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Maharashtra News: जिलाधिकारी के दफ्तर से कुर्सी, मेज और अन्य सामान होगा जब्त, सिविल कोर्ट के आदेश पर होगी कार्रवाई - बॉम्बे हाई कोर्ट

महाराष्ट्र की एक अदालत का एक फैसला कोल्हापुर जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है. एक मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने जिलाधिकारी के कार्यालय से कुर्सी, मेज और अन्य सामग्री जब्त करने का आदेश दिया है, क्योंकि उन्होंने कार्ट द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन नहीं किया था.

Kolhapur District Court
कोल्हापुर जिला अदालत
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Published : Apr 5, 2023, 6:58 PM IST

कोल्हापुर: सरकारी कामकाज में अक्सर नागरिकों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे बहुत से लोग हैं, जो अपने हक के लिए सालों से सरकारी दफ्तरों की सीढियां चढ़ और उतर रहे हैं. लेकिन अब महाराष्ट्र के कोल्हापुर से एक ऐसी खबर सामने आई है, जहां ऐसे सरकारी कर्मचारियों को एक अदालत ने आईना दिखाया है. यहां कोर्ट ने कलेक्टर के कार्यालय से कुर्सी, मेज और अन्य सामग्री जब्त करने के आदेश दे दिए.

जानकारी के अनुसार एक व्यक्ति ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अपनी जमीन के विवाद को लेकर एक याचिका दायर की थी. इस मामले में कोर्ट ने जिलाधिकारी को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया था, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए. इसलिए बॉम्बे हाई कोर्ट ने जिलाधिकारी कार्यालय से सामान को जब्त करने का आदेश दे दिया. कोर्ट का यह आदेश पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है.

court order
कोर्ट का आदेश

क्या है पूरा मामला

कुरुंदवाड़ नगर परिषद की विकास योजना के तहत कुरुंदवाड़ क्षेत्र में आय वर्ग संख्या-217 क्षेत्र 1-48 की भूमि के दक्षिण और पश्चिम की ओर से 60 फीट चौड़ी सड़क का निर्माण किया गया है. जमीन के मालिक वसंत राजाराम संकपाल और कुरुंदवाड़ नगर परिषद के बीच विवाद था कि सड़क विकास योजना का हिस्सा थी या नहीं. यह विवाद बॉम्बे हाई कोर्ट तक गया. तदानुसार, बॉम्बे उच्च न्यायालय ने 31 जुलाई, 2017 को अपना फैसला सुनाया था.

कोर्ट ने आदेश दिया कि दीवानी न्यायालय यह निर्णय करे कि वसंत संकपाल की जो भूमि सड़क तक गई है, वह नगर परिषद द्वारा अनुमोदित संशोधित योजना के अनुसार सड़क है. तदानुसार, जमीन के मालिक संकपाल ने 2018 में सिविल कोर्ट और लेवल कोर्ट जयसिंहपुर में मुकदमा दायर किया. जून 2019 में उस दावे का निपटारा किया गया. इसमें निर्णय लिया गया कि विवादित सड़क कुरुंदवाड़ नगर परिषद की विकास योजना का हिस्सा है.

इसके बाद सिविल कोर्ट एवं लेवल जयसिंहपुर ने 27 जून 2019 को कलेक्टर एवं विशेष अधिग्रहण अधिकारी कोल्हापुर को सड़क के लिए प्रभावित भूमि का अधिग्रहण करने तथा भूमि स्वामी वसंत संकपाल को तीन माह के अंदर मुआवजा देने का आदेश दिया. इस आदेश के अनुसार कलेक्टर कोल्हापुर, विशेष भू-अर्जन अधिकारी एवं नगर परिषद कुरुंदवाड़ ने कोई बी कार्रवाई नहीं की. लिहाजा जमीन मालिक संकपाल ने आदेश को लागू कराने के लिए एक बार फिर सिविल कोर्ट में याचिका दायर की है.

पढ़ें: 'नेताओं के लिए अलग नियम नहीं', SC ने ईडी-सीबीआई के दुरुपयोग के आरोप वाली याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

जमींदार वसंत संकपाल ने 5 जनवरी, 2023 को अदालत में फिर से आवेदन किया और मांग की कि कलेक्टर, कोल्हापुर और अन्य सभी के कार्यालय में चल संपत्ति को जब्त कर लिया जाए और वह उन्हें सिविल जेल में रखा जाए. भूमि स्वामी की मांग के अनुरूप सिविल कोर्ट जयसिंहपुर में सुनवाई के बाद कोर्ट ने 16 फरवरी को कलेक्टर कोल्हापुर एवं विशेष भू-अर्जन अधिकारी कोल्हापुर के कार्यालय में चल संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है.

