नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने कई राज्य सरकारों, विशेष रूप से महाराष्ट्र, तमिलनाडु और तेलंगाना को अपने राज्य के फिंगरप्रिंट ब्यूरो में अधिकारियों की भर्ती करने के लिए कहा है, क्योंकि इन तीन राज्यों में फिंगर प्रिंट ब्यूरो में अधिकतम पद खाली हैं.
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि अपराध के मामलों को सुलझाने में फिंगर प्रिंट ब्यूरो हमेशा प्रमुख भूमिका निभाता है. हालांकि, कई राज्य सरकारों के ब्यूरो में पर्याप्त संख्या में इसके लिए कर्मचारी नहीं हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में निदेशक, पुलिस अधीक्षक, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक, पुलिस निरीक्षक सहित अन्य पदों के लिए कुल 307 स्वीकृत पद हैं. इन पदों के मुकाबले राज्य में 188 पदों पर कर्मचारी नियुक्त हैं जबकि 119 पद रिक्ति हैं.
इसी तरह तमिलनाडु में फिंगर प्रिंट ब्यूरो में 381 अधिकारियों की स्वीकृत शक्ति के मुकाबले, 262 पोस्ट भरे हैं जबकि 119 रिक्तियां हैं. वहीं, तेलंगाना में 100 पद रिक्ति हैं जबकि 59 पदों पर कर्मचारी तैनात हैं और इस तरह कुल स्वीकृत पद 159 हैं. इसके अलावा त्रिपुरा, सिक्किम, राजस्थान, पंजाब, ओडिशा, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा, गुजरात, दिल्ली, छत्तीसगढ़, असम और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में भी फिंगर प्रिंट ब्यूरो में कर्मचारियों की कमी है.
फिंगर प्रिंट अधिकारियों की मुख्य जिम्मेदारी अपराधियों द्वारा अपराध स्थल पर छोड़े गए मौके के निशान और अपराधियों के उंगलियों के निशान के साथ मिलान करना है. फिंगर प्रिंट विशेषज्ञ फिंगरप्रिंट डेटाबेस की तुलना करके आपराधिक रिकॉर्ड प्रदान करने के लिए गिरफ्तार व्यक्तियों की फिंगर प्रिंट पर्ची भी प्राप्त करते हैं.
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021 में राज्य फिंगर प्रिंट ब्यूरो, पुलिस, अन्य कर्मचारियों की फिंगर प्रिंट इकाइयों ने 52,602 अपराध स्थलों का दौरा किया. इस बीच उन्होंने 70,204 प्रिंट लिए. इनमें से 53,281 फिंगर प्रिंट मिलान के लिए पाए गए.प्रिंट के जरिए कुल 2,961 मामले सुलझाए गए हैं. आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश में हत्या, गंभीर चोट, बलात्कार और हत्या के प्रयास के लिए अपराधियों की सजा के लिए एक वर्ष में सबसे अधिक फिंगरप्रिंट स्लिप दर्ज की गई है.
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गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा,'हम सभी राज्यों के फिंगर प्रिंट ब्यूरो को नवीनतम और परिष्कृत वैज्ञानिक उपकरणों और गैजेट्स के साथ बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि यह जांच प्रक्रिया में सकारात्मक बिंदु जोड़ सके. अधिकारी ने आगे बताया कि 2023-24 में गृह मंत्रालय के लिए आवंटित केंद्रीय बजट का एक बड़ा हिस्सा पुलिस आधुनिकीकरण प्रक्रियाओं के तहत फिंगर प्रिंट ब्यूरो के उन्नयन के लिए उपयोग किया जाएगा.