भोपाल। मध्य प्रदेश में महिलाओं के सम्मान को लेकर कभी चंबल के दस्यु किंग कहे जाने वाले मलखान सिंह ने प्रदेश में महिला अपराध रोकने एक बार फिर हाथों में बंदूक लेकर निकलने की बात कही है. मलखान सिंह बीजेपी छोड़ कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली है. पार्टी में शामिल होने के बाद मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि "मध्य प्रदेश में आज देश में सबसे ज्यादा महिला अपराध हो रहे हैं. हालात यह है कि बच्चियों को कॉलेज और स्कूल जाने में डर लगता है. आए दिन बलात्कार की घटनाएं हो रही है. उन्होंने कहा कि वे अब कांग्रेस में आए हैं, मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी. सरकार बनने के बाद कमलनाथ भोपाल में बैठकर काम को संभालेंगे. जबकि वे स्वयं हथियार लेकर प्रदेश की बहन बेटियों की रक्षा करेंगे और पूरे प्रदेश में बहन बेटियों की इज्जत पर आंच नहीं आने देंगे. मलखान सिंह ने कहा कि मैं जब बागी था. उस वक्त 15 सालों में किसी भी बहन बेटी के साथ दुर्व्यवहार की घटना नहीं हुई. उस वक्त मैंने सभी को चेतावनी दी थी यदि किसी ने कभी किसी बहन-बेटी के साथ छेड़खानी या बलात्कार की घटना की तो उसके हाथ काट कर उसे चौराहे पर लटका देंगे."
बोले बीजेपी सरकार में अत्याचार बढ़ा: उन्होंने कहा "बीजेपी की सरकार में मुझे अन्याय बर्दाश्त नहीं हुआ और इसलिए मैंने पार्टी को छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया है. बीजेपी सरकार में गरीबों की जमीन छीनी जा रही है. मध्य प्रदेश के शिवपुरी, गुना और अशोक नगर में बीजेपी का सबसे ज्यादा आतंक और अत्याचार है. यहां गरीबों की जमीनों पर कब्जे किए जा रहे हैं. विरोध करने पर झूठे केस लगाकर उन्हें जेल भेज दिया जाता है. बेकसूर लोगों पर कई झूठे केस लगा दिए गए. बीजेपी का यह अन्याय मुझे बर्दाश्त नहीं है. इसी अन्याय के खिलाफ में 15 सालों तक बीहड़ों में जिंदगी काटता रहा."
टिकट के सवाल पर साधी चुप्पी: कांग्रेस में शामिल हुए मलखान सिंह ने कहा कि "उन्होंने टिकट की मांग नहीं की है, लेकिन पार्टी जो भी उन्हें काम सौंपेगी. उसे वह ईमानदारी से करेंगे. मैं अभी जनता की सेवा करूंगा और पार्टी की सेवा करूंगा. गौरतलब है कि साल 2014 में मलखान सिंह बीजेपी में शामिल हुए थे, लेकिन 2019 में बीजेपी से टिकट ना मिलने से नाराज होकर उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी. इसके बाद मलखान सिंह अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया में शामिल हुए और धौरहरा लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़े, लेकिन चुनाव हार गए थे. मलखान सिंह की पत्नी गुना जिले की आरोन इलाके की सिनगयाई पंचायत से निर्विरोध सरपंच चुनी गई थी.