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'प.बंगाल में कानून का शासन नहीं', एनएचआरसी की टिप्पणी पर भड़कीं ममता

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Published : Jul 15, 2021, 7:08 PM IST

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट पर प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भड़क गईं हैं. उन्होंने कहा कि यह एक राजनीतिक प्रतिक्रिया है. इसे ऊपर से हवा दी गई है. चुनाव के बाद बंगाल में हुई हिंसा पर एनएचआरसी ने अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में दाखिल की है. इसके कुछ अंश मीडिया में लीक हो गए हैं. इसमें बताया गया है कि बंगाल में कानून का शासन नहीं है.

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कोलकाता : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच बयानबाजी का दौर थमा भी नहीं कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट को लेकर फिर से तलवारें खिंच गईं हैं. हिंसा की जांच करने वाले एनएचआरसी की समिति ने कलकत्ता हाईकोर्ट को सौंपी अपनी रिपोर्ट में बताया कि राज्य में कानून का राज नहीं है. यहां पर कानून के शासन की जगह शासक के शासन का प्रदर्शन हो रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस रिपोर्ट के लीक होने पर भड़क गईं हैं.

एनएचआरसी ने अपनी रिपोर्ट में हत्या और बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों की सीबीआई जांच कराए जाने की सिफारिश की है. हाईकोर्ट की पांच न्यायाधीशों की पीठ के निर्देश पर एनएचआरसी अध्यक्ष द्वारा गठित समिति ने यह भी कहा कि इन मामलों में मुकदमे राज्य से बाहर चलने चाहिए.

एनएचआरसी की समिति ने अपनी बेहद तल्ख टिप्पणी में कहा, 'सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों द्वारा यह हिंसा मुख्य विपक्षी दल के समर्थकों को सबक सिखाने के लिए की गई.'

रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंसक घटनाओं का विश्लेषण पीड़ितों की पीड़ा के प्रति राज्य सरकार की भयावह निष्ठुरता को दर्शाता है. 13 जून को रिपोर्ट सौंपी गई थी.

हाईकोर्ट में दायर कई जनहित याचिकाओं में कहा गया है कि बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा में लोगों पर हमले किए गए, जिसकी वजह से उन्हें अपने घर छोड़ने पड़े और उनकी संपत्ति को नष्ट कर दिया गया.

रिपोर्ट लीक होने पर भड़कीं ममता

रिपोर्ट लीक होने पर ममता बनर्जी ने इसे अदालत का अपमान बताया है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने राजनीतिक बदला लेने के लिए रिपोर्ट लीक करवा दी.

बनर्जी ने राज्य सरकार के विचार जाने बिना एनएचआरसी के निष्कर्ष पर पहुंचने को लेकर हैरानी जताई. उन्होंने कहा, 'भाजपा अब हमारे राज्य की छवि खराब करने और राजनीतिक बदला लेने के लिए निष्पक्ष एजेंसियों का सहारा ले रही है. एनएचआरसी को अदालत का सम्मान करना चाहिए था. मीडिया में रिपोर्ट के निष्कर्ष लीक करने के बजाय, उसे पहले इसे अदालत में दाखिल करना चाहिए था.'

उन्होंने कहा कि आप इसे भाजपा के राजनीतिक बदले के अलावा और क्या कहेंगे ? वह (विधानसभा चुनाव में) अब भी हार पचा नहीं पाई है और इसीलिए पार्टी इस तरह के हथकंडे अपना रही है.

बनर्जी ने कहा कि यदि उन्हें समय दिया गया, तो वह अगले सप्ताह दिल्ली के अपने दौरे में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मिलना चाहेंगी.

मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं हर बार चुनाव के बाद अपने पुराने एवं नए मित्रों से मिलने दिल्ली जाती हूं, इसलिए मैं इस बार भी कुछ दिन के लिए राष्ट्रीय राजधानी जाऊंगी, क्योंकि इस समय कोविड-19 संबंधी हालात नियंत्रण में हैं.'

ये भी पढ़ें : ममता पर स्मृति ईरानी का हमला, बोलीं- पहले तो हाथ खून से सने हुए थे, अब दामन पर भी लगे दाग

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच बयानबाजी का दौर थमा भी नहीं कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट को लेकर फिर से तलवारें खिंच गईं हैं. हिंसा की जांच करने वाले एनएचआरसी की समिति ने कलकत्ता हाईकोर्ट को सौंपी अपनी रिपोर्ट में बताया कि राज्य में कानून का राज नहीं है. यहां पर कानून के शासन की जगह शासक के शासन का प्रदर्शन हो रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस रिपोर्ट के लीक होने पर भड़क गईं हैं.

एनएचआरसी ने अपनी रिपोर्ट में हत्या और बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों की सीबीआई जांच कराए जाने की सिफारिश की है. हाईकोर्ट की पांच न्यायाधीशों की पीठ के निर्देश पर एनएचआरसी अध्यक्ष द्वारा गठित समिति ने यह भी कहा कि इन मामलों में मुकदमे राज्य से बाहर चलने चाहिए.

एनएचआरसी की समिति ने अपनी बेहद तल्ख टिप्पणी में कहा, 'सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों द्वारा यह हिंसा मुख्य विपक्षी दल के समर्थकों को सबक सिखाने के लिए की गई.'

रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंसक घटनाओं का विश्लेषण पीड़ितों की पीड़ा के प्रति राज्य सरकार की भयावह निष्ठुरता को दर्शाता है. 13 जून को रिपोर्ट सौंपी गई थी.

हाईकोर्ट में दायर कई जनहित याचिकाओं में कहा गया है कि बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा में लोगों पर हमले किए गए, जिसकी वजह से उन्हें अपने घर छोड़ने पड़े और उनकी संपत्ति को नष्ट कर दिया गया.

रिपोर्ट लीक होने पर भड़कीं ममता

रिपोर्ट लीक होने पर ममता बनर्जी ने इसे अदालत का अपमान बताया है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने राजनीतिक बदला लेने के लिए रिपोर्ट लीक करवा दी.

बनर्जी ने राज्य सरकार के विचार जाने बिना एनएचआरसी के निष्कर्ष पर पहुंचने को लेकर हैरानी जताई. उन्होंने कहा, 'भाजपा अब हमारे राज्य की छवि खराब करने और राजनीतिक बदला लेने के लिए निष्पक्ष एजेंसियों का सहारा ले रही है. एनएचआरसी को अदालत का सम्मान करना चाहिए था. मीडिया में रिपोर्ट के निष्कर्ष लीक करने के बजाय, उसे पहले इसे अदालत में दाखिल करना चाहिए था.'

उन्होंने कहा कि आप इसे भाजपा के राजनीतिक बदले के अलावा और क्या कहेंगे ? वह (विधानसभा चुनाव में) अब भी हार पचा नहीं पाई है और इसीलिए पार्टी इस तरह के हथकंडे अपना रही है.

बनर्जी ने कहा कि यदि उन्हें समय दिया गया, तो वह अगले सप्ताह दिल्ली के अपने दौरे में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मिलना चाहेंगी.

मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं हर बार चुनाव के बाद अपने पुराने एवं नए मित्रों से मिलने दिल्ली जाती हूं, इसलिए मैं इस बार भी कुछ दिन के लिए राष्ट्रीय राजधानी जाऊंगी, क्योंकि इस समय कोविड-19 संबंधी हालात नियंत्रण में हैं.'

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