पुणे : महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को सरकारी विमान नहीं देने पर राज्य सरकार की आलोचना की है. उन्होंने शिवसेना नीत गठबंधन सरकार पर आरोप लगाया कि वह अहंकारी है और 'बचकाना हरकतें' कर रही है. पूर्व मुख्यमंत्री फड़णवीस ने यह आरोप भी लगाया कि राज्य सरकार ने राज्यपाल के संवैधानिक पद का अपमान किया है.
-
संविधान में राज्य के प्रमुख राज्यपाल हैं। मुख्यमंत्री के पास फाइल गई। जानबूझकर इजाज़त नहीं दी गई। राज्यपाल को नीचा दिखाने का प्रयास किया गया: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्यपाल को हवाई यात्रा की अनुमति नहीं देने पर pic.twitter.com/0DuCde3Wsn
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 11, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">संविधान में राज्य के प्रमुख राज्यपाल हैं। मुख्यमंत्री के पास फाइल गई। जानबूझकर इजाज़त नहीं दी गई। राज्यपाल को नीचा दिखाने का प्रयास किया गया: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्यपाल को हवाई यात्रा की अनुमति नहीं देने पर pic.twitter.com/0DuCde3Wsn
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 11, 2021संविधान में राज्य के प्रमुख राज्यपाल हैं। मुख्यमंत्री के पास फाइल गई। जानबूझकर इजाज़त नहीं दी गई। राज्यपाल को नीचा दिखाने का प्रयास किया गया: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्यपाल को हवाई यात्रा की अनुमति नहीं देने पर pic.twitter.com/0DuCde3Wsn
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 11, 2021
सूत्रों के मुताबिक कोश्यारी का बृहस्पतिवार को राज्य सरकार के एक विमान से पूर्वाह्न 10 बजे देहरादून (उत्तराखंड) की यात्रा करने का कार्यक्रम था, लेकिन उड़ान के लिए अनुमति नहीं दी गई और बाद में उन्हें वाणिज्यिक उड़ान से रवाना होना पड़ा, जिसने दोपहर करीब 12 बज कर 15 मिनट पर देहरादून के लिए उड़ान भरी.
फडणवीस ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. इस तरह की घटना राज्य में पहले कभी नहीं हुई थी. राज्यपाल कोई व्यक्ति नहीं, बल्कि एक पद है. लोग आते-जाते रहेंगे, लेकिन पद कायम रहेगा. राज्यपाल राज्य के प्रमुख हैं. राज्यपाल ही मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल को नियुक्त करते हैं.
उन्होंने कहा कि मुझे पता चला है कि राज्यपाल की पूरी यात्रा का कार्यक्रम सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा गया था. मुख्य सचिव इस बारे में जानते थे और मुख्यमंत्री के पास भी एक फाइल गई थी, लेकिन जानबूझकर, राज्यपाल को विमान में बैठने तक की अनुमति नहीं दी गई और आखिरकार उन्हें विमान से उतरना पड़ा. उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार बचकाना हरकतें कर रही है. मेरे मुताबिक मुख्यमंत्री और सरकार का इस तरह का अहंकारी रवैया दिखाना गलत है.
पढ़ें: महाराष्ट्र के राज्यपाल को मुंबई से मसूरी के लिए नहीं मिला आधिकारिक विमान, उपजा विवाद
उन्होंने कहा कि इस घटना से राज्य की छवि धूमिल होगी.