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सरकारी बंगला खाली करने के आदेश को महुआ मोइत्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट में दी चुनौती - लोकसभा से महुआ मोइत्रा निष्कासित

Cash For Query Case: कैश फॉर क्वेरी भ्रष्टाचार मामले में लोकसभा से निष्कासित तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा ने सरकारी बंगले के खाली कराने के आदेश के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने याचिका दाखिल कर 2024 लोकसभा चुनाव तक बंगला रखने देने की मांग की है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 18, 2023, 7:06 PM IST

नई दिल्लीः संसद से निष्कासित तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा ने सरकारी बंगला खाली कराने के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच इस याचिका पर कल यानि 19 दिसंबर को सुनवाई करेगी. मोइत्रा ने अपनी याचिका में केंद्रीय संपदा निदेशालय के आदेश को चुनौती दी है.

संपदा निदेशालय ने मोइत्रा को अपना सरकारी बंगला 7 जनवरी 2024 तक खाली करने का आदेश दिया है. याचिका में तृणमूल कांग्रेस नेता ने मांग की है कि उन्हें अपने सरकारी बंगले में 2024 के लोकसभा चुनावों के परिणाम घोषित होने तक रहने दिया जाए. उन्होंने संसद से अपने निष्कासन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर 3 जनवरी को सुनवाई करने वाली है.

यह भी पढ़ेंः 'आप मुझसे यह नहीं पूछ सकते कि आपकी बिकिनी किसने खरीदी'

एथिक्स कमेटी की अनुशंसा पर खत्म हुई है सदस्यताः 8 दिसंबर को लोकसभा सचिवालय ने महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दिया था. संसद की एथिक्स कमेटी ने महुआ मोइत्रा को पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप को सही मानते हुए संसद की सदस्यता खत्म करने की अनुशंसा की थी. उन पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगाया था. आरोप था कि उन्होंने एक कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर अडानी के बारे में सवाल पूछे थे और अपना लॉग-इन पासवर्ड भी हीरानंदानी से साझा किया था.

ममता ने महुआ का किया था समर्थनः लोकसभा से निष्कासित किए जाने पर ममता बनर्जी ने कहा था कि यह हमारे संसदीय लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है. जिस तरह से उनको लोकसभा से निकाला गया, वह सही नहीं था. हमारी पूरी पार्टी उनके साथ खड़ी है. क्योंकि भाजपा हमें हरा नहीं सकती है, इसलिए वह बदला निकाल रही है. टीएमसी सुप्रीमो ममता ने कहा कि महुआ फिर से संसद पहुचेंगी और वह भी बड़े जनमत के साथ.

यह भी पढ़ेंः संसद से किसी सदस्य का निष्कासन किन स्थितियों में हो सकता है, जानिए पहले कब समाने आए ऐसे मामले

नई दिल्लीः संसद से निष्कासित तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा ने सरकारी बंगला खाली कराने के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच इस याचिका पर कल यानि 19 दिसंबर को सुनवाई करेगी. मोइत्रा ने अपनी याचिका में केंद्रीय संपदा निदेशालय के आदेश को चुनौती दी है.

संपदा निदेशालय ने मोइत्रा को अपना सरकारी बंगला 7 जनवरी 2024 तक खाली करने का आदेश दिया है. याचिका में तृणमूल कांग्रेस नेता ने मांग की है कि उन्हें अपने सरकारी बंगले में 2024 के लोकसभा चुनावों के परिणाम घोषित होने तक रहने दिया जाए. उन्होंने संसद से अपने निष्कासन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर 3 जनवरी को सुनवाई करने वाली है.

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एथिक्स कमेटी की अनुशंसा पर खत्म हुई है सदस्यताः 8 दिसंबर को लोकसभा सचिवालय ने महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दिया था. संसद की एथिक्स कमेटी ने महुआ मोइत्रा को पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप को सही मानते हुए संसद की सदस्यता खत्म करने की अनुशंसा की थी. उन पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगाया था. आरोप था कि उन्होंने एक कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर अडानी के बारे में सवाल पूछे थे और अपना लॉग-इन पासवर्ड भी हीरानंदानी से साझा किया था.

ममता ने महुआ का किया था समर्थनः लोकसभा से निष्कासित किए जाने पर ममता बनर्जी ने कहा था कि यह हमारे संसदीय लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है. जिस तरह से उनको लोकसभा से निकाला गया, वह सही नहीं था. हमारी पूरी पार्टी उनके साथ खड़ी है. क्योंकि भाजपा हमें हरा नहीं सकती है, इसलिए वह बदला निकाल रही है. टीएमसी सुप्रीमो ममता ने कहा कि महुआ फिर से संसद पहुचेंगी और वह भी बड़े जनमत के साथ.

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