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बैंकिंग व साइबर धोखाधड़ी के मामलों में महाराष्ट्र अव्वल, देश के हर कोने में हुए फ्रॉड

भारत के सबसे बड़े औद्योगिक राज्य (Largest Industrialized States of India) जैसे महाराष्ट्र और तमिलनाडु, एटीएम, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और साइबर धोखाधड़ी का उपयोग करके बैंकिंग फ्रॉड के मामलों में सबसे अधिक असुरक्षित हैं. वित्त मंत्रालय द्वारा सोमवार को साझा किए गए नवीनतम आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है.

cyber fraud
साइबर फ्राड
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Published : Mar 14, 2022, 8:04 PM IST

नई दिल्ली: वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड (Minister of State for Finance Bhagwat Karad) ने लोकसभा को बताया कि बैंकिंग में साइबर वित्तीय धोखाधड़ी मुख्य रूप से एटीएम, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग प्लेटफॉर्म पर हुई धोखाधड़ी से संबंधित है. इस तरह के फ्रॉड देश के सभी राज्यों में सामने आए हैं. यहां तक कि दूर-दराज के राज्यों में भी साइबर फ्रॉड के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है.

आरबीआई द्वारा साझा किए गए आंकड़ों का हवाला देते हुए मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में साइबर धोखाधड़ी, इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम-डेबिट और क्रेडिट कार्ड के उपयोग से जुड़े बैंकिंग धोखाधड़ी के 50000 से अधिक (50242) मामले सामने आए हैं. इन धोखाधड़ी के शिकार लोगों को नौ महीने की अवधि के दौरान कुल 167 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है.

महाराष्ट्र में लगभग 40 फीसदी मामले
आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र इन साइबर और बैंकिंग से संबंधित धोखाधड़ी का सबसे बड़ा शिकार है. इस अवधि के दौरान सभी साइबर और बैंकिंग धोखाधड़ी के मामलों का लगभग 40% हिस्सा महाराष्ट्र का है. आंकड़ों से पता चला है कि महाराष्ट्र से साइबर और बैंकिंग धोखाधड़ी के 19671 मामले सामने आए. इसके बाद दक्षिणी राज्य तमिलनाडु (5292 मामले), राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (5001 मामले) का स्थान है.

जबकि हरियाणा ने साइबर और बैंकिंग धोखाधड़ी के 4638 मामले दर्ज किए. भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश ने 3082 मामले दर्ज किए, इसके बाद कर्नाटक, भारत की आईटी राजधानी बेंगलुरु में 2397 मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं पश्चिमी राज्य गुजरात ने साइबर और बैंकिंग धोखाधड़ी के 2281 मामले दर्ज किए. जबकि तेलंगाना में 1558 मामले दर्ज किए गए. आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब और ओडिशा जैसे बड़े राज्यों सहित अन्य सभी राज्यों में 1000 से कम मामले दर्ज किए गए हैं.

देश का कोई भी हिस्सा सुरक्षित नहीं

डाटा से यह भी पता चला कि देश का कोई भी हिस्सा इन साइबर अपराधों और बैंकिंग धोखाधड़ी से सुरक्षित नहीं है. केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप को छोड़कर उत्तर-पूर्व के सभी राज्यों, जम्मू और कश्मीर, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से ऐसे मामले सामने आए हैं. जिसमें कम से कम एक मामला साइबर श्रेणी के अंतर्गत आता है. केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख जैसे दूरदराज के क्षेत्रों में तीन मामले सामने आए. जबकि जम्मू और कश्मीर से साइबर और बैंकिंग धोखाधड़ी के 43 मामले सामने आए हैं.

नई दिल्ली: वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड (Minister of State for Finance Bhagwat Karad) ने लोकसभा को बताया कि बैंकिंग में साइबर वित्तीय धोखाधड़ी मुख्य रूप से एटीएम, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग प्लेटफॉर्म पर हुई धोखाधड़ी से संबंधित है. इस तरह के फ्रॉड देश के सभी राज्यों में सामने आए हैं. यहां तक कि दूर-दराज के राज्यों में भी साइबर फ्रॉड के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है.

आरबीआई द्वारा साझा किए गए आंकड़ों का हवाला देते हुए मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में साइबर धोखाधड़ी, इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम-डेबिट और क्रेडिट कार्ड के उपयोग से जुड़े बैंकिंग धोखाधड़ी के 50000 से अधिक (50242) मामले सामने आए हैं. इन धोखाधड़ी के शिकार लोगों को नौ महीने की अवधि के दौरान कुल 167 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है.

महाराष्ट्र में लगभग 40 फीसदी मामले
आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र इन साइबर और बैंकिंग से संबंधित धोखाधड़ी का सबसे बड़ा शिकार है. इस अवधि के दौरान सभी साइबर और बैंकिंग धोखाधड़ी के मामलों का लगभग 40% हिस्सा महाराष्ट्र का है. आंकड़ों से पता चला है कि महाराष्ट्र से साइबर और बैंकिंग धोखाधड़ी के 19671 मामले सामने आए. इसके बाद दक्षिणी राज्य तमिलनाडु (5292 मामले), राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (5001 मामले) का स्थान है.

जबकि हरियाणा ने साइबर और बैंकिंग धोखाधड़ी के 4638 मामले दर्ज किए. भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश ने 3082 मामले दर्ज किए, इसके बाद कर्नाटक, भारत की आईटी राजधानी बेंगलुरु में 2397 मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं पश्चिमी राज्य गुजरात ने साइबर और बैंकिंग धोखाधड़ी के 2281 मामले दर्ज किए. जबकि तेलंगाना में 1558 मामले दर्ज किए गए. आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब और ओडिशा जैसे बड़े राज्यों सहित अन्य सभी राज्यों में 1000 से कम मामले दर्ज किए गए हैं.

देश का कोई भी हिस्सा सुरक्षित नहीं

डाटा से यह भी पता चला कि देश का कोई भी हिस्सा इन साइबर अपराधों और बैंकिंग धोखाधड़ी से सुरक्षित नहीं है. केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप को छोड़कर उत्तर-पूर्व के सभी राज्यों, जम्मू और कश्मीर, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से ऐसे मामले सामने आए हैं. जिसमें कम से कम एक मामला साइबर श्रेणी के अंतर्गत आता है. केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख जैसे दूरदराज के क्षेत्रों में तीन मामले सामने आए. जबकि जम्मू और कश्मीर से साइबर और बैंकिंग धोखाधड़ी के 43 मामले सामने आए हैं.

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