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महाराष्ट्र: पहली बार ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए आवासीय योजना प्रस्तावित - Maharashtra Housing scheme proposed for transgender community

ट्रांसजेंडर समुदाय (transgender community) के लिए अच्छे इलाके में घर खरीदना या किराए पर लेना मुश्किल होता है. अब महाराष्ट्र सरकार उनके लिए आवासीय योजना पर काम कर रही है.

Housing scheme
ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए आवासीय योजना
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Published : Aug 7, 2022, 4:21 PM IST

पुणे : महाराष्ट्र सरकार के समाज कल्याण विभाग ने पहली बार ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए किफायती आवास योजना का प्रस्ताव दिया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को अक्सर उनके लैंगिक पहचान से जुड़े कलंक के कारण अच्छे इलाके में घर खरीदना या किराए पर लेना मुश्किल होता है, इसलिए यह योजना मददगार होगी.

प्रस्तावित योजना के तहत, ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए नागपुर शहर में एक समर्पित आवास परिसर में 450 वर्ग फुट के लगभग 150 फ्लैट की पेशकश की जाएगी. समाज कल्याण आयुक्त, डॉ. प्रशांत नारनवारे ने कहा, 'नागपुर इम्प्रूवमेंट न्यास (एनआईटी) के पास फ्लैट उपलब्ध हैं. वह हमें बेचने के लिए सहमत हो गया है. प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के अनुदान का उपयोग करके और राज्य सरकार से अतिरिक्त अनुदान की मदद से, हम इन मकानों को खरीदकर ट्रांसडेंजर समुदाय के व्यक्तियों को उपलब्ध कराएंगे। वह इन घरों के मालिक होंगे.'

उन्होंने कहा कि अगर मंजूरी मिलती है तो यह राज्य में समुदाय के लिए पहली समर्पित आवास योजना होगी. नारनवारे ने कहा, 'हम इस हाशिए पर रहने वाले समुदाय के लिए आश्रय गृहों या छात्रावास की सुविधा के बारे में तो सुनते हैं, लेकिन हमारी योजना की परिकल्पना है कि वह अपने घर के मालिक बनकर एक सम्मानजनक जीवन जी सकें.' उन्होंने बताया कि एनआईटी से एक प्रस्ताव प्राप्त हुआ था और समाज कल्याण विभाग इस पर मकानों को खरीदने के लिए तैयार हो गया.

उन्होंने कहा, 'इसे राज्य सरकार को मंजूरी के लिए भेजा गया है. वित्त विभाग की मंजूरी मिलने के बाद, फ्लैट एनआईटी से खरीदे जाएंगे और हम आवंटन शुरू कर देंगे.' यह पूछे जाने पर कि क्या इस योजना को मुख्यधारा में लाने के बजाय समुदाय को 'अलग' करने के लिए आलोचना मिल सकती है? इस पर नारनवारे ने कहा कि अंतिम लक्ष्य हमेशा यह होगा कि समुदाय के सदस्य मुख्यधारा के साथ घुल मिल जाएं, लेकिन आवास ढूंढना उनके लिए एक वास्तविक समस्या थी.

नारनावरे ने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय जिस मुद्दे का सामना कर रहा है, वह यह है कि कोई भी उन्हें घर देने के लिए तैयार नहीं है,भले ही उनके पास इसे खरीदने या किराए पर लेने के लिए पैसे हों. उन्होंने कहा कि मजबूरन कुछ को झुग्गी-झोपड़ियों में रहना पड़ता है. आयुक्त ने बताया कि समुदाय के सदस्यों ने सुझाव दिया कि सरकार समर्पित हाउसिंग कॉलोनियां स्थापित करने पर विचार करे, जहां वे रह सकें या अपना व्यवसाय शुरू कर सकें.

फ्लैट मूल्य का केवल 10 प्रतिशत भुगतान करना होगा : नारनवारे ने कहा कि प्रस्तावित योजना के तहत फ्लैट की मांग करने वालों के पास सरकार द्वारा जारी एक पहचानपत्र और प्रमाणपत्र होना चाहिए, जो उन्हें एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति के रूप में मान्यता देता हो. उन्होंने कहा, 'लाभार्थियों को फ्लैट मूल्य का केवल 10 प्रतिशत भुगतान करना होगा और शेष राशि का भुगतान पीएमएवाई और राज्य सरकार के माध्यम से किया जाएगा. साथ ही, यदि आवश्यक हो, तो 10 प्रतिशत हिस्सेदारी का भुगतान करने के लिए बैंक ऋण उपलब्ध कराया जाएगा.'

