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Major Fire in Sariska : चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन अरविंदम ने कहा- मुख्य जंगल में लगी आग पर पाया गया काबू

चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन अरविंदम तोमर बुधवार को अलवर पहुंचे. उन्होंने कहा कि सरिस्का के मुख्य जंगल में लगी आग (Major Fire in Sariska) पर काबू पा लिया गया है, लेकिन बाहरी एरिया में आबादी के पास कुछ जगहों पर आग लग रही है. उन्होंने कहा कि आगामी एक सप्ताह तक सरिस्का के जंगलों में रेस्क्यू ऑपरेशन चलेगा.

Major Fire in Sariska
सरिस्का के मुख्य जंगल में लगी
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Published : Mar 30, 2022, 3:13 PM IST

Updated : Mar 30, 2022, 3:20 PM IST

अलवर : सरिस्का के जंगलों में लगी आग की रफ्तार अब धीमी होने लगी है. इस समय केवल कलाकडी के जंगल में आग लगी हुई है और उसको काबू पाने के प्रयास किए जा रहे हैं. जबकि अन्य जगह के जंगल पर काबू पा लिया गया है. जयपुर, दौसा, भरतपुर सहित आसपास जिलों की टीमें भी आग बुझाने के लिए अलवर पहुंची हैं. हेलीकॉप्टर से आग बुझाने के प्रयास दूसरे दिन भी जारी हैं. बता दें, सरिस्का के जंगल में तीन दिनों से आग लग रही है. आग तेजी से फैल रही थी. आग से 20 किलोमीटर से ज्यादा का क्षेत्र जलकर राख हो गया. इसमें सरिस्का के पेड़ और छोटे वन्यजीवों की मौत हुई है. हालांकि, सरिस्का प्रशासन की तरफ से नुकसान की जानकारी नहीं दी गई है. अधिकारियों ने कहा कि अगर हवा नहीं चली तो बुधवार शाम तक आग पर काबू पा लिया जाएगा.

चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन अरविंदम तोमर से बातचीत

चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन अरविंदम तोमर बुधवार को अलवर पहुंचे. उन्होंने कहा कि सरिस्का के मुख्य जंगल में लगी आग पर काबू पा लिया गया है, लेकिन बाहरी एरिया में आबादी के पास कुछ जगहों पर आग लग रही है. एयरफोर्स की तरफ से आग पर काबू पाने की जानकारी दी गई है, लेकिन आगामी एक सप्ताह तक सरिस्का के जंगलों में रेस्क्यू ऑपरेशन चलेगा. इस दौरान सूखे ठूंठ और घास में मिलने वाली चिंगारी को पानी डालकर और पत्तों से बुझाया जाएगा. उन्होंने कहा कि अभी तक आग में जानवर और किसी व्यक्ति के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है. हालांकि, वन विभाग की टीम लगातार जांच पड़ताल कर रही है. साथ ही आग लगने के कारणों का भी पता लगाया जा रहा है. उसके लिए एक जांच कमेटी का गठन किया गया है. साथ ही हेलीकॉप्टरों को अभी अलवर में ही रखा जाएगा. आग में किसी भी तरह की जनहानि की सूचना नहीं मिली है. सांप, बिच्छू, खरगोश और अन्य छोटे जानवर मरे हैं उसकी जांच पड़ताल की जा रही है.

तोमर ने कहा कि आग बुझाने में अलवर के अलावा आसपास जिलों के स्टाफ भी लगे हुए हैं. एनडीआरएफ सहित अन्य टीमें भी लगातार आग बुझाने का काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है. साथ ही आगामी समय में फिर आग नहीं लगे, इसके भी प्रयास किए जा रहे हैं. केंद्रीय फॉरेस्ट विभाग की तरफ से आग लगने का अलर्ट जारी किया गया था, उससे पहले वन विभाग को आग लगने की जानकारी मिल चुकी थी. केंद्रीय फॉरेस्ट विभाग की तरफ से दोपहर 3 बजकर 40 मिनट पर सरिस्का में आग लगने का अलर्ट जारी किया गया था. सेटेलाइट इमेज के माध्यम से यह अलर्ट जारी किए जाते हैं, लेकिन फॉरेस्ट विभाग को दोपहर 3 बजे ही इसकी जानकारी मिल गई थी. उसके बाद से लगातार रेंजर और अन्य वन विभाग के अधिकारी आग बुझाने के काम में लग गए थे. उन्होंने कहा कि आग पर अगले दिन सुबह 5 बजे तक काबू पा लिया गया था, लेकिन उसके बाद दिन में चली तेज हवा के कारण अचानक आग बढ़ गई.

