ETV Bharat / bharat

महाराष्ट्र बैंक घोटाला: दोषसिद्धि के बाद कांग्रेस नेता सुनील केदार की विधानसभा सदस्यता रद्द

Former Maharashtra Minister Sunil Kedar, Nagpur District Central Cooperative Bank, cases of misuse of funds in Nagpur, maharashtra bank scam, वरिष्ठ कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री सुनील केदार को नागपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (एनडीसीसीबी) में धन के दुरुपयोग के मामले में अदालत द्वारा दोषी करार दिया गया, जिसके बाद अब राज्य विधानसभा से उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया है. राज्य विधानमंडल सचिवालय ने शनिवार को इसे लेकर एक आदेश जारी किया.

Congress leader Sunil Kedar
कांग्रेस नेता सुनील केदार
author img

By PTI

Published : Dec 24, 2023, 10:36 PM IST

मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील केदार को नागपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (एनडीसीसीबी) में धन के दुरुपयोग के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद राज्य विधानसभा की उनकी सदस्यता समाप्त हो गई है. राज्य विधानमंडल सचिवालय की ओर से शनिवार को जारी एक आदेश में कहा गया कि पांच बार के विधायक केदार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ई) और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा आठ के प्रावधानों के तहत 22 दिसंबर को दोषसिद्धि की तारीख से विधायक के रूप में अयोग्य हैं.

आदेश में कहा गया कि नागपुर जिले में केदार के निर्वाचन क्षेत्र वाली साओनेर विधानसभा सीट दोषसिद्धि के बाद रिक्त हो गई है. नागपुर में मजिस्ट्रेट की एक अदालत ने शुक्रवार को एनडीसीसीबी से संबंधित धन के दुरुपयोग के मामले में केदार और पांच अन्य को पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी. यह मामला 2002 का है. अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जे वी पेखले-पुरकर ने 2002 के मामले में यह फैसला सुनाया.

मामले के सभी छह दोषियों पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. इस मामले के आरोपियों में केदार के अलावा एनडीसीसीबी के महाप्रबंधक एवं निदेशक और एक निवेश कंपनी होम ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड के एