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सीमावर्ती इलाकों में लोगों को बीमा देने का फैसला वापस लें, नहीं तो.. बसवराज बोम्मई की चेतावनी - Maharashtra Karnataka Dispute

कर्नाटक के सीमावर्ती गांवों के लोगों को बीमा प्रदान करने के महाराष्ट्र सरकार के आदेश पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी दी है कि अगर महाराष्ट्र सरकार तुरंत अपना आदेश वापस लेने के हमारे अनुरोध की अनदेखी करती है, तो कर्नाटक सरकार भी महाराष्ट्र सीमा पर कन्नडिगों की सुरक्षा के लिए इसी तरह का बीमा लागू करेगी.

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Published : Apr 5, 2023, 9:45 PM IST

बेंगलुरू: महाराष्ट्र सरकार द्वारा कर्नाटक के 865 गांवों तक अपनी स्वास्थ्य योजना के लाभ का विस्तार करने संबंधी आदेश पर आपत्ति जताते हुए दक्षिणी राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बुधवार को आगाह किया कि इसे वापस न लेने पर महाराष्ट्र को जवाबी कार्रवाई का सामना करना होगा. कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद पहले से ही चल रहा है.

केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरमैया ने कहा कि महाराष्ट्र ने जो किया है, उसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा ‘‘अगर इसे तत्काल वापस नहीं लिया गया तो परिणाम अच्छा नहीं होगा.’’

बोम्मई ने सिलसिलेवार ट्वीट कर आरोप लगाया कि कर्नाटक के सीमाई गांवों के लोगों को बीमा मुहैया कराने के नाम पर महाराष्ट्र सरकार उनसे यह घोषणापत्र ले रही है जिसमें कहा गया है कि वे महाराष्ट्र के अंतर्गत आते हैं.

उन्होंने कहा ‘‘यह निंदनीय है. अगर महाराष्ट्र सरकार का यह आचरण जारी रहा तो कर्नाटक सरकार भी महाराष्ट्र के सीमावर्ती हिस्से में रहने वाले कन्नड़ लोगों की सुरक्षा के लिए ऐसी ही बीमा योजना लागू करेगी.’’

महाराष्ट्र की ओर से सोमवार को एक सरकारी संकल्प जारी किया गया, जिसमें ‘‘महात्मा ज्योतिराव फुले जन आरोग्य योजना’’ का लाभ कर्नाटक के गांवों तक विस्तारित कर दिया गया है. आदेश में कहा गया है कि बेलगावी, कारवाड़, कलबुर्गी और बीदर की 12 तहसीलों के अंतर्गत आने वाले 865 गांव इस ‘‘योजना’’ में शामिल किए गए हैं.

बोम्मई ने कहा ‘‘यद्यपि कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद उच्चतम न्यायालय में है लेकिन महाराष्ट्र सरकार दोनों राज्यों के सीमाई इलाकों में भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रही है. कर्नाटक की सीमा के लोगों को बीमा योजना का लाभ देने संबंधी आदेश अनुचित आचरण की पराकाष्ठा है और यह दोनों राज्यों के संबंध खराब करने की कोशिश है.’’

उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सीमा मुद्दे को लेकर कोई भ्रम पैदा न करने पर सहमत हुए थे. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद कर्नाटक के 865 गांवों को महाराष्ट्र की बीमा योजना के लाभ के दायरे में लाने का आदेश दिया गया जो संघीय व्यवस्था के लिए खतरे वाली कार्रवाई है.

वहीं दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि चीन की मानसिकता वाला राज्य कर्नाटक को दुश्मन देश की तरह देख रहा है. इसे लेकर एचडी कुमारस्वामी ने ट्वीट किया है, केंद्र की बीजेपी सरकार इस सब पर चुप्पी साधे हुए है. उन्होंने कहा कि इससे निकट भविष्य में संघ व्यवस्था का पतन हो सकता है. महाराष्ट्र में बीजेपी की डबल इंजन सरकार बार-बार मुश्किलें खड़ी कर रही है.

