ETV Bharat / bharat

'क्या महा विकास अघाड़ी सरकार के पास विधायकों के निलंबन का भी अधिकार है'

एक तरफ भारतीय जनता पार्टी के नेता महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार के अल्पमत में आने का दावा कर रहे हैं और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ एमवीए गठबंधन के नेता शिवसेना विधायकों को जबरदस्ती पहले सूरत और बाद में असम ले जाने का आरोप लगा रहे हैं. एक तरफ महा विकास अघाड़ी सरकार विश्वासमत से पहले विधायकों के हस्ताक्षर की जांच की बात उठा रही है, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी उद्धव ठाकरे से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांग रही है. क्या एमवीए सरकार के पास विधायकों के निलंबन का संवैधानिक अधिकार है, जानते हैं वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की इस रिपोर्ट में.

mva-govt-lose-majority
उद्धव ठाकरे सरकार अल्पमत में
author img

By

Published : Jun 23, 2022, 9:12 PM IST

नई दिल्ली: महाराष्ट्र की सियासत में चल रहा ड्रामा अभी भी जारी है. शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के गुट में शामिल विधायकों की संख्या बढ़कर 40 से भी ज्यादा हो चुकी है, ऐसा शिंदे गुट का दावा है. वहीं दूसरी तरफ एमवीए सरकार में मुख्य सहयोगी पार्टी शिवसेना नरम पड़ती दिख रही है और यहां तक कह चुकी है कि अगर विधायक ऐसा चाहते हैं तो वह एमवीए गठबंधन से अलग हो सकती है.

वहीं कल तक शिवसेना के नेता ये बयान दे रहे थे कि विधायक पार्टी से गद्दारी करने की बजाय सीधे आकर बात करें और यदि विधायक चाहते हैं कि महा विकास अघाड़ी से जो गठबंधन है इसे खत्म करना चाहिए, तो वो इसके लिए भी तैयार हैं. यही नहीं एमवीए सरकार की तरफ से बागी विधायकों को यह भी चेतावनी दी जा रही थी कि स्पीकर की तरफ से उनके खिलाफ दल बदलने के आरोप में अयोग्य ठहराने की कार्रवाई की जा सकती है.

महाराष्ट्र की पल-पल बदलती सियासत पर सभी बड़ी पार्टीयों की नजर है और एमवीए गठबंधन में शामिल एनसीपी की बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने भी कहा कि महाराष्ट्र में जो परिस्थिति बनी है उसमें हम एमवीए सरकार के ही साथ रहेंगे और उद्धव ठाकरे को समर्थन देते रहेंगे.

वहीं, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शिवसेना पर भाजपा के साथ धोखाधड़ी करने तक का आरोप जड़ दिया. अठावले ने आरोप लगाया कि शिवसेना ने 2019 के चुनाव में भाजपा और आरपीआई के साथ चुनाव लड़ा था, लेकिन बाद में शिवसेना ने जनता के साथ-साथ दोनों सहयोगी पार्टियों को धोखा दिया और अब असली शिवसेना एकनाथ शिंदे की है, क्योंकि उनके साथ उद्धव ठाकरे से ज्यादा विधायक हैं.

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने अपने सभी अधिकृत प्रवक्ताओं को महाराष्ट्र की सियासत पर बयानबाजी करने से मना कर दिया है. इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं ने शिवसेना पर अहंकार में डूबे होने का आरोप लगाया है. मगर क्या एमवीए सरकार के स्पीकर अविश्वास प्रस्ताव की स्थिति में राज्यपाल के बाद कोई भूमिका निभा सकते हैं, इस मुद्दे पर जब ईटीवी भारत ने प्रख्यात संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप से बात की तो उन्होंने बताया कि राज्यपाल के ऊपर निर्भर करता है कि वो क्या निर्णय लेते हैं क्योंकि आधिकारिक तौर पर संवैधानिक अधिकार उन्हीं के पास हैं.

यह भी पढ़ें- बहुमत खो दिया है, तो उद्धव को इस्तीफा दे देना चाहिए: संविधान विशेषज्ञ

उन्होंने कहा कि यदि स्पीकर किसी विधायक को अयोग्य करार देते भी हैं तो वो कोर्ट में चैलेंज कर सकता है. उन्होंने कहा कि जहां तक उनका अनुभव बताता है कि कोर्ट से उस विधायक को राहत भी मिल सकती है. सुभाष कश्यप ने कहा कि खासतौर पर जब कोई सरकार अल्पमत में आ जाती है और उसके पास नंबर नहीं है तो मुख्यमंत्री के पास यही विकल्प होता है कि वो इस्तीफा दे दे. सुभाष कश्यप ने कहा कि कुल मिलाकर यदि सदन में एक मुख्यमंत्री अल्पमत में आ जाता है तब स्पीकर भी अल्पमत में होता है और उनके पास ये पावर नहीं है कि किसी को बर्खास्त करें.

