कोलकाता/नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल और मौजूदा उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की तृणमूल कांग्रेस नेता कल्याण बनर्जी द्वारा मिमिक्री करने के बाद मामला लगातार विवादित होता जा रहा है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहले ही इस मुद्दे पर खुलकर बात कर चुकी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपना असंतोष जताया. ऐसे में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर सवाल उठाया.
पहले तो वह इस मामले पर कुछ भी कहने से बचती रहीं, लेकिन बाद में उन्होंने मामले को हल्का करने की कोशिश की. बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि 'मैं इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगी. हमारे संसदीय दल के नेता सुदीप बनर्जी और डेरेक-ओ'ब्रायन इस पर अपनी राय रखेंगे.'
उसके बाद भी, पत्रकारों ने उनसे बार-बार इसी मुद्दे पर सवाल किया और पूछा कि क्या वह पार्टी सुप्रीमो के रूप में इस अधिनियम का समर्थन करती हैं. ममता बनर्जी ने कहा कि 'यह हल्के-फुल्के अंदाज में है. हम किसी का अनादर नहीं करते. हमारा इरादा अनादर करने का नहीं है. इसके अलावा, अगर राहुल गांधी अपने मोबाइल फोन पर वीडियोग्राफी नहीं करते तो शायद किसी को इसके बारे में पता नहीं चलता.'
जब ममता बनर्जी ये बोल रही थीं तो पत्रकारों ने पूछा कि क्या आप इस बयान से कल्याण बनर्जी के काम का समर्थन कर रही हैं. तो इस पर बंगाल की मुख्यमंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद उन्होंने कहा कि 'अगर आज किसी के पास बंगाल के बारे में कोई सवाल है, तो मैं उनका जवाब दूंगी. मैं इस बारे में कुछ नहीं कहूंगी. अब और कोई बात नहीं.'
लेकिन जब सवाल उठता है देश के उपराष्ट्रपति का अपमान करने का. राजनीतिक हलके के एक वर्ग ने ममता बनर्जी की चुप्पी पर सवाल उठाया है. हालांकि, तृणमूल कांग्रेस के अलावा कल्याण बनर्जी पर कोई विस्तृत प्रतिक्रिया नहीं दी गई. हालांकि, प्रधानमंत्री से मुलाकात के लिए टीएमसी नेताओं की लिस्ट में कल्याण बनर्जी का नाम भी शामिल था.
दिन के अंत में उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि 'मुझे इसकी परवाह नहीं है कि आप कितना अपमान करते हैं. लेकिन मैं किसी भी तरह से उपराष्ट्रपति के कार्यालय और कृषक समुदाय का अपमान करने के प्रयास का समर्थन नहीं कर सकता. मैं किसी भी तरह अपमान का समर्थन नहीं कर सकता. मुझे यह नहीं भूलना चाहिए कि संसद के सम्मान की रक्षा करना मेरा कर्तव्य है. मैं वह जिम्मेदारी निभा रहा हूं.'