सांगली: महाराष्ट्र के सांगली में 53 घंटे बाद आखिरकार प्रवर्तन निदेशालय ने इस्लामपुर पेठ स्थित राजारामबापू सहकारी बैंक की मुख्य शाखा में जांच पूरी कर ली है. ईडी की टीम सुबह 5 बजे राजारामबापू बैंक से निकली. इस दौरान बैंक के सभी 80 कर्मचारी वहीं फंसे रहे, जो अब अपने-अपने घर लौट गए हैं. सांगली शहर में पारेख बंधुओं समेत पांच कारोबारियों पर छापेमारी के बाद ईडी राजारामबापू बैंक में उनके खातों की जांच कर रही थी.
ईडी ने यह छापेमारी इलेक्ट्रॉनिक कारोबारी पारेख बंधु की संपत्ति पर की, जो सांगली शहर में स्थित हैं. इसके बाद सांगली शहर में तीन अन्य व्यापारियों पर भी छापेमारी की गई. शुरुआत में यह अनुमान लगाया गया था कि वित्तीय लेनदेन में अनियमितताओं के कारण छापे मारे गए थे. इसी के अनुसार ईडी द्वारा व्यापारियों की गहन जांच की गई. जिन व्यापारियों से पूछताछ की गई है, उनके बैंक खातों की भी जांच की गई है.
ईडी की टीम ने इस्लामपुर पेटी स्थित राजारामबापू को-ऑपरेटिव बैंक की मुख्य शाखा में जांच शुरू की. ईडी की पूछताछ के दौरान बैंक में कर्मचारी फंस गए हैं. बैंक की मुख्य शाखा में करीब 80 कर्मचारी इस दौरान वहीं मौजूद रहे. 53 घंटे की ईडी जांच के बाद सुबह 5 बजे जैसे ही ईडी के अधिकारी बैंक से बाहर निकले, बैंक प्रशासन ने राहत की सांस ली. इसके बाद सभी कर्मचारी अपने-अपने घर लौट पाए.
हालांकि, ईडी द्वारा की गई बैंक खाते की जांच के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिल सकी. राजारामबापू सहकारी बैंक का संबंध एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल से था और ईडी की जांच से काफी हलचल मची थी. इसके चलते जिले में इधर-उधर की चर्चाएं भी चल रही थीं. चूंकि छापे में फंसे व्यापारियों के खाते ही बैंक में हैं, इसलिए उन खातों की जांच की गई है. बैंक के चेयरमैन शामराव पाटिल ने स्पष्ट किया कि इस जांच का कोई अन्य संदर्भ या कारण नहीं है.