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नारदा स्टिंग मामले में ममता सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं - Calcutta High Court

सुप्रीम कोर्ट आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपील पर सुनवाई करेगा, जिसमें कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें उन्हें और राज्य के कानून मंत्री मोलॉय घटक को 17 मई को अपनी भूमिका पर हलफनामा दाखिल करने से मना कर दिया गया था. पढ़ें पूरी खबर...

ममता
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Published : Jun 22, 2021, 4:38 AM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ( West Bengal CM Mamata Banerjee) की अपील पर सुनवाई करेगा, जिसमें कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें उन्हें और राज्य के कानून मंत्री मोलॉय घटक को 17 मई को अपनी भूमिका पर हलफनामा दाखिल करने से मना कर दिया गया था. नारदा स्टिंग टेप मामले (Narada sting tape case) में सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के चार नेताओं को गिरफ्तार किया था.

जस्टिस हेमंत गुप्ता और अनिरुद्ध बोस की पीठ मुख्यमंत्री, घटक और पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दायर अलग-अलग अपीलों पर सुनवाई करेगी.

अधिवक्ता आस्था शर्मा के माध्यम से मुख्यमंत्री द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायालय का आदेश पर्याप्त न्याय के सभी सिद्धांतों के खिलाफ है, इस तथ्य के आलोक में कि सीबीआई न केवल एक तत्काल सूची प्राप्त करने में सक्षम थी, बल्कि उस पर रोक भी लगाई थी.

विशेष सीबीआई न्यायाधीश द्वारा 17 मई को आदेश पारित किया गया, जिसमें आवश्यक हलफनामे के साथ कोई दलीलें दाखिल किए बिना, केवल एक ई-मेल के आधार पर, याचिकाकर्ता सहित संबंधित पक्षों को बिना किसी नोटिस के.

यह भी पढ़ें- नारदा मामले में खुद को बचाने के लिए दिल्ली में हैं अधिकारी : तृणमूल नेता

शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह घटक द्वारा दायर अपील पर 22 जून को सुनवाई करेगी.

नारदा स्टिंग टेप मामले को विशेष सीबीआई अदालत से उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने के लिए सीबीआई के आवेदन पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय की पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने 9 जून को कहा था कि वह ममता बनर्जी और घटक के हलफनामों पर बाद में विचार करेगी.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ( West Bengal CM Mamata Banerjee) की अपील पर सुनवाई करेगा, जिसमें कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें उन्हें और राज्य के कानून मंत्री मोलॉय घटक को 17 मई को अपनी भूमिका पर हलफनामा दाखिल करने से मना कर दिया गया था. नारदा स्टिंग टेप मामले (Narada sting tape case) में सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के चार नेताओं को गिरफ्तार किया था.

जस्टिस हेमंत गुप्ता और अनिरुद्ध बोस की पीठ मुख्यमंत्री, घटक और पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दायर अलग-अलग अपीलों पर सुनवाई करेगी.

अधिवक्ता आस्था शर्मा के माध्यम से मुख्यमंत्री द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायालय का आदेश पर्याप्त न्याय के सभी सिद्धांतों के खिलाफ है, इस तथ्य के आलोक में कि सीबीआई न केवल एक तत्काल सूची प्राप्त करने में सक्षम थी, बल्कि उस पर रोक भी लगाई थी.

विशेष सीबीआई न्यायाधीश द्वारा 17 मई को आदेश पारित किया गया, जिसमें आवश्यक हलफनामे के साथ कोई दलीलें दाखिल किए बिना, केवल एक ई-मेल के आधार पर, याचिकाकर्ता सहित संबंधित पक्षों को बिना किसी नोटिस के.

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शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह घटक द्वारा दायर अपील पर 22 जून को सुनवाई करेगी.

नारदा स्टिंग टेप मामले को विशेष सीबीआई अदालत से उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने के लिए सीबीआई के आवेदन पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय की पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने 9 जून को कहा था कि वह ममता बनर्जी और घटक के हलफनामों पर बाद में विचार करेगी.

(आईएएनएस)

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