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भारतीय वायुसेना की बढ़ेगी मारक क्षमता, जल्द मिलेंगे और 10 राफेल विमान

अप्रैल के अंत तक 10 और राफेल विमान भारत आ जाएंगे. इनको नए स्क्वाड्रन में शामिल किया जाएगा. नई खेप के आने के बाद देश में कुल राफेल विमानों की संख्या 21 हो जाएगी.

Rafales fighter aircraft
Rafales fighter aircraft
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Published : Mar 30, 2021, 10:36 AM IST

Updated : Mar 30, 2021, 10:47 AM IST

नई दिल्ली : भारतीय वायु सेना के बेड़े में 10 और राफेल लड़ाकू विमान शामिल होने जा रहे हैं. इन्हें नए स्क्वाड्रन में शामिल किया जाएगा. नए विमानों के आने के बाद कुल राफेल लड़ाकू विमानों की संख्या 21 हो जाएगी. इनमें से 11 अंबाला बेस पर तैनात हैं, जो 17 स्क्वाड्रन का हिस्सा हैं.

एक सरकारी सूत्र ने बताया कि तीन राफेल विमान अगले 2-3 दिन में भारत पहुंच जाएंगे. इसके बाद 7-8 विमान अप्रैल के तीसरे या चौथे सप्ताह में भारत पहुंचेंगे. इनमें ट्रेनर विमान भी शामिल होगा. नए विमान वायुसेना की क्षमता को बढ़ाएंगे.

पिछले वर्ष जुलाई-अगस्त में इन विमानों को वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया था. चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में चल रहे गतिरोध के बीच इन्हें क्षेत्र में गश्त लगाने के लिए तैनात किया गया था.

फ्रांस से भारत पहुंचने के बाद विमानों को अंबाला में तैनात किया जाएगा और उनमें से कुछ को बाद में हाशिमारा भेजा जाएगा जहां दूसरा स्क्वाड्रन शुरू करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

पढ़ें-क्रास ने सेना और वायुसेना को मध्यम दूरी की मिसाइलों की पहली खेप दी

भारत ने सितंबर 2016 में फ्रांस को 36 लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दिया था. अप्रैल के अंत तक 50 प्रतिशत से अधिक लड़ाकू विमान भारत में आ जाएंगे.

भारत स्वदेशी रूप से विकसित 114 मल्टीरोल फाइटर एयक्राफ्ट का ऑर्डर भी देगा, जिनमें मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट भी शामिल होंगे. इनके सात स्क्वाड्रनों को अगले 15-20 वर्ष में वायुसेना में शामिल किया जाएगा.

राफेल दो इंजन वाला लड़ाकू विमान हैं. राफेल लड़ाकू जेट SNECMA के दो M88-2 इंजन से संचालित होता है. प्रत्येक इंजन 75kN का थ्रस्ट प्रदान करता है. राफेल फाइटर जेट एक-दूसरे की उड़ान के दौरान मदद कर सकते हैं. राफेल फाइटर जेट एक विमान से दूसरे विमान को ईंधन देने में भी सक्षम होते हैं. यह एक बार में कई तरह की मिसाइलें ले जा सकते हैं.

नई दिल्ली : भारतीय वायु सेना के बेड़े में 10 और राफेल लड़ाकू विमान शामिल होने जा रहे हैं. इन्हें नए स्क्वाड्रन में शामिल किया जाएगा. नए विमानों के आने के बाद कुल राफेल लड़ाकू विमानों की संख्या 21 हो जाएगी. इनमें से 11 अंबाला बेस पर तैनात हैं, जो 17 स्क्वाड्रन का हिस्सा हैं.

एक सरकारी सूत्र ने बताया कि तीन राफेल विमान अगले 2-3 दिन में भारत पहुंच जाएंगे. इसके बाद 7-8 विमान अप्रैल के तीसरे या चौथे सप्ताह में भारत पहुंचेंगे. इनमें ट्रेनर विमान भी शामिल होगा. नए विमान वायुसेना की क्षमता को बढ़ाएंगे.

पिछले वर्ष जुलाई-अगस्त में इन विमानों को वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया था. चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में चल रहे गतिरोध के बीच इन्हें क्षेत्र में गश्त लगाने के लिए तैनात किया गया था.

फ्रांस से भारत पहुंचने के बाद विमानों को अंबाला में तैनात किया जाएगा और उनमें से कुछ को बाद में हाशिमारा भेजा जाएगा जहां दूसरा स्क्वाड्रन शुरू करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

पढ़ें-क्रास ने सेना और वायुसेना को मध्यम दूरी की मिसाइलों की पहली खेप दी

भारत ने सितंबर 2016 में फ्रांस को 36 लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दिया था. अप्रैल के अंत तक 50 प्रतिशत से अधिक लड़ाकू विमान भारत में आ जाएंगे.

भारत स्वदेशी रूप से विकसित 114 मल्टीरोल फाइटर एयक्राफ्ट का ऑर्डर भी देगा, जिनमें मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट भी शामिल होंगे. इनके सात स्क्वाड्रनों को अगले 15-20 वर्ष में वायुसेना में शामिल किया जाएगा.

राफेल दो इंजन वाला लड़ाकू विमान हैं. राफेल लड़ाकू जेट SNECMA के दो M88-2 इंजन से संचालित होता है. प्रत्येक इंजन 75kN का थ्रस्ट प्रदान करता है. राफेल फाइटर जेट एक-दूसरे की उड़ान के दौरान मदद कर सकते हैं. राफेल फाइटर जेट एक विमान से दूसरे विमान को ईंधन देने में भी सक्षम होते हैं. यह एक बार में कई तरह की मिसाइलें ले जा सकते हैं.

Last Updated : Mar 30, 2021, 10:47 AM IST
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