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कांग्रेस में बड़ा फेरबदल : यूपी में प्रियंका गांधी की जगह अविनाश पांडेय बने प्रभारी, जानिए कौन हैं? - कांग्रेस पार्टी में बड़ा बदलाव

कांग्रेस पार्टी में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. पार्टी ने यूपी में प्रियंका गांधी की जगह अब अविनाश पांडेय को प्रभारी बनाया है. वहीं 2024 लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections 2024) से पहले इसे एक निर्णायक फैसला माना जा रहा है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 23, 2023, 8:18 PM IST

Updated : Dec 23, 2023, 9:20 PM IST

लखनऊ : लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में नए प्रभारी की तैनाती कर दी है. कांग्रेस ने अपने कद्दावर नेता अविनाश पांडे को उत्तर प्रदेश का प्रभार दिया है, जबकि प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश से हटा दिया गया है. कांग्रेस पार्टी के नेताओं का कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन को उत्तर प्रदेश में मजबूत करने के लिए पार्टी ने अविनाश पांडे को यूपी का प्रभार सौंपा है. अब अविनाश पांडेय यूपी के प्रभारी होंगे.

अविनाश पांडेय की नियुक्ति : उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नए प्रभारी के तौर पर कांग्रेस आलाकमान ने अविनाश पांडेय की नियुक्ति कर दी है. अविनाश पांडेय राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सांसद भी रह चुके हैं. वह 2012 के विधानसभा चुनाव के समय मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी भी रहे हैं. सह प्रभारी रहने के दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश के लगभग हर जिले और राजनीतिक उठा पटक को बेहतर ढंग से समझा है. ऐसे में कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर से उत्तर प्रदेश में ऐसे नेता को जिम्मेदारी दी है जो उत्तर प्रदेश को समझने के साथ ही गठबंधन को मजबूत करे.

अविनाश पांडेय का राजनीतिक सफर
- राष्ट्रीय कार्य समिति के वर्तमान सदस्य
- नागपुर विश्वविद्यालय छात्र परिषद महासचिव-1977-78
- महाराष्ट्र एनएसयूआई अध्यक्-1983-1987
- महाराष्ट्र युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष-1988-1989
- महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी महासचिव-2002-2005
- भारतीय युवा कांग्रेस सचिव-1993-97
- महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव-1998-2002, 2009
- अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्य संयोजक


वर्ष 2008 में हारे थे चुनाव : उत्तर प्रदेश के नए प्रभारी अविनाश पांडेय का लंबा राजनीतिक कैरियर है. वह महाराष्ट्र में विधानसभा के सदस्य के साथ ही पूर्व राज्यसभा सांसद और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव भी रहे हैं. वर्ष 2008 में वह मशहूर उद्योगपति राहुल बजाज के खिलाफ महाराज से राज्यसभा चुनाव मैदान में उतारे थे, लेकिन वह सिर्फ एक वोट से ही चुनाव हार गए थे. राहुल बजाज से चुनाव हारने के बाद वह साल 2010 में महाराज से ही राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए थे. अपनी सियासी पारी के दौरान वह युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव भी रहे हैं. उन्हें महाराष्ट्र राज्य लघु उद्योग विकास निगम का भी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. उत्तर प्रदेश कांग्रेस नेताओं का कहना है कि 'अविनाश पांडेय को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के सबसे विश्वसनीय नेताओं में से एक माना जाता है. उन्हें प्रदेश के प्रभारी बनाए जाने से ऐसी संभावनाएं हैं कि राहुल गांधी अमेठी और प्रियंका गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ सकती हैं. लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में होने वाले गठबंधन में उनकी भूमिका पर सबकी नजर होगी.'

प्रियंका गांधी को सौंपा था प्रभार : 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने पदाधिकारी की घोषणा करते हुए उत्तर प्रदेश का प्रभार गांधी परिवार से आने वाली प्रियंका गांधी को सौंपा गया था. पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव के साथ ही उत्तर प्रदेश का प्रभारी भी बनाया था. प्रियंका गांधी 2019 से लेकर 2022 तक उत्तर प्रदेश में काफी सक्रिय रहीं. 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने महिलाओं के लिए 40% सीट आरक्षित करने के साथ 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' का नारा भी दिया था, लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा और कांग्रेस का वोट प्रतिशत भी काफी घट गया और सात विधायकों से घटकर कांग्रेस दो पर आ गई. विधानसभा चुनाव के बाद प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश से पूरी तरह से दूरी बना ली. इसके बाद वह अन्य प्रदेशों में होने वाले विधानसभा चुनाव में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही थीं.

