कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में इस साल भारी जीत से तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) सुप्रीमो ममता बनर्जी खासा उत्साहित हैं. इसी क्रम में 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर तृणमूल कांग्रेस 21 जुलाई को शहीद दिवस पर अपने सबसे बड़े वार्षिक कार्यक्रम को खास बनाने के लिए कोई कोर कसर नहीं बाकी लगा रही है. अब पार्टी अलग-अलग राज्यों में विभिन्न भाषाओं हिंदी,गुजराती और तमिल में पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी के भाषण का प्रसारण करके देशभर के लोगों तक पहुंचने की योजना बना रही है.
टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि बनर्जी (Bengal CM Mamata Banerjee) के भाषण को पश्चिम बंगाल में बड़े पर्दों पर प्रसारित किया जाएगा और पहली बार तमिलनाडु, दिल्ली, पंजाब, त्रिपुरा, गुजरात और उत्तर प्रदेश जैसे दूसरे राज्यों में भी इसका प्रसारण किया जाएगा. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री कोविड-19 महामारी के कारण लगातार दूसरे साल वर्चुअल तरीके से लोगों को संबोधित करेंगी.
गुजरात में प्रसारण की विशेष योजना
उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में भाषण बंगाली में प्रसारित किया जाएगा जबकि अलग-अलग राज्यों में स्थानीय भाषाओं में अनुवादित भाषण प्रसारित किया जाएगा. टीएमसी नेता ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गढ़ गुजरात में भी कई जिलों में टीएमसी की बनर्जी के भाषण को बड़े पर्दे पर प्रसारित करने की योजना है और उसने इस कार्यक्रम के बारे में लोगों को सूचित करने के लिए गुजराती में पुस्तिका वितरित करनी शुरू कर दी है.
पढ़ें: 21 जुलाई को शहीद दिवस मनाएगी TMC, जानें पूरा कार्यक्रम
गुजरात में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं. कहा कि मोदी और शाह ने पश्चिम बंगाल चुनावों के दौरान भाजपा के अभियान की कमान संभाली थी. अब गुजरात और अन्य राज्यों में दीदी का संदेश फैलाने की हमारी बारी है.पार्टी उत्तर प्रदेश में भी ऐसे ही कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रही है. उत्तर प्रदेश में भी अगले साल चुनाव होने हैं.
मुकुल रॉय को देश में पार्टी की मौजूदगी बढ़ाने का जिम्मा
मुख्यमंत्री के भतीजे और डायमंड हार्बर से सांसद अभिषेक बनर्जी ने अन्य राज्यों में भी टीएमसी की पहुंच बढ़ाने का आह्वान किया था. भाजपा से टीएमसी में लौटे मुकुल रॉय को देशभर में पार्टी की मौजूदगी बढ़ाने का जिम्मा सौंपा गया है.
अन्नाद्रमुक नेता जयललिता की तरह बनर्जी को 'अम्मा' बताते हुए चेन्नई में पोस्टर लगाए गए हैं. टीएमसी दक्षिणी राज्यों में भी अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रही है. बताते चलें कि टीएमसी 1993 में कोलकाता में युवा कांग्रेस की रैली में पुलिस की गोलीबारी में मारे गए 13 लोगों की याद में शहीद दिवस मनाती है.
(पीटीआई-भाषा)