कोल्हापुर: सरकारी कामकाज में अक्सर नागरिकों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे बहुत से लोग हैं, जो अपने हक के लिए सालों से सरकारी दफ्तरों की सीढियां चढ़ और उतर रहे हैं. लेकिन अब महाराष्ट्र के कोल्हापुर से एक ऐसी खबर सामने आई है, जहां ऐसे सरकारी कर्मचारियों को एक अदालत ने आईना दिखाया है. यहां कोर्ट ने कलेक्टर के कार्यालय से कुर्सी, मेज और अन्य सामग्री जब्त करने के आदेश दे दिए.

जानकारी के अनुसार एक व्यक्ति ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अपनी जमीन के विवाद को लेकर एक याचिका दायर की थी. इस मामले में कोर्ट ने जिलाधिकारी को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया था, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए. इसलिए बॉम्बे हाई कोर्ट ने जिलाधिकारी कार्यालय से सामान को जब्त करने का आदेश दे दिया. कोर्ट का यह आदेश पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है.

court order
कोर्ट का आदेश

क्या है पूरा मामला

कुरुंदवाड़ नगर परिषद की विकास योजना के तहत कुरुंदवाड़ क्षेत्र में आय वर्ग संख्या-217 क्षेत्र 1-48 की भूमि के दक्षिण और पश्चिम की ओर से 60 फीट चौड़ी सड़क का निर्माण किया गया है. जमीन के मालिक वसंत राजाराम संकपाल और कुरुंदवाड़ नगर परिषद के बीच विवाद था कि सड़क विकास योजना का हिस्सा थी या नहीं. यह विवाद बॉम्बे हाई कोर्ट तक गया. तदानुसार, बॉम्बे उच्च न्यायालय ने 31 जुलाई, 2017 को अपना फैसला सुनाया था.

कोर्ट ने आदेश दिया कि दीवानी न्यायालय यह निर्णय करे कि वसंत संकपाल की जो भूमि सड़क तक गई है, वह नगर परिषद द्वारा अनुमोदित संशोधित योजना के अनुसार सड़क है. तदानुसार, जमीन के मालिक संकपाल ने 2018 में सिविल कोर्ट और लेवल कोर्ट जयसिंहपुर में मुकदमा दायर किया. जून 2019 में उस दावे का निपटारा किया गया. इसमें निर्णय लिया गया कि विवादित सड़क कुरुंदवाड़ नगर परिषद की विकास योजना का हिस्सा है.

इसके बाद सिविल कोर्ट एवं लेवल जयसिंहपुर ने 27 जून 2019 को कलेक्टर एवं विशेष अधिग्रहण अधिकारी कोल्हापुर को सड़क के लिए प्रभावित भूमि का अधिग्रहण करने तथा भूमि स्वामी वसंत संकपाल को तीन माह के अंदर मुआवजा देने का आदेश दिया. इस आदेश के अनुसार कलेक्टर कोल्हापुर, विशेष भू-अर्जन अधिकारी एवं नगर परिषद कुरुंदवाड़ ने कोई बी कार्रवाई नहीं की. लिहाजा जमीन मालिक संकपाल ने आदेश को लागू कराने के लिए एक बार फिर सिविल कोर्ट में याचिका दायर की है.

पढ़ें: 'नेताओं के लिए अलग नियम नहीं', SC ने ईडी-सीबीआई के दुरुपयोग के आरोप वाली याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

जमींदार वसंत संकपाल ने 5 जनवरी, 2023 को अदालत में फिर से आवेदन किया और मांग की कि कलेक्टर, कोल्हापुर और अन्य सभी के कार्यालय में चल संपत्ति को जब्त कर लिया जाए और वह उन्हें सिविल जेल में रखा जाए. भूमि स्वामी की मांग के अनुरूप सिविल कोर्ट जयसिंहपुर में सुनवाई के बाद कोर्ट ने 16 फरवरी को कलेक्टर कोल्हापुर एवं विशेष भू-अर्जन अधिकारी कोल्हापुर के कार्यालय में चल संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है.

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