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महाराष्ट्र ... शिंदे गुट, विपक्षी विधायक आपस में भिड़े, विधानसभा के बाहर मारपीट - विधानसभा के बाहर मारपीट

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का समर्थन कर रहे शिवसेना विधायकों और कुछ विपक्षी विधायकों ने मुंबई में विधान भवन की सीढ़ियों पर बुधवार को एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायक शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन की सरकार पर तंज कसने के लिए गाजर लेकर आए थे.

Maharashtra BJP MLAs and MLAs of Maha Vikas Aghadi enter into a war of words outside the State AssemblyEtv Bharat
महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर भाजपा और महा विकास अघाड़ी के विधायकों ने नारेबाजी कीEtv Bharat
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Published : Aug 24, 2022, 12:04 PM IST

Updated : Aug 24, 2022, 4:06 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा मंडल भवन बुधवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समर्थक शिवसेना के बागी गुट और विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के विधायकों के बीच धक्का-मुक्की और गाली-गलौज के अभूतपूर्व नजारे का साक्षी बना. एमवीए सदस्यों ने जब शिंदे गुट को 'गद्दार' कहा और '50 खोके' (50 करोड़ रुपये) कहकर चिढ़ाया तो शिंदे समर्थक विधायकों ने पूरी ताकत से जवाबी कार्रवाई की. मानसून सत्र के चौथे दिन शिंदे गुट के कुछ विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे एमवीए विधायकों को घेर लिया, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की हुई.

शिंदे गुट के विधायक दिलीप लांडे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अमोल मितकारी ने एक-दूसरे पर धावा बोल दिया. दोनों के बीच धक्का-मुक्की हुई. शिंदे गुट के विधायकों ने भी शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के आरोपों का मुकाबला करने के लिए अपने ही नारे और पोस्टर लहराते हुए सदन के बाहर जाकर हंगामा किया. शिंदे समूह के विधायकों ने भी शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के आरोपों का विरोध करने के लिए अपने ही नारे और पोस्टर लहराते हुए पलटवार किया, जिससे सदन के बाहर शोर-शराबा हुआ.

  • #WATCH | Some Maharashtra BJP MLAs and MLAs of Maha Vikas Aghadi enter into a war of words outside the State Assembly as the latter protest against the state government. pic.twitter.com/enjTXkNql8

    — ANI (@ANI) August 24, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इससे एक दिन पहले शिंदे ने विपक्ष को चेतावनी दी थी कि वह उन लोगों के रिकॉर्ड को उजागर कर सकते हैं, जो उन्हें और उनके शिवसेना के बागी विधायकों के समूह को निशाना बना रहे हैं. इस पर विपक्ष के नेता अजीत पवार ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सीएम के बयानों से विपक्ष को ठेस पहुंचा है. विपक्ष ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी द्वारा समर्थित शिंदे सरकार को 'गद्दार', '50 करोड़ रुपये, बहुत ठीक', 'तव वटी, चाओ गुवाहाटी' (कटोरा लो, गुवाहाटी जाओ) और 'ईडी जिसकी मम्मी, वो सरकार निकम्मी' जैसे नारों के साथ परेशान किया.

शिंदे गुट के विधायकों ने जवाब में कहा, 'बीएमसी खोके, मातोश्री ओके, (सचिन) वाजे खोके, शिवसेना ओके, लवासा खोके, बारामती ओके.' विधायक महेश शिंदे और मितकारी दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ सीएम शिंदे और स्पीकर राहुल नार्वेकर के पास अलग-अलग शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें सीसीटीवी फुटेज की जांच करके घटना की जांच की मांग की गई है. कहा गया कि यहां तक कि हाथापाई के दौरान एक महिला पत्रकार को भी धकेल दिया गया.

विपक्ष के नेता अजीत पवार, राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल, शिवसेना नेता किशोर तिवारी, कांग्रेस की यशोमती ठाकुर और विभिन्न दलों के अन्य नेताओं ने शिंदे गुट पर 'लोकतांत्रिक विरोध को कुचलने और विपक्ष को चुप कराने' का प्रयास करने का आरोप लगाया. पवार ने गंभीर रूप से कहा, '50 खोके पर हमारे आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है.. इसलिए उन्होंने इस तरह की प्रतिक्रिया दी है.'

जयंत पाटिल ने कहा कि पूरे देश ने शिंदे गुट के विधायकों के असभ्य व्यवहार को देखा है और मतदाता उन्हें माफ नहीं करेंगे, जबकि मितकारी ने यह जानने की मांग की कि क्या विपक्षी विधायकों को 'खत्म' किया जाएगा ? भरत गोगावले और दिलीप लांडे सहित शिंदे गुट के अन्य सांसदों ने कहा कि वे 'बालासाहेब ठाकरे के वफादार शिवसैनिक' हैं और वे विरोधियों को सबक सिखाने से पीछे नहीं हटेंगे. वहीं, महेश शिंदे ने दावा किया कि विपक्षी एमवीए परेशान करने की कोशिश कर रहा है.

