कोलकाता : पश्चिम बंगाल में राजभवन और मुख्यमंत्री कार्यालय (mamata vs dhankhar) के बीच सबकुछ सामान्य नहीं है. गत दिनों राजभवन ने विधानसभा सत्रावसान का फैसला लिया. जिसे तृणमूल कांग्रेस ने अप्रत्याशित बताया. ताजा घटनाक्रम में राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा है कि मुख्यमंत्री की ओर से सवालों के जवाब नहीं दिए गए हैं. धनखड़ ने सीएम ममता से जवाब मांगा है.
गुरुवार को धनखड़ ने सिलसिलेवार कई ट्वीट किए. उन्होंने कहा, माननीय सीएम ममता बनर्जी राज्यपाल जैसे संवैधानिक पदाधिकारी के साथ संवाद, चर्चा और विचार-विमर्श करें. धनखड़ ने कहा विशेष रूप से मुख्यमंत्री और राज्यपाल लोकतांत्रिक व्यवस्था में अहम पद हैं. दोनों (सीएम और गवर्नर) संवैधानिक शासन का अविभाज्य हिस्सा हैं.
धनखड़ ने सीएम ममता बनर्जी से उनके (राज्यपाल) द्वारा अब तक उठाए गए सभी मुद्दों का जल्द से जल्द जवाब देने का आग्रह किया है. उन्होंने 15 फरवरी को बनर्जी को लिखे पत्र को ट्वीट कर कहा, लंबे समय से वैध रूप से उठाए गए मुद्दों पर सीएम की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 167 के तहत राज्यपाल को जानकारी देना मुख्यमंत्री का संवैधानिक कर्तव्य है.
इससे पहले गवर्नर धनखड़ ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने उनके सवालों का जवाब नहीं दिया है. उन्होंने 15 फरवरी को भी सीएम ममता बनर्जी से आग्रह किया था कि वह (ममता) राजभवन में उनसे मिलने जाएं और 'संवैधानिक गतिरोध' को टालने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा करें.
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राज्यपाल ने कहा है कि उन्हें अभी तक उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. 15 फरवरी को धनखड़ ने ममता से जवाब मांगते हुए ट्वीट किया, माननीय सीएम ममता बनर्जी से आग्रह किया गया है कि आने वाले सप्ताह के दौरान कभी भी राजभवन में आएं. उन्होंने कहा था, मुद्दों पर प्रतिक्रिया न देने से संवैधानिक गतिरोध पैदा होने की आशंका है. हम दोनों (ममता-धनखड़) ने गतिरोध टालने की शपथ ली है.
(पीटीआई)