पढ़ें- प्रधानमंत्री आवास योजना में आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात टॉप तीन स्टेट

क्वीर राइट्स फाउंडेशन की निदेशक बिंदू माधव खीरे ने कहा कि योजना का उद्देश्य प्रशंसनीय है. उनके अनुसार महाराष्ट्र में अनुमानित तौर पर 20,000 ट्रांसजेंडर व्यक्ति रहते हैं. खीरे ने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय को 'मुख्यधारा' में लाने के लिए, उन्हें महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्र तथा विकास प्राधिकरण (म्हाडा) और अन्य सरकारी आवास निगमों की सामान्य आवास योजनाओं में एक कोटा दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि म्हाडा योजना में भेदभाव के लिए कोई जगह नहीं है, क्योंकि फ्लैट लॉटरी के माध्यम से आवंटित किए जाते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

पुणे : महाराष्ट्र सरकार के समाज कल्याण विभाग ने पहली बार ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए किफायती आवास योजना का प्रस्ताव दिया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को अक्सर उनके लैंगिक पहचान से जुड़े कलंक के कारण अच्छे इलाके में घर खरीदना या किराए पर लेना मुश्किल होता है, इसलिए यह योजना मददगार होगी.

प्रस्तावित योजना के तहत, ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए नागपुर शहर में एक समर्पित आवास परिसर में 450 वर्ग फुट के लगभग 150 फ्लैट की पेशकश की जाएगी. समाज कल्याण आयुक्त, डॉ. प्रशांत नारनवारे ने कहा, 'नागपुर इम्प्रूवमेंट न्यास (एनआईटी) के पास फ्लैट उपलब्ध हैं. वह हमें बेचने के लिए सहमत हो गया है. प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के अनुदान का उपयोग करके और राज्य सरकार से अतिरिक्त अनुदान की मदद से, हम इन मकानों को खरीदकर ट्रांसडेंजर समुदाय के व्यक्तियों को उपलब्ध कराएंगे। वह इन घरों के मालिक होंगे.'

उन्होंने कहा कि अगर मंजूरी मिलती है तो यह राज्य में समुदाय के लिए पहली समर्पित आवास योजना होगी. नारनवारे ने कहा, 'हम इस हाशिए पर रहने वाले समुदाय के लिए आश्रय गृहों या छात्रावास की सुविधा के बारे में तो सुनते हैं, लेकिन हमारी योजना की परिकल्पना है कि वह अपने घर के मालिक बनकर एक सम्मानजनक जीवन जी सकें.' उन्होंने बताया कि एनआईटी से एक प्रस्ताव प्राप्त हुआ था और समाज कल्याण विभाग इस पर मकानों को खरीदने के लिए तैयार हो गया.

उन्होंने कहा, 'इसे राज्य सरकार को मंजूरी के लिए भेजा गया है. वित्त विभाग की मंजूरी मिलने के बाद, फ्लैट एनआईटी से खरीदे जाएंगे और हम आवंटन शुरू कर देंगे.' यह पूछे जाने पर कि क्या इस योजना को मुख्यधारा में लाने के बजाय समुदाय को 'अलग' करने के लिए आलोचना मिल सकती है? इस पर नारनवारे ने कहा कि अंतिम लक्ष्य हमेशा यह होगा कि समुदाय के सदस्य मुख्यधारा के साथ घुल मिल जाएं, लेकिन आवास ढूंढना उनके लिए एक वास्तविक समस्या थी.

नारनावरे ने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय जिस मुद्दे का सामना कर रहा है, वह यह है कि कोई भी उन्हें घर देने के लिए तैयार नहीं है,भले ही उनके पास इसे खरीदने या किराए पर लेने के लिए पैसे हों. उन्होंने कहा कि मजबूरन कुछ को झुग्गी-झोपड़ियों में रहना पड़ता है. आयुक्त ने बताया कि समुदाय के सदस्यों ने सुझाव दिया कि सरकार समर्पित हाउसिंग कॉलोनियां स्थापित करने पर विचार करे, जहां वे रह सकें या अपना व्यवसाय शुरू कर सकें.

फ्लैट मूल्य का केवल 10 प्रतिशत भुगतान करना होगा : नारनवारे ने कहा कि प्रस्तावित योजना के तहत फ्लैट की मांग करने वालों के पास सरकार द्वारा जारी एक पहचानपत्र और प्रमाणपत्र होना चाहिए, जो उन्हें एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति के रूप में मान्यता देता हो. उन्होंने कहा, 'लाभार्थियों को फ्लैट मूल्य का केवल 10 प्रतिशत भुगतान करना होगा और शेष राशि का भुगतान पीएमएवाई और राज्य सरकार के माध्यम से किया जाएगा. साथ ही, यदि आवश्यक हो, तो 10 प्रतिशत हिस्सेदारी का भुगतान करने के लिए बैंक ऋण उपलब्ध कराया जाएगा.'

पढ़ें- प्रधानमंत्री आवास योजना में आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात टॉप तीन स्टेट

क्वीर राइट्स फाउंडेशन की निदेशक बिंदू माधव खीरे ने कहा कि योजना का उद्देश्य प्रशंसनीय है. उनके अनुसार महाराष्ट्र में अनुमानित तौर पर 20,000 ट्रांसजेंडर व्यक्ति रहते हैं. खीरे ने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय को 'मुख्यधारा' में लाने के लिए, उन्हें महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्र तथा विकास प्राधिकरण (म्हाडा) और अन्य सरकारी आवास निगमों की सामान्य आवास योजनाओं में एक कोटा दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि म्हाडा योजना में भेदभाव के लिए कोई जगह नहीं है, क्योंकि फ्लैट लॉटरी के माध्यम से आवंटित किए जाते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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