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महुआ मोइत्रा ने एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद कुमार से किया अमर्यादित व्यवहार- बीजेपी सांसद

भारतीय जनता पार्टी के सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने गुरुवार को बैठक की, जिसमें समिति ने इस रिपोर्ट को एडॉप्ट कर लिया. समिति अब ये रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को भेजेगी. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना ने एथिक्स कमिटी की महिला सदस्य और ओडिशा से सांसद अपराजिता सारंगी से बात की...

Odisha MP Aparajita Sarangi
ओडिशा से सांसद अपराजिता सारंगी
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 9, 2023, 10:10 PM IST

Updated : Nov 9, 2023, 10:39 PM IST

ओडिशा से सांसद अपराजिता सारंगी से बातचीत

नई दिल्ली: लोकसभा की आचार समिति ने 'रिश्वत लेकर प्रश्न पूछने' संबंधी आरोपों के मामले में गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा को संसद के निचले सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की. इस सवाल पर की एथिक्स कमिटी के अध्यक्ष पर सांसद महुआ मोइत्रा ने गलत शब्दों और आचरण का आरोप लगाया था, आप भी इस कमेटी की महिला सदस्य हैं, आपका क्या कहना है.

इस सवाल पर एथिक्स कमेटी की महिला सदस्य अपराजिता सारंगी ने कहा कि जहां तक अध्यक्ष जी के आचरण का सवाल है, जब हम सांसद बनते हैं, तब हम बहुत बड़ा दायित्व अपने कंधे पर लेते हैं और हम अपने व्यवहार और आचरण को ध्यान में रखना चाहिए. यूं कहें हमारे घर कांच के होते हैं और हमारे ऊपर सबकी नजर रहती हैं, क्योंकि हम जनता द्वारा चुनकर आते हैं और हमारे द्वारा मर्यादा में व्यवहार और शब्दों का इस्तेमाल करना संसदीय परंपरा है, मगर महुआ मोइत्रा ने रूल ऑफ बिजनेस ऑफ लोकसभा का उल्लंघन किया.

उन्होंने आगे कहा कि ब्रीच ऑफ ट्रस्ट हुआ. यूएई में बैठे एक व्यक्ति को अपनी लॉगिन आईडी दी. उन्होंने कहा कि इस समिति की तीन बैठकें हुई और पिछली बैठक में महुआ मोइत्रा जवाब देते-देते आपे से बाहर हो गईं थीं, बिगड़ गई थी ,उनका व्यवहार सही नहीं था. बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा कि तीन बार तीन दिनों में वोटिंग हुई और हर बार विपक्षी सांसदों को मुंह की खानी पड़ी.

महुआ मोइत्रा के खिलाफ जांच में एथिक्स कमेटी ने समिति की रिपोर्ट एडॉप्ट कर ली

उन्होंने कहा कि जहां तक लोगिन क्रेडेंशियल देने की बात है, वो गलत ही नहीं क्रिमिनल है और कमेटी ने अनुशंसा की है कि इसकी जांच एजेंसियों से करवाई जाए, क्योंकि ये गंभीर मामला है. एथिक्स कमेटी की सदस्य अपराजिता सारंगी ने कहा कि इस मामले में तो दर्शन हीरानंदानी ने भी एफिडेविट दिया है. इससे ये तो है कि सांसद को व्यवहार मर्यादा के सीमाओं में करनी चाहिए थी और इससे अब ये साफ हो चुका है कि इन पर लगाए गए आरोप सही हैं.

उन्होंने कहा कि पिछली बैठक में जब महुआ मोइत्रा को बुलाया गया तब कमिटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने कहा कि आप समय लेकर जवाब दीजिए और शोर शराबा मत करिए, जबकि उन्होंने मर्यादाहीन शब्द जैसे 'बेहूदा' 'बेशर्म' जैसे शब्दों का इस्तेमाल बैठक में अध्यक्ष के लिए किया. ऐसा एक जनप्रतिनिधि को नहीं करना चाहिए.