यह भी पढ़ें : प्रशांत किशोर ने कांग्रेस से जताई 'नजदीकियां', तो उलझी बिहार की सियासत

यह भी पढ़ें : उपराष्ट्रपति की मिमिक्री पर बोले हरदा- ये एक कला, इस पर बेवजह हो रहा बवाल, मूल निवास पर काटी कन्नी

लखनऊ : लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में नए प्रभारी की तैनाती कर दी है. कांग्रेस ने अपने कद्दावर नेता अविनाश पांडे को उत्तर प्रदेश का प्रभार दिया है, जबकि प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश से हटा दिया गया है. कांग्रेस पार्टी के नेताओं का कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन को उत्तर प्रदेश में मजबूत करने के लिए पार्टी ने अविनाश पांडे को यूपी का प्रभार सौंपा है. अब अविनाश पांडेय यूपी के प्रभारी होंगे.

अविनाश पांडेय की नियुक्ति : उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नए प्रभारी के तौर पर कांग्रेस आलाकमान ने अविनाश पांडेय की नियुक्ति कर दी है. अविनाश पांडेय राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सांसद भी रह चुके हैं. वह 2012 के विधानसभा चुनाव के समय मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी भी रहे हैं. सह प्रभारी रहने के दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश के लगभग हर जिले और राजनीतिक उठा पटक को बेहतर ढंग से समझा है. ऐसे में कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर से उत्तर प्रदेश में ऐसे नेता को जिम्मेदारी दी है जो उत्तर प्रदेश को समझने के साथ ही गठबंधन को मजबूत करे.

अविनाश पांडेय का राजनीतिक सफर
- राष्ट्रीय कार्य समिति के वर्तमान सदस्य
- नागपुर विश्वविद्यालय छात्र परिषद महासचिव-1977-78
- महाराष्ट्र एनएसयूआई अध्यक्-1983-1987
- महाराष्ट्र युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष-1988-1989
- महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी महासचिव-2002-2005
- भारतीय युवा कांग्रेस सचिव-1993-97
- महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव-1998-2002, 2009
- अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्य संयोजक


वर्ष 2008 में हारे थे चुनाव : उत्तर प्रदेश के नए प्रभारी अविनाश पांडेय का लंबा राजनीतिक कैरियर है. वह महाराष्ट्र में विधानसभा के सदस्य के साथ ही पूर्व राज्यसभा सांसद और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव भी रहे हैं. वर्ष 2008 में वह मशहूर उद्योगपति राहुल बजाज के खिलाफ महाराज से राज्यसभा चुनाव मैदान में उतारे थे, लेकिन वह सिर्फ एक वोट से ही चुनाव हार गए थे. राहुल बजाज से चुनाव हारने के बाद वह साल 2010 में महाराज से ही राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए थे. अपनी सियासी पारी के दौरान वह युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव भी रहे हैं. उन्हें महाराष्ट्र राज्य लघु उद्योग विकास निगम का भी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. उत्तर प्रदेश कांग्रेस नेताओं का कहना है कि 'अविनाश पांडेय को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के सबसे विश्वसनीय नेताओं में से एक माना जाता है. उन्हें प्रदेश के प्रभारी बनाए जाने से ऐसी संभावनाएं हैं कि राहुल गांधी अमेठी और प्रियंका गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ सकती हैं. लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में होने वाले गठबंधन में उनकी भूमिका पर सबकी नजर होगी.'

प्रियंका गांधी को सौंपा था प्रभार : 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने पदाधिकारी की घोषणा करते हुए उत्तर प्रदेश का प्रभार गांधी परिवार से आने वाली प्रियंका गांधी को सौंपा गया था. पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव के साथ ही उत्तर प्रदेश का प्रभारी भी बनाया था. प्रियंका गांधी 2019 से लेकर 2022 तक उत्तर प्रदेश में काफी सक्रिय रहीं. 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने महिलाओं के लिए 40% सीट आरक्षित करने के साथ 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' का नारा भी दिया था, लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा और कांग्रेस का वोट प्रतिशत भी काफी घट गया और सात विधायकों से घटकर कांग्रेस दो पर आ गई. विधानसभा चुनाव के बाद प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश से पूरी तरह से दूरी बना ली. इसके बाद वह अन्य प्रदेशों में होने वाले विधानसभा चुनाव में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही थीं.

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Last Updated : Dec 23, 2023, 9:20 PM IST
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