कुल मिलाकर देखा जाए तो शिवसेना अब पूरी तरह से घिर चुकी है और अब उसे आर पार का निर्णय जल्दी ही ले लेना चाहिए.

नई दिल्ली: महाराष्ट्र की सियासत में चल रहा ड्रामा अभी भी जारी है. शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के गुट में शामिल विधायकों की संख्या बढ़कर 40 से भी ज्यादा हो चुकी है, ऐसा शिंदे गुट का दावा है. वहीं दूसरी तरफ एमवीए सरकार में मुख्य सहयोगी पार्टी शिवसेना नरम पड़ती दिख रही है और यहां तक कह चुकी है कि अगर विधायक ऐसा चाहते हैं तो वह एमवीए गठबंधन से अलग हो सकती है.

वहीं कल तक शिवसेना के नेता ये बयान दे रहे थे कि विधायक पार्टी से गद्दारी करने की बजाय सीधे आकर बात करें और यदि विधायक चाहते हैं कि महा विकास अघाड़ी से जो गठबंधन है इसे खत्म करना चाहिए, तो वो इसके लिए भी तैयार हैं. यही नहीं एमवीए सरकार की तरफ से बागी विधायकों को यह भी चेतावनी दी जा रही थी कि स्पीकर की तरफ से उनके खिलाफ दल बदलने के आरोप में अयोग्य ठहराने की कार्रवाई की जा सकती है.

महाराष्ट्र की पल-पल बदलती सियासत पर सभी बड़ी पार्टीयों की नजर है और एमवीए गठबंधन में शामिल एनसीपी की बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने भी कहा कि महाराष्ट्र में जो परिस्थिति बनी है उसमें हम एमवीए सरकार के ही साथ रहेंगे और उद्धव ठाकरे को समर्थन देते रहेंगे.

वहीं, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शिवसेना पर भाजपा के साथ धोखाधड़ी करने तक का आरोप जड़ दिया. अठावले ने आरोप लगाया कि शिवसेना ने 2019 के चुनाव में भाजपा और आरपीआई के साथ चुनाव लड़ा था, लेकिन बाद में शिवसेना ने जनता के साथ-साथ दोनों सहयोगी पार्टियों को धोखा दिया और अब असली शिवसेना एकनाथ शिंदे की है, क्योंकि उनके साथ उद्धव ठाकरे से ज्यादा विधायक हैं.

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने अपने सभी अधिकृत प्रवक्ताओं को महाराष्ट्र की सियासत पर बयानबाजी करने से मना कर दिया है. इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं ने शिवसेना पर अहंकार में डूबे होने का आरोप लगाया है. मगर क्या एमवीए सरकार के स्पीकर अविश्वास प्रस्ताव की स्थिति में राज्यपाल के बाद कोई भूमिका निभा सकते हैं, इस मुद्दे पर जब ईटीवी भारत ने प्रख्यात संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप से बात की तो उन्होंने बताया कि राज्यपाल के ऊपर निर्भर करता है कि वो क्या निर्णय लेते हैं क्योंकि आधिकारिक तौर पर संवैधानिक अधिकार उन्हीं के पास हैं.

यह भी पढ़ें- बहुमत खो दिया है, तो उद्धव को इस्तीफा दे देना चाहिए: संविधान विशेषज्ञ

उन्होंने कहा कि यदि स्पीकर किसी विधायक को अयोग्य करार देते भी हैं तो वो कोर्ट में चैलेंज कर सकता है. उन्होंने कहा कि जहां तक उनका अनुभव बताता है कि कोर्ट से उस विधायक को राहत भी मिल सकती है. सुभाष कश्यप ने कहा कि खासतौर पर जब कोई सरकार अल्पमत में आ जाती है और उसके पास नंबर नहीं है तो मुख्यमंत्री के पास यही विकल्प होता है कि वो इस्तीफा दे दे. सुभाष कश्यप ने कहा कि कुल मिलाकर यदि सदन में एक मुख्यमंत्री अल्पमत में आ जाता है तब स्पीकर भी अल्पमत में होता है और उनके पास ये पावर नहीं है कि किसी को बर्खास्त करें.

कुल मिलाकर देखा जाए तो शिवसेना अब पूरी तरह से घिर चुकी है और अब उसे आर पार का निर्णय जल्दी ही ले लेना चाहिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.