कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने मंत्रिमंडल का विस्तार किया है. ममता ने उलुबेरिया दक्षिण से तृणमूल कांग्रेस के विधायक पुलक रॉय को पंचायत मंत्री का जिम्मा सौंपा है. इसके साथ ही मानस भुइयां को उपभोक्ता विभाग की जिम्मेदारी दी है.
हावड़ा जिले के एक प्रभावशाली नेता पुलक रॉय ने इस साल विधानसभा चुनावों में उलुबेरिया दक्षिण सीट से भाजपा की अभिनेत्री से नेता बनी पापिया अधिकारी को हराया था. रॉय पहले से ही राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य और इंजीनियरिंग मंत्री के रूप में कार्यरत हैं और आज के फैसले ने कैबिनेट में उनकी स्थिति को काफी ऊंचा कर दिया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वित्त विभाग अपने पास रखा है, जबकि चंद्रिमा भट्टाचार्य को राज्य मंत्री के रूप में विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. भट्टाचार्य राज्य के शहरी विकास और नगर मामलों की मंत्री हैं.
पश्चिम मेदिनीपुर जिले के सबांग से विधायक और राज्य के जल संसाधन विकास मंत्री मानस रंजन भुइयां को उपभोक्ता संरक्षण विभाग का अतिरिक्त प्रभार संभालने को कहा गया है. उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रभारी मंत्री साधन पांडेय पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे हैं और उन्हें बदल दिया गया है.राज्य की महिला एवं बाल विकास एवं सामाजिक अधिकारिता मंत्री शशि पांजा, जो उत्तरी कोलकाता की श्यामपुकुर विधानसभा सीट से विधायक हैं, को स्वयं सहायता और स्वरोजगार विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.
ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी को औद्योगिक पुनर्निर्माण का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है. वह वर्तमान में राज्य के उद्योग, वाणिज्य और उद्यम, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स और संसदीय कार्य मंत्री हैं.
कोलकाता नगर निगम के सभी वार्डों और हावड़ा नगर निगम के 50 वार्डों में 19 दिसंबर को नगर निगम चुनाव कराने के सरकार के प्रस्ताव को राज्य चुनाव आयोग की सहमति मिलने के बाद ये अहम माना जा रहा है. राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि इसी के मद्देनजर ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी, शशि पांजा, चंद्रिमा भट्टाचार्य, पुलक रॉय को जिम्मेदारी दी है.
ममता के प्रधान मुख्य सलाहकार होंगे अमित मित्रा
करीब एक दशक तक पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री रहे अमित मित्रा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा वित्त विभाग के प्रधान मुख्य सलाहकार होंगे. उनका कार्यकाल पांच नवंबर को समाप्त हो चुका है. मित्रा को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है.
मित्रा (73) ने 'खराब सेहत' का हवाला देते हुए सक्रिय राजनीति से सेवानिवृत्ति की इच्छा जताई थी. इस वर्ष की शुरुआत में हुआ विधानसभा चुनाव भी उन्होंने नहीं लड़ा था. हालांकि तृणमूल कांग्रेस के लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के बाद वह वित्त मंत्री बने रहे. संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप उनका कार्यकाल पिछले हफ्ते समाप्त हो गया.
संविधान ऐसे किसी भी व्यक्ति को मंत्री पद पर केवल छह महीने तक रहने की अनुमति देता है जो राज्य विधानसभा या संसद का सदस्य नहीं है. राज्य के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, 'आज कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ कि अमित मित्रा को वित्त मामलों पर मुख्यमंत्री का प्रधान मुख्य सलाहकार बनाया जाएगा. यह कैबिनेट दर्जे का पद होगा.'
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