यदि बात जय देहादराय की हो उन्होंने भी कमिटी में सारी बात की. ये मामला वैसा ही है, जो 2005 में वोट फॉर नोट जैसा मामला हुआ था और महुआ मोइत्रा के खिलाफ जो कमिटी ने रिपोर्ट अडॉप्ट किए हैं, उससे लगता है कि ऐसी गलती फिर कोई सांसद ना दोहराए. सबको सीख मिले, इसलिए कहीं ना कहीं निस्कासन की अनुशंसा सही है.

ओडिशा से सांसद अपराजिता सारंगी से बातचीत

नई दिल्ली: लोकसभा की आचार समिति ने 'रिश्वत लेकर प्रश्न पूछने' संबंधी आरोपों के मामले में गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा को संसद के निचले सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की. इस सवाल पर की एथिक्स कमिटी के अध्यक्ष पर सांसद महुआ मोइत्रा ने गलत शब्दों और आचरण का आरोप लगाया था, आप भी इस कमेटी की महिला सदस्य हैं, आपका क्या कहना है.

इस सवाल पर एथिक्स कमेटी की महिला सदस्य अपराजिता सारंगी ने कहा कि जहां तक अध्यक्ष जी के आचरण का सवाल है, जब हम सांसद बनते हैं, तब हम बहुत बड़ा दायित्व अपने कंधे पर लेते हैं और हम अपने व्यवहार और आचरण को ध्यान में रखना चाहिए. यूं कहें हमारे घर कांच के होते हैं और हमारे ऊपर सबकी नजर रहती हैं, क्योंकि हम जनता द्वारा चुनकर आते हैं और हमारे द्वारा मर्यादा में व्यवहार और शब्दों का इस्तेमाल करना संसदीय परंपरा है, मगर महुआ मोइत्रा ने रूल ऑफ बिजनेस ऑफ लोकसभा का उल्लंघन किया.

उन्होंने आगे कहा कि ब्रीच ऑफ ट्रस्ट हुआ. यूएई में बैठे एक व्यक्ति को अपनी लॉगिन आईडी दी. उन्होंने कहा कि इस समिति की तीन बैठकें हुई और पिछली बैठक में महुआ मोइत्रा जवाब देते-देते आपे से बाहर हो गईं थीं, बिगड़ गई थी ,उनका व्यवहार सही नहीं था. बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा कि तीन बार तीन दिनों में वोटिंग हुई और हर बार विपक्षी सांसदों को मुंह की खानी पड़ी.

महुआ मोइत्रा के खिलाफ जांच में एथिक्स कमेटी ने समिति की रिपोर्ट एडॉप्ट कर ली

उन्होंने कहा कि जहां तक लोगिन क्रेडेंशियल देने की बात है, वो गलत ही नहीं क्रिमिनल है और कमेटी ने अनुशंसा की है कि इसकी जांच एजेंसियों से करवाई जाए, क्योंकि ये गंभीर मामला है. एथिक्स कमेटी की सदस्य अपराजिता सारंगी ने कहा कि इस मामले में तो दर्शन हीरानंदानी ने भी एफिडेविट दिया है. इससे ये तो है कि सांसद को व्यवहार मर्यादा के सीमाओं में करनी चाहिए थी और इससे अब ये साफ हो चुका है कि इन पर लगाए गए आरोप सही हैं.

उन्होंने कहा कि पिछली बैठक में जब महुआ मोइत्रा को बुलाया गया तब कमिटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने कहा कि आप समय लेकर जवाब दीजिए और शोर शराबा मत करिए, जबकि उन्होंने मर्यादाहीन शब्द जैसे 'बेहूदा' 'बेशर्म' जैसे शब्दों का इस्तेमाल बैठक में अध्यक्ष के लिए किया. ऐसा एक जनप्रतिनिधि को नहीं करना चाहिए.

यदि बात जय देहादराय की हो उन्होंने भी कमिटी में सारी बात की. ये मामला वैसा ही है, जो 2005 में वोट फॉर नोट जैसा मामला हुआ था और महुआ मोइत्रा के खिलाफ जो कमिटी ने रिपोर्ट अडॉप्ट किए हैं, उससे लगता है कि ऐसी गलती फिर कोई सांसद ना दोहराए. सबको सीख मिले, इसलिए कहीं ना कहीं निस्कासन की अनुशंसा सही है.

Last Updated : Nov 9, 2023, 10:39 PM IST
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