गुवाहाटी/मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और कई अन्य मंत्रियों तथा विधायकों ने शनिवार को अपने परिवारों के साथ देवी कामाख्या के दर्शन करने के लिए गुवाहाटी की यात्रा की. महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के गिरने से पहले शिंदे शिवसेना के बागी विधायकों के एक समूह और निर्दलीय विधायकों के साथ 22 से 29 जून के बीच गुवाहाटी के एक होटल में ठहरे थे. इस घटनाक्रम के पांच महीने बाद वे एक बार फिर असम की यात्रा कर रहे हैं.
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Assam | Maharashtra CM Eknath Shinde along with his MLAs offered prayers at Kamakhya Temple in Guwahati, today pic.twitter.com/ctVrfEendZ
— ANI (@ANI) November 26, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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शिंदे एक विशेष विमान से 50 से अधिक मंत्रियों और विधायकों सहित 170 से अधिक लोगों के दल के साथ गुवाहाटी पहुंचे और हवाईअड्डे पर असम के मंत्रियों ने उनकी अगवानी की. शिंदे ने कहा कि वह अपने असम के समकक्ष हिमंत विश्व शर्मा के निमंत्रण पर कामाख्या देवी मंदिर में दर्शन करने गुवाहाटी आए हैं.
शिंदे और उनके विधायकों के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता मोहित भारतीय भी हैं. शिवसेना नेता ने मीडिया से कहा, 'हमने देवी के दर्शन किए. हमने सभी के लिए शांति और खुशी की प्रार्थना की.' उनके गुवाहाटी दौरे की आलोचना के बारे में पूछे जाने पर शिंदे ने कहा कि विपक्ष के पास उनकी आलोचना करने के अलावा और कोई काम नहीं है. उन्होंने कहा कि विकास के सारे काम उनकी सरकार कर रही है.
हालांकि इस दौरान यात्रा के दौरान कुछ विधायक और मंत्री नदारद रहे. इनमें मंत्री अब्दुल सत्तार, मंत्री गुलाबराव पाटिल, मंत्री तानाजी सावंत, विधायक चिमनराव पाटिल, विधायक किशोर पाटिल, लताताई सोनवणे, उदय सामंत शिंदे गुट के विधायक और मंत्री गुवाहाटी दौरे पर नहीं गए. इससे चर्चा छिड़ गई है कि शिंदे गुट के विधायक और मंत्री नाराज हैं.
इस बीच, मुंबई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा कि शिंदे सरकार को जल्द ही कामाख्या देवी के कोप का सामना करना पड़ेगा और दावा किया कि सरकार के गिने-चुने दिन रह गए हैं, क्योंकि बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका पर उच्चतम न्यायालय में 29 नवंबर को सुनवाई होगी.
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(एक्सट्रा इनपुट-भाषा)