नई दिल्ली: उदयपुर में कन्हैया लाल की निर्मम हत्या का मामला सियासी रंग लेता जा रहा है. कांग्रेस ने शनिवार को मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि मुख्य साजिशकर्ता रियाज अटारी के भगवा पार्टी के साथ संबंध थे. उदयपुर में कन्हैया लाल की दो मुस्लिम युवकों ने हत्या कर दी थी. नई दिल्ली में अपने मुख्यालय से मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मोदी सरकार पर सांप्रदायिक एजेंडा फैलाने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि यह अब राज्य की शांति और सद्भाव के लिए खतरा है. इस मामले में सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाते हुए खेड़ा ने कहा, 'हमारे शोध और अन्य इनपुट के आधार पर एकत्र यह तथ्य जानकर आपको हैरान कर देगा कि उदयपुर की घटना के मुख्य आरोपी रियाज अटारी का भाजपा के साथ घनिष्ठ संबंध थे. बीजेपी के दो नेताओं इरशाद चैनवाला और मोहम्मद ताहिर के साथ रियाज अटारी के संबंध और तस्वीरें जगजाहिर हैं.'
कांग्रेस का कहना है कि इसी खुलासे में यह भी सामने आया है कि मुख्य आरोपी रियाज अटारी राजस्थान बीजेपी के एक मजबूत नेता और राज्य के पूर्व गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया के कार्यक्रमों में शामिल होता था.' खेड़ा ने कहा, 'भाजपा नेता इरशाद चैनवाला के 30 नवंबर 2018 और मोहम्मद ताहिर के 3 फरवरी 2019, 27 अक्टूबर 2019, 10 अगस्त 2021, 28 नवंबर 2019 और अन्य फेसबुक पोस्ट से यह स्पष्ट होता है कि रियाज न केवल भाजपा नेताओं का करीबी था बल्कि भाजपा का सक्रिय सदस्य भी था.
राज्य में गहलोत सरकार एनआईए के साथ सहयोग करने के लिए सहमत हो गई. खेड़ा ने इसे जल्दबाजी का फैसला बताते हुए भगवा पार्टी की आलोचना की और कहा, 'केंद्र में भाजपा सरकार ने इन कारणों से घटना को एनआईए को स्थानांतरित करने के लिए जल्दबाजी की? क्या यह एक प्रकार की साजिश है? पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह इस पर चुप हैं.
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उन्होंने जम्मू-कश्मीर के निलंबित डीएसपी दविंदर सिंह के मामले का उल्लेख किया. दविंदर सिंह को एनआईए ने एक आतंकी मामले में गिरफ्तार किया था और बाद में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था. खेड़ा ने कहा कि इस मामले को भी दबा दिया गया था. पुलवामा की घटना पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. देश को जवाब चाहिए.