कर्नाटक को हर तरह से उकसाने वाली महाराष्ट्र सरकार की एचडी कुमारस्वामी ने आलोचना की है और अब राज्य की सीमा के भीतर 865 गांवों के लोगों के लिए स्वास्थ्य बीमा लागू करने वाली राज्य सरकार का यह कदम संघ व्यवस्था को तोड़ने का सीधा और चालाकी भरा प्रयास बताया है.

पीटीआई-भाषा

यह भी पढ़ें: Karnataka Assembly Election 2023 : कर्नाटक में भाजपा को परेशान कर रहे करप्शन के मुद्दे

बेंगलुरू: महाराष्ट्र सरकार द्वारा कर्नाटक के 865 गांवों तक अपनी स्वास्थ्य योजना के लाभ का विस्तार करने संबंधी आदेश पर आपत्ति जताते हुए दक्षिणी राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बुधवार को आगाह किया कि इसे वापस न लेने पर महाराष्ट्र को जवाबी कार्रवाई का सामना करना होगा. कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद पहले से ही चल रहा है.

केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरमैया ने कहा कि महाराष्ट्र ने जो किया है, उसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा ‘‘अगर इसे तत्काल वापस नहीं लिया गया तो परिणाम अच्छा नहीं होगा.’’

बोम्मई ने सिलसिलेवार ट्वीट कर आरोप लगाया कि कर्नाटक के सीमाई गांवों के लोगों को बीमा मुहैया कराने के नाम पर महाराष्ट्र सरकार उनसे यह घोषणापत्र ले रही है जिसमें कहा गया है कि वे महाराष्ट्र के अंतर्गत आते हैं.

उन्होंने कहा ‘‘यह निंदनीय है. अगर महाराष्ट्र सरकार का यह आचरण जारी रहा तो कर्नाटक सरकार भी महाराष्ट्र के सीमावर्ती हिस्से में रहने वाले कन्नड़ लोगों की सुरक्षा के लिए ऐसी ही बीमा योजना लागू करेगी.’’

महाराष्ट्र की ओर से सोमवार को एक सरकारी संकल्प जारी किया गया, जिसमें ‘‘महात्मा ज्योतिराव फुले जन आरोग्य योजना’’ का लाभ कर्नाटक के गांवों तक विस्तारित कर दिया गया है. आदेश में कहा गया है कि बेलगावी, कारवाड़, कलबुर्गी और बीदर की 12 तहसीलों के अंतर्गत आने वाले 865 गांव इस ‘‘योजना’’ में शामिल किए गए हैं.

बोम्मई ने कहा ‘‘यद्यपि कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद उच्चतम न्यायालय में है लेकिन महाराष्ट्र सरकार दोनों राज्यों के सीमाई इलाकों में भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रही है. कर्नाटक की सीमा के लोगों को बीमा योजना का लाभ देने संबंधी आदेश अनुचित आचरण की पराकाष्ठा है और यह दोनों राज्यों के संबंध खराब करने की कोशिश है.’’

उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सीमा मुद्दे को लेकर कोई भ्रम पैदा न करने पर सहमत हुए थे. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद कर्नाटक के 865 गांवों को महाराष्ट्र की बीमा योजना के लाभ के दायरे में लाने का आदेश दिया गया जो संघीय व्यवस्था के लिए खतरे वाली कार्रवाई है.

वहीं दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि चीन की मानसिकता वाला राज्य कर्नाटक को दुश्मन देश की तरह देख रहा है. इसे लेकर एचडी कुमारस्वामी ने ट्वीट किया है, केंद्र की बीजेपी सरकार इस सब पर चुप्पी साधे हुए है. उन्होंने कहा कि इससे निकट भविष्य में संघ व्यवस्था का पतन हो सकता है. महाराष्ट्र में बीजेपी की डबल इंजन सरकार बार-बार मुश्किलें खड़ी कर रही है.

कर्नाटक को हर तरह से उकसाने वाली महाराष्ट्र सरकार की एचडी कुमारस्वामी ने आलोचना की है और अब राज्य की सीमा के भीतर 865 गांवों के लोगों के लिए स्वास्थ्य बीमा लागू करने वाली राज्य सरकार का यह कदम संघ व्यवस्था को तोड़ने का सीधा और चालाकी भरा प्रयास बताया है.

पीटीआई-भाषा

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