मुंबई : एआईकेएससीसी ने एक बयान में कहा कि शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार ने किसान आंदोलन को समर्थन जताया है. अब इन कानूनों के खिलाफ लड़ाई निर्णायक मोड़ पर आ गई है. ऐसे में सरकार को राज्य विधानसभा में इन कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करके सख्त और स्पष्ट रुख अपनाने की जरूरत है.
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किसान संगठन की राज्य इकाई ने कहा कि ये कानून कृषि के निजीकरण की दिशा में एक कदम हैं और कंपनियों ने इस अवसर को भुनाने के लिए पूरी रणनीति तैयार कर ली है.
(पीटीआई-भाषा)