ये भी पढ़ें - सरिस्का फायर को बुझाने में एडीएम सिटी सुनीता पंकज की भूमिका अहम

अरविंदम तोमर ने कहा कि एयरफोर्स के दो हेलीकॉप्टर आग बुझाने के लिए अलवर आए थे. उसमें से एक हेलीकॉप्टर को वापस भेजने का फैसला लिया गया है. जबकि एक हेलीकॉप्टर अलवर में ही रहेगा और लगातार आगे रेस्क्यू ऑपरेशन में वन विभाग की मदद करेगा. उन्होंने कहा कि आबादी क्षेत्र के आसपास के कुछ जंगलों में अब भी घास और सूखे पेड़ों में आग लग रही है. उस आग को बुझाने के लिए आगामी एक सप्ताह तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलेगा. एनडीआरएफ, वन विभाग और अन्य ग्रामीणों की मदद से लगातार यह प्रक्रिया आगे तक जारी रहेगी. क्योंकि हवा के साथ आग फिर से सूखे पेड़ों व घासों में लगती है तो उसको पत्तों और पानी की मदद से बुझाने का काम किया जाएगा.

वहीं, हालात का जायजा लेने के लिए विधायक और मंत्रियों के पहुंचने का सिलसिला जारी है. मंगलवार रात को कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली भी सरिस्का पहुंचे. उन्होंने अधिकारियों से बातचीत की और पूरी घटना में जांच पड़ताल कर चर्चा की. बुधवार सुबह थानागाजी विधायक कांति मीणा सरिस्का पहुंचे. उन्होंने कहा कि आग पर काबू पा लिया गया है और केवल 10 प्रतिशत आग बची हुई है, उस पर भी काबू पा लिया जाएगा. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से ग्रामीणों को जंगल क्षेत्र में लकड़ी तोड़ने की अनुमति देने की मांग की. उन्होंने कहा कि सूखी लकड़ी जंगल में पड़ी रहती है जिसके चलते आए दिन आग लगने की घटनाएं होती हैं. सुप्रीम कोर्ट को इस मसले पर विचार करना चाहिए.

ये भी पढ़ें - आरोप : जब सरिस्का में भड़की आग, तब अंजलि तेंदुलकर की खिदमत में जुटे थे अफसर

अलवर : सरिस्का के जंगलों में लगी आग की रफ्तार अब धीमी होने लगी है. इस समय केवल कलाकडी के जंगल में आग लगी हुई है और उसको काबू पाने के प्रयास किए जा रहे हैं. जबकि अन्य जगह के जंगल पर काबू पा लिया गया है. जयपुर, दौसा, भरतपुर सहित आसपास जिलों की टीमें भी आग बुझाने के लिए अलवर पहुंची हैं. हेलीकॉप्टर से आग बुझाने के प्रयास दूसरे दिन भी जारी हैं. बता दें, सरिस्का के जंगल में तीन दिनों से आग लग रही है. आग तेजी से फैल रही थी. आग से 20 किलोमीटर से ज्यादा का क्षेत्र जलकर राख हो गया. इसमें सरिस्का के पेड़ और छोटे वन्यजीवों की मौत हुई है. हालांकि, सरिस्का प्रशासन की तरफ से नुकसान की जानकारी नहीं दी गई है. अधिकारियों ने कहा कि अगर हवा नहीं चली तो बुधवार शाम तक आग पर काबू पा लिया जाएगा.

चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन अरविंदम तोमर से बातचीत

चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन अरविंदम तोमर बुधवार को अलवर पहुंचे. उन्होंने कहा कि सरिस्का के मुख्य जंगल में लगी आग पर काबू पा लिया गया है, लेकिन बाहरी एरिया में आबादी के पास कुछ जगहों पर आग लग रही है. एयरफोर्स की तरफ से आग पर काबू पाने की जानकारी दी गई है, लेकिन आगामी एक सप्ताह तक सरिस्का के जंगलों में रेस्क्यू ऑपरेशन चलेगा. इस दौरान सूखे ठूंठ और घास में मिलने वाली चिंगारी को पानी डालकर और पत्तों से बुझाया जाएगा. उन्होंने कहा कि अभी तक आग में जानवर और किसी व्यक्ति के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है. हालांकि, वन विभाग की टीम लगातार जांच पड़ताल कर रही है. साथ ही आग लगने के कारणों का भी पता लगाया जा रहा है. उसके लिए एक जांच कमेटी का गठन किया गया है. साथ ही हेलीकॉप्टरों को अभी अलवर में ही रखा जाएगा. आग में किसी भी तरह की जनहानि की सूचना नहीं मिली है. सांप, बिच्छू, खरगोश और अन्य छोटे जानवर मरे हैं उसकी जांच पड़ताल की जा रही है.

तोमर ने कहा कि आग बुझाने में अलवर के अलावा आसपास जिलों के स्टाफ भी लगे हुए हैं. एनडीआरएफ सहित अन्य टीमें भी लगातार आग बुझाने का काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है. साथ ही आगामी समय में फिर आग नहीं लगे, इसके भी प्रयास किए जा रहे हैं. केंद्रीय फॉरेस्ट विभाग की तरफ से आग लगने का अलर्ट जारी किया गया था, उससे पहले वन विभाग को आग लगने की जानकारी मिल चुकी थी. केंद्रीय फॉरेस्ट विभाग की तरफ से दोपहर 3 बजकर 40 मिनट पर सरिस्का में आग लगने का अलर्ट जारी किया गया था. सेटेलाइट इमेज के माध्यम से यह अलर्ट जारी किए जाते हैं, लेकिन फॉरेस्ट विभाग को दोपहर 3 बजे ही इसकी जानकारी मिल गई थी. उसके बाद से लगातार रेंजर और अन्य वन विभाग के अधिकारी आग बुझाने के काम में लग गए थे. उन्होंने कहा कि आग पर अगले दिन सुबह 5 बजे तक काबू पा लिया गया था, लेकिन उसके बाद दिन में चली तेज हवा के कारण अचानक आग बढ़ गई.

ये भी पढ़ें - सरिस्का फायर को बुझाने में एडीएम सिटी सुनीता पंकज की भूमिका अहम

अरविंदम तोमर ने कहा कि एयरफोर्स के दो हेलीकॉप्टर आग बुझाने के लिए अलवर आए थे. उसमें से एक हेलीकॉप्टर को वापस भेजने का फैसला लिया गया है. जबकि एक हेलीकॉप्टर अलवर में ही रहेगा और लगातार आगे रेस्क्यू ऑपरेशन में वन विभाग की मदद करेगा. उन्होंने कहा कि आबादी क्षेत्र के आसपास के कुछ जंगलों में अब भी घास और सूखे पेड़ों में आग लग रही है. उस आग को बुझाने के लिए आगामी एक सप्ताह तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलेगा. एनडीआरएफ, वन विभाग और अन्य ग्रामीणों की मदद से लगातार यह प्रक्रिया आगे तक जारी रहेगी. क्योंकि हवा के साथ आग फिर से सूखे पेड़ों व घासों में लगती है तो उसको पत्तों और पानी की मदद से बुझाने का काम किया जाएगा.

वहीं, हालात का जायजा लेने के लिए विधायक और मंत्रियों के पहुंचने का सिलसिला जारी है. मंगलवार रात को कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली भी सरिस्का पहुंचे. उन्होंने अधिकारियों से बातचीत की और पूरी घटना में जांच पड़ताल कर चर्चा की. बुधवार सुबह थानागाजी विधायक कांति मीणा सरिस्का पहुंचे. उन्होंने कहा कि आग पर काबू पा लिया गया है और केवल 10 प्रतिशत आग बची हुई है, उस पर भी काबू पा लिया जाएगा. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से ग्रामीणों को जंगल क्षेत्र में लकड़ी तोड़ने की अनुमति देने की मांग की. उन्होंने कहा कि सूखी लकड़ी जंगल में पड़ी रहती है जिसके चलते आए दिन आग लगने की घटनाएं होती हैं. सुप्रीम कोर्ट को इस मसले पर विचार करना चाहिए.

ये भी पढ़ें - आरोप : जब सरिस्का में भड़की आग, तब अंजलि तेंदुलकर की खिदमत में जुटे थे अफसर

Last Updated : Mar 30, 2022, 3:20 PM IST
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