ये भी पढे़ं : टीआरएस एमएलसी कविता ने बीजेपी नेताओं पर लगाया मानहानि का मुकदमा

मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा मंडल भवन बुधवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समर्थक शिवसेना के बागी गुट और विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के विधायकों के बीच धक्का-मुक्की और गाली-गलौज के अभूतपूर्व नजारे का साक्षी बना. एमवीए सदस्यों ने जब शिंदे गुट को 'गद्दार' कहा और '50 खोके' (50 करोड़ रुपये) कहकर चिढ़ाया तो शिंदे समर्थक विधायकों ने पूरी ताकत से जवाबी कार्रवाई की. मानसून सत्र के चौथे दिन शिंदे गुट के कुछ विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे एमवीए विधायकों को घेर लिया, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की हुई.

शिंदे गुट के विधायक दिलीप लांडे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अमोल मितकारी ने एक-दूसरे पर धावा बोल दिया. दोनों के बीच धक्का-मुक्की हुई. शिंदे गुट के विधायकों ने भी शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के आरोपों का मुकाबला करने के लिए अपने ही नारे और पोस्टर लहराते हुए सदन के बाहर जाकर हंगामा किया. शिंदे समूह के विधायकों ने भी शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के आरोपों का विरोध करने के लिए अपने ही नारे और पोस्टर लहराते हुए पलटवार किया, जिससे सदन के बाहर शोर-शराबा हुआ.

  • #WATCH | Some Maharashtra BJP MLAs and MLAs of Maha Vikas Aghadi enter into a war of words outside the State Assembly as the latter protest against the state government. pic.twitter.com/enjTXkNql8

    — ANI (@ANI) August 24, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इससे एक दिन पहले शिंदे ने विपक्ष को चेतावनी दी थी कि वह उन लोगों के रिकॉर्ड को उजागर कर सकते हैं, जो उन्हें और उनके शिवसेना के बागी विधायकों के समूह को निशाना बना रहे हैं. इस पर विपक्ष के नेता अजीत पवार ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सीएम के बयानों से विपक्ष को ठेस पहुंचा है. विपक्ष ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी द्वारा समर्थित शिंदे सरकार को 'गद्दार', '50 करोड़ रुपये, बहुत ठीक', 'तव वटी, चाओ गुवाहाटी' (कटोरा लो, गुवाहाटी जाओ) और 'ईडी जिसकी मम्मी, वो सरकार निकम्मी' जैसे नारों के साथ परेशान किया.

शिंदे गुट के विधायकों ने जवाब में कहा, 'बीएमसी खोके, मातोश्री ओके, (सचिन) वाजे खोके, शिवसेना ओके, लवासा खोके, बारामती ओके.' विधायक महेश शिंदे और मितकारी दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ सीएम शिंदे और स्पीकर राहुल नार्वेकर के पास अलग-अलग शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें सीसीटीवी फुटेज की जांच करके घटना की जांच की मांग की गई है. कहा गया कि यहां तक कि हाथापाई के दौरान एक महिला पत्रकार को भी धकेल दिया गया.

विपक्ष के नेता अजीत पवार, राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल, शिवसेना नेता किशोर तिवारी, कांग्रेस की यशोमती ठाकुर और विभिन्न दलों के अन्य नेताओं ने शिंदे गुट पर 'लोकतांत्रिक विरोध को कुचलने और विपक्ष को चुप कराने' का प्रयास करने का आरोप लगाया. पवार ने गंभीर रूप से कहा, '50 खोके पर हमारे आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है.. इसलिए उन्होंने इस तरह की प्रतिक्रिया दी है.'

जयंत पाटिल ने कहा कि पूरे देश ने शिंदे गुट के विधायकों के असभ्य व्यवहार को देखा है और मतदाता उन्हें माफ नहीं करेंगे, जबकि मितकारी ने यह जानने की मांग की कि क्या विपक्षी विधायकों को 'खत्म' किया जाएगा ? भरत गोगावले और दिलीप लांडे सहित शिंदे गुट के अन्य सांसदों ने कहा कि वे 'बालासाहेब ठाकरे के वफादार शिवसैनिक' हैं और वे विरोधियों को सबक सिखाने से पीछे नहीं हटेंगे. वहीं, महेश शिंदे ने दावा किया कि विपक्षी एमवीए परेशान करने की कोशिश कर रहा है.

ये भी पढे़ं : टीआरएस एमएलसी कविता ने बीजेपी नेताओं पर लगाया मानहानि का मुकदमा

Last Updated : Aug 24, 2022, 4:06 PM IST
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