कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को दावा किया कि उनके भतीजे और तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को "केंद्रीय एजेंसियां अनावश्यक रूप से परेशान कर रही हैं". उनका यह बयान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा रविवार शाम को अभिषेक बनर्जी को जारी किए गए नए समन के मद्देनजर आया है. अभिषेक बनर्जी को पश्चिम बंगाल में स्कूल में नौकरी के लिए करोड़ों रुपये के नकद मामले के संबंध में 13 सितंबर को पूछताछ के लिए बुलाया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा, "यह और कुछ नहीं बल्कि राजनीतिक प्रतिशोध है. उन्हें अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है, जबकि इस मामले में उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है. वे हमेशा उन्हें अनावश्यक रूप से परेशान करते हैं. उन्हें न्याय के लिए एक अदालत से दूसरे अदालत में भागना पड़ता है. उनका एकमात्र इरादा युवा पीढ़ी को परेशान करना है. देश के युवा उन्हें उचित जवाब देंगे.”
राज्य सचिवालय में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा, "राजनीतिक प्रतिशोध का यह सिंड्रोम उन लोगों को भी एक दिन प्रभावित कर सकता है जो इस तरह की राजनीति का सहारा ले रहे हैं". पश्चिम बंगाल के सीएम ने कहा, "आज, आप सत्ता में हैं. कल आप सत्ता में नहीं होंगे और सत्ता में रहने वाले लोग आपके खिलाफ वही तरीका अपना सकते हैं. मैंने सुना है कि (आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री) एन. चंद्रबाबू नायडू को गिरफ्तार कर लिया गया है। मुझे यह पसंद नहीं आया.“
इस बीच, उन्होंने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस द्वारा लिखे गोपनीय पत्र का खुलासा करने से इनकार कर दिया. ममता बनर्जी ने आगे कहा कि आवश्यक संवैधानिक संशोधन किए बिना "इंडिया" का नाम बदलकर "भारत" करने के खिलाफ हैं. रविवार शाम को ईडी का नोटिस दिए जाने के तुरंत बाद अभिषेक बनर्जी ने दावा किया कि उन्हें जानबूझकर 13 सितंबर को बुलाया गया, क्योंकि उस दिन दिल्ली में इंडिया ब्लॉक की समन्वय समिति की पहली बैठक होगी, जिसमें उन्हें शामिल होना है.
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(आईएएनएस)