार फोन के जरिए संपर्क में हैं. साथ ही खबर यह भी है कि छठ पूजा के बाद दीदी लखनऊ आ सकती है, जहां दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की आधिकारिक घोषणा हो सकती है.

'अब यूपी में खेला होई'

वहीं, पश्चिम बंगाल में ममता की सियासी हैट्रिक में विजयी स्लोगन बने 'खेला होबे' को अब समाजवादी पार्टी ने कॉपी करते हुए 'अब यूपी में खेला होई' का नारा दिया है. यानी कह सकते हैं कि अखिलेश यादव ने ममता के बंगाल मॉडल को अपनाते हुए चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है. सियासी जानकारों की मानें तो समाजवादी पार्टी के कर्णधार अखिलेश यादव को ममता का साथ मिलने से वे आत्मविश्वास से भरे नजर आ रहे हैं और सूबे में कांग्रेस की काट और भाजपा की चुनौती बढ़ाने को अखिलेश जल्द ही तृणमूल कांग्रेस संग गठबंधन की घोषणा कर सकते हैं.

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इधर, अखिलेश का आत्मविश्वास बढ़ने की एक बड़ी वजह यह भी है कि अब स्वयं ममता बनर्जी यूपी में आकर समाजवादी पार्टी के लिए प्रचार करने वाली हैं. पार्टी सूत्रों की मानें तो ममता बनर्जी के साथ ही जया बच्चन और डिंपल यादव की त्रिमूर्ति सूबे में सपा के लिए वोट मांगेगी.

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सपा नेताओं की मानें तो विशेष रणनीति के तहत तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी की उन जगहों पर रैलियां आयोजित की जाएंगी, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रैलियां करेंगे. वहीं, कुछ जिलों में ममता के रोड शो की भी रुपरेखा तैयार की गई है. हालांकि अखिलेश ने ममता के बंगाल मॉडल की शुरुआत चार महीने पहले ही शुरु कर दी थी, जब बीते जून में सपा ने कानपुर के प्रमुख चौराहों पर 'अब यूपी में खेला होई' के होर्डिंग और पोस्टर लगाने शुरू किए थे.

इधर, इस स्लोगन को पॉपुलर करने के लिए सपा ने पूरे प्रदेश में पोस्टर लगाने का निर्णय लिया है, ताकि भाजपा के खिलाफ माहौल बनाया जा सके. सपा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के बीच बातचीत फाइनल हो चुकी है और जल्द ही गठबंधन का एलान कर दिया जाएगा.

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