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महाराष्ट्र विधानसभा : विपक्ष के सदस्यों ने किया प्रदर्शन, शिंदे सरकार पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप - कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार

महाराष्ट्र विधानसभा के बाद महा विकास आघाड़ी के नेताओं ने एकनाथ शिंदे की सरकार में मंत्री अब्दुल सत्तार के खिलाफ भजन गाकर प्रदर्शन किया. बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने अब्दुल सत्तार के खिलाप नोटिस जारी किया था.

Maharashtra Legislative Assembly
महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करते एमवीए के विधायक.
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Published : Dec 27, 2022, 2:04 PM IST

Updated : Dec 27, 2022, 2:20 PM IST

महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करते एमवीए के विधायक.

नागपुर (महाराष्ट्र): महाराष्ट्र में विपक्षी दलों के सदस्यों ने मंगलवार को विधानसभा परिसर में 'वरकारियों' (भगवान विट्ठल के पंढरपुर स्थित मंदिर जाने वाले तीर्थयात्रियों) की तरह पदयात्रा निकालकर प्रदर्शन किया और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया. पिछली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री रहने के दौरान कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार के भूमि 'नियमितीकरण' आदेश पर उनके इस्तीफे की मांग को लेकर विपक्ष द्वारा हंगामा कर कार्यवाही बाधित किए जाने के बाद सोमवार को महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया था.

बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने पिछले हफ्ते सत्तार को एक नोटिस जारी किया था, जिन्होंने दीवानी अदालत के आदेश के विरुद्ध सार्वजनिक 'गायरान' (पशुओं के चरने के लिए जमीन) के लिए आरक्षित भूमि के कब्जे को एक निजी व्यक्ति के पक्ष में 'नियमित' करने का आदेश दिया था. इससे पहले, विपक्षी दलों के सदस्यों ने मुख्यमंत्री शिंदे के इस्तीफे की भी मांग की थी, जब 14 दिसंबर को उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने पूर्ववर्ती उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार में मंत्री रहते हुए झुग्गी निवासियों के लिए आरक्षित जमीन को निजी व्यक्तियों को आवंटित करने के शिंदे के फैसले पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था.

पढ़ें: DRI ने हैदराबाद से 50 करोड़ रुपये की 25 किलोग्राम मेफेड्रोन ड्रग्स जब्त की

इस संबंध में शिंदे ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है और 22 दिसंबर को उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री द्वारा हाल में जारी किए गए नियमितीकरण के आदेश को वापस लेने की बात स्वीकारते हुए कहा कि वह इस मामले को बंद मान रहा है. मंगलवार को विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों ने विधान भवन परिसर में उसी तरह पैदल मार्च निकाला, जिस तरह से 'वरकारी' पंढरपुर शहर में भगवान विठ्ठल के मंदिर की तीर्थ यात्रा के लिए मार्च निकालते हैं.

उन्होंने मुख्यमंत्री शिंदे और सत्तार सहित राज्य के कुछ मंत्रियों पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए घंटी बजाई और नारे लगाए. विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार, शिवसेना (यूबीटी) के विधायक आदित्य ठाकरे, कांग्रेस नेता नाना पटोले और अन्य लोग प्रदर्शन में शामिल हुए.

पढ़ें: ISRO के छात्र ने एनआईटी के छात्रों पर किडनैपिंग की धमकी देने का लगाया आरोप

महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करते एमवीए के विधायक.

नागपुर (महाराष्ट्र): महाराष्ट्र में विपक्षी दलों के सदस्यों ने मंगलवार को विधानसभा परिसर में 'वरकारियों' (भगवान विट्ठल के पंढरपुर स्थित मंदिर जाने वाले तीर्थयात्रियों) की तरह पदयात्रा निकालकर प्रदर्शन किया और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया. पिछली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री रहने के दौरान कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार के भूमि 'नियमितीकरण' आदेश पर उनके इस्तीफे की मांग को लेकर विपक्ष द्वारा हंगामा कर कार्यवाही बाधित किए जाने के बाद सोमवार को महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया था.

बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने पिछले हफ्ते सत्तार को एक नोटिस जारी किया था, जिन्होंने दीवानी अदालत के आदेश के विरुद्ध सार्वजनिक 'गायरान' (पशुओं के चरने के लिए जमीन) के लिए आरक्षित भूमि के कब्जे को एक निजी व्यक्ति के पक्ष में 'नियमित' करने का आदेश दिया था. इससे पहले, विपक्षी दलों के सदस्यों ने मुख्यमंत्री शिंदे के इस्तीफे की भी मांग की थी, जब 14 दिसंबर को उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने पूर्ववर्ती उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार में मंत्री रहते हुए झुग्गी निवासियों के लिए आरक्षित जमीन को निजी व्यक्तियों को आवंटित करने के शिंदे के फैसले पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था.

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इस संबंध में शिंदे ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है और 22 दिसंबर को उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री द्वारा हाल में जारी किए गए नियमितीकरण के आदेश को वापस लेने की बात स्वीकारते हुए कहा कि वह इस मामले को बंद मान रहा है. मंगलवार को विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों ने विधान भवन परिसर में उसी तरह पैदल मार्च निकाला, जिस तरह से 'वरकारी' पंढरपुर शहर में भगवान विठ्ठल के मंदिर की तीर्थ यात्रा के लिए मार्च निकालते हैं.

उन्होंने मुख्यमंत्री शिंदे और सत्तार सहित राज्य के कुछ मंत्रियों पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए घंटी बजाई और नारे लगाए. विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार, शिवसेना (यूबीटी) के विधायक आदित्य ठाकरे, कांग्रेस नेता नाना पटोले और अन्य लोग प्रदर्शन में शामिल हुए.

पढ़ें: ISRO के छात्र ने एनआईटी के छात्रों पर किडनैपिंग की धमकी देने का लगाया आरोप

Last Updated : Dec 27, 2022, 2:20 PM IST
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