घाटाल (पश्चिम बगाल) : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम मेदिनीपुर जिले में बाढ़ प्रभावित इलाकों का मंगलवार को दौरा किया और आरोप लगाया कि घाटाल मास्टर प्लान को केंद्र द्वारा मंजूरी देने में देरी करने के चलते हर साल क्षेत्र जलमग्न हो रहा है.
वर्ष 2009 में घोषित घाटाल मास्टर प्लान के मुताबिक इलाके में नदियों से गाद निकालने, नहरों की मरम्मत करने और शीलाबती नदी पर एक बांध बनाने के लिए कई परियोजनाएं शुरू की जाएंगी.
घाटाल के बाढ़ प्रभावित इलाकों को दौरा करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि संसद के मॉनसून सत्र के दौरान राज्य के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों की एक टीम नयी दिल्ली जाएगी, जो अपनी मांगें (घाटाल मास्टर प्लान के लिए) रखने के लिए वहां जल संसाधन मंत्री से मुलाकात करेगी.
उन्होंने कहा कि केंद्र घाटाल मास्टर प्लान के लिए हमारे अनुरोध पर ध्यान नहीं दे रहा है. बार-बार किये गये अनुरोध को भी अनसुना कर दिया गया.
ममता ने कहा कि चूंकि घाटाल एक निचला इलाका है, इसलिए उसे मास्टर प्लान के बगैर नहीं बचाया जा सकता. उन्होंने कुछ बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री भी बांटी. ममता ने कहा कि मैंने इलाके का (हवाई) सर्वेक्षण किया है. मैं इस पर एक रिपोर्ट तैयार करूंगी.
मुख्यमंत्री ने झाड़ग्राम से लौटते समय इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. उन्होंने कहा कि उन्होंने पाया कि मकान, दुकानें और बाजार स्थल जलमग्न हो गये हैं. अधिकारियों न बताया कि इलाके में एक सभागार में प्रस्तावित प्रशासनिक बैठक रद्द कर दी गई, क्योंकि वहां बाढ़ का पानी भर गया था.
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राज्य में कम से कम सात जिले बाढ़ से प्रभावित हैं और पिछले हफ्ते बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 23 लोगों की मौत हो गई है.
(पीटीआई-भाषा)