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Maharashtra politics : संजय राउत का बड़ा आरोप, 'शिवसेना नाम के लिए 2000 करोड़ की हुई डील' - MLA sada sarvankar

शिवसेना का नाम और चिन्ह एकनाथ शिंदे गुट के नाम करने के बाद महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई है. उद्धव और शिंदे गुट के नेताओं के बीच बयानबाजी का दौर जारी है. ठाकरे गुट के नेता व सांसद संजय राउत ने आरोप लगाया है कि शिवसेना का नाम और चिन्ह छीना गया है और ऐसा करने के लिए ₹2000 करोड़ का लेन-देन हुआ है.

Sanjay Raut
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Published : Feb 19, 2023, 12:23 PM IST

Updated : Feb 19, 2023, 6:08 PM IST

मुंबई: शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि शिवसेना पार्टी के नाम एवं निशान ‘तीर-धनुष’ को खरीदने के लिए 2000 करोड़ रुपये का सौदा हुआ है. दो दिन पहले ही निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले धड़े को असली शिवसेना बताया था और उसे ‘तीर-धनुष’ चुनाव निशान आवंटित किया था. हालांकि, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े के विधायक सदा सर्वांकर ने राउत के दावे का खंडन किया और सवाल किया, ‘‘क्या संजय राउत खजांची हैं.’’ महाराष्ट्र के मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता सुधीर मुंगतिवार ने यह कहते हुए राउत पर पलटवार किया कि उच्चतम न्यायालय एवं निर्वाचन अयोग जैसे स्वतंत्र संस्थाओं को बदनाम करने की कोशिश के तहत ऐसे बेबुनियाद आरोप लगाये जा रहे हैं.

राउत ने एक ट्वीट में दावा किया कि 2000 करोड़ रुपये का शुरुआती आंकड़ा है और यह बात शत-प्रतिशत सच्ची है. उन्होंने संवाददाताओं से यह भी कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के करीबी एक बिल्डर ने उन्हें यह बात बतायी है. राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा कि उनके दावे के पक्ष में सबूत हैं जिसे वह शीघ्र ही सामने लायेंगे. निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को एकनाथ धड़े को असली शिवसेना की मान्यता देते हुए उसे चुनाव निशान ‘तीर-धनुष’ आवंटित करने का आदेश दिया.

  • #WATCH शिवसेना और उसका निशान (तीर-कमान) चिह्न छीना गया है और ऐसा करने के लिए इस मामले में अब तक 2,000 करोड़ रुपए की लेनदेन हुई है: उद्धव ठाकरे गुट के नेता व सांसद संजय राउत, मुंबई pic.twitter.com/6hyQHLjMZr

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) February 19, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पार्टी संगठन पर काबिज होने को लेकर चले लंबे संघर्ष पर 78 पन्नों के अपने आदेश/फैसले में निर्वाचन आयोग ने उद्धव ठाकरे धड़े को उसे आवंटित किया गया चुनाव निशान ‘जलती मशाल’ महाराष्ट्र में विधानसभा उपचुनाव होने तक रखने की अनुमति दी. राउत ने रविवार को कहा कि 2000 करोड़ रुपये शिवसेना का नाम ‘‘खरीदने’’ के लिए कोई छोटी रकम नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘निर्वाचन आयोग का फैसला एक सौदा है.’’ राउत ने ट्वीट किया, ‘‘मुझे पक्की सूचना मिली है कि शिवसेना का नाम एवं पहचान पाने के लिए 2000 करोड़ रुपये का सौदा हुआ. यह शुरुआती आंकड़ा है तथा शत-प्रतिशत सच्ची बात है. कई बातें शीघ्र ही सामने लायी जाएंगी. इस देश के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ.’’

हालांकि, मुंगतिवार ने कहा कि ऐसी टिप्पणियां उच्चतम न्यायालय एवं निर्वाचन आयोग जैसी संस्थाओं को बदनाम करने की कोशिश भर हैं. उन्होंने कहा कि जनता उन लोगों को सबक सिखायेगी जो लोकतंत्र को बदनाम करने वाली ऐसी टिप्पणियां करते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ आशा करता हूं कि सद्बुद्धि आयेगी.’’ भारतीय जनता पार्टी की मुंबई इकाई के प्रमुख आशीष शेलार ने दावा किया कि ऐसी टिप्पणियां करने वालों की ‘या तो मति मारी गयी है या पगला गये हैं.’’ राउत से जब महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के संदर्भ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस परोक्ष बयान के बारे में पूछा गया कि कुछ लोग ‘‘विरोधी विचारधारा वालों के तलवे चाट रहे थे’’, तब उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान मुख्यमंत्री क्या चाट रहे हैं? शाह क्या कहते हैं, महाराष्ट्र के लोग उसे (उस बात को) भाव नहीं देते? वर्तमान मुख्यमंत्री को छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम लेने का अधिकार नहीं है.’’

  • अमित शाह क्या बोलते हैं, वो महाराष्ट्र के लोग ध्यान नहीं देते..जो सत्य को खरीदने का काम करते हैं वो झूठ और सच की क्या बात कर रहे हैं। इसका निर्णय लेने का काम जनता के पास है और समय आने पर वो करेगी...शिवसेना किसकी थी और किसकी होगी ये फैसला महाराष्ट्र के लोग लेंगे: सांसद संजय राउत pic.twitter.com/fLrIbPEYe2

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) February 19, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

शाह ने शनिवार को कहा था कि जिन लोगों ने विरोधी विचारधारा के लोगों के ‘‘तलवे चाटना’ पसंद किया था, उन्हें निर्वाचन आयोग द्वारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के धड़े को असली शिवसेना घोषित किए जाने और उसे ‘तीर-धनुष’ चुनाव निशान दिए जाने के बाद पता चल गया है कि सत्य किधर है. उद्धव ठाकरे का नाम लिए बगैर शाह ने फिर कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का पद साझा करने की कोई सहमति नहीं हुई थी. शिवसेना ने 2019 के विधानसभा चुनाव का परिणाम सामने आने के बाद भारतीय जनता पार्टी के साथ अपना गठबंधन तोड़ लिया था. इसने मुख्यमंत्री पद साझा करने के वादे से भाजपा के पीछे हट जाने का दावा किया था. बाद में उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) एवं कांग्रेस के साथ गठजोड़ कर महाराष्ट्र विकास आघाड़ी गठबंधन बनाया था जिसने शिंदे के बगावत करने से पहले तक जून 2022 तक महाराष्ट्र में शासन किया.

ये भी पढ़ें- Sanjay Raut on EC decision: चुनाव आयोग के फैसले को राउत ने बताया 'राजनीतिक हिंसा'

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई: शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि शिवसेना पार्टी के नाम एवं निशान ‘तीर-धनुष’ को खरीदने के लिए 2000 करोड़ रुपये का सौदा हुआ है. दो दिन पहले ही निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले धड़े को असली शिवसेना बताया था और उसे ‘तीर-धनुष’ चुनाव निशान आवंटित किया था. हालांकि, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े के विधायक सदा सर्वांकर ने राउत के दावे का खंडन किया और सवाल किया, ‘‘क्या संजय राउत खजांची हैं.’’ महाराष्ट्र के मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता सुधीर मुंगतिवार ने यह कहते हुए राउत पर पलटवार किया कि उच्चतम न्यायालय एवं निर्वाचन अयोग जैसे स्वतंत्र संस्थाओं को बदनाम करने की कोशिश के तहत ऐसे बेबुनियाद आरोप लगाये जा रहे हैं.

राउत ने एक ट्वीट में दावा किया कि 2000 करोड़ रुपये का शुरुआती आंकड़ा है और यह बात शत-प्रतिशत सच्ची है. उन्होंने संवाददाताओं से यह भी कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के करीबी एक बिल्डर ने उन्हें यह बात बतायी है. राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा कि उनके दावे के पक्ष में सबूत हैं जिसे वह शीघ्र ही सामने लायेंगे. निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को एकनाथ धड़े को असली शिवसेना की मान्यता देते हुए उसे चुनाव निशान ‘तीर-धनुष’ आवंटित करने का आदेश दिया.

  • #WATCH शिवसेना और उसका निशान (तीर-कमान) चिह्न छीना गया है और ऐसा करने के लिए इस मामले में अब तक 2,000 करोड़ रुपए की लेनदेन हुई है: उद्धव ठाकरे गुट के नेता व सांसद संजय राउत, मुंबई pic.twitter.com/6hyQHLjMZr

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पार्टी संगठन पर काबिज होने को लेकर चले लंबे संघर्ष पर 78 पन्नों के अपने आदेश/फैसले में निर्वाचन आयोग ने उद्धव ठाकरे धड़े को उसे आवंटित किया गया चुनाव निशान ‘जलती मशाल’ महाराष्ट्र में विधानसभा उपचुनाव होने तक रखने की अनुमति दी. राउत ने रविवार को कहा कि 2000 करोड़ रुपये शिवसेना का नाम ‘‘खरीदने’’ के लिए कोई छोटी रकम नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘निर्वाचन आयोग का फैसला एक सौदा है.’’ राउत ने ट्वीट किया, ‘‘मुझे पक्की सूचना मिली है कि शिवसेना का नाम एवं पहचान पाने के लिए 2000 करोड़ रुपये का सौदा हुआ. यह शुरुआती आंकड़ा है तथा शत-प्रतिशत सच्ची बात है. कई बातें शीघ्र ही सामने लायी जाएंगी. इस देश के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ.’’

हालांकि, मुंगतिवार ने कहा कि ऐसी टिप्पणियां उच्चतम न्यायालय एवं निर्वाचन आयोग जैसी संस्थाओं को बदनाम करने की कोशिश भर हैं. उन्होंने कहा कि जनता उन लोगों को सबक सिखायेगी जो लोकतंत्र को बदनाम करने वाली ऐसी टिप्पणियां करते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ आशा करता हूं कि सद्बुद्धि आयेगी.’’ भारतीय जनता पार्टी की मुंबई इकाई के प्रमुख आशीष शेलार ने दावा किया कि ऐसी टिप्पणियां करने वालों की ‘या तो मति मारी गयी है या पगला गये हैं.’’ राउत से जब महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के संदर्भ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस परोक्ष बयान के बारे में पूछा गया कि कुछ लोग ‘‘विरोधी विचारधारा वालों के तलवे चाट रहे थे’’, तब उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान मुख्यमंत्री क्या चाट रहे हैं? शाह क्या कहते हैं, महाराष्ट्र के लोग उसे (उस बात को) भाव नहीं देते? वर्तमान मुख्यमंत्री को छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम लेने का अधिकार नहीं है.’’

  • अमित शाह क्या बोलते हैं, वो महाराष्ट्र के लोग ध्यान नहीं देते..जो सत्य को खरीदने का काम करते हैं वो झूठ और सच की क्या बात कर रहे हैं। इसका निर्णय लेने का काम जनता के पास है और समय आने पर वो करेगी...शिवसेना किसकी थी और किसकी होगी ये फैसला महाराष्ट्र के लोग लेंगे: सांसद संजय राउत pic.twitter.com/fLrIbPEYe2

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) February 19, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

शाह ने शनिवार को कहा था कि जिन लोगों ने विरोधी विचारधारा के लोगों के ‘‘तलवे चाटना’ पसंद किया था, उन्हें निर्वाचन आयोग द्वारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के धड़े को असली शिवसेना घोषित किए जाने और उसे ‘तीर-धनुष’ चुनाव निशान दिए जाने के बाद पता चल गया है कि सत्य किधर है. उद्धव ठाकरे का नाम लिए बगैर शाह ने फिर कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का पद साझा करने की कोई सहमति नहीं हुई थी. शिवसेना ने 2019 के विधानसभा चुनाव का परिणाम सामने आने के बाद भारतीय जनता पार्टी के साथ अपना गठबंधन तोड़ लिया था. इसने मुख्यमंत्री पद साझा करने के वादे से भाजपा के पीछे हट जाने का दावा किया था. बाद में उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) एवं कांग्रेस के साथ गठजोड़ कर महाराष्ट्र विकास आघाड़ी गठबंधन बनाया था जिसने शिंदे के बगावत करने से पहले तक जून 2022 तक महाराष्ट्र में शासन किया.

ये भी पढ़ें- Sanjay Raut on EC decision: चुनाव आयोग के फैसले को राउत ने बताया 'राजनीतिक हिंसा'

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Feb 19, 2023, 6:08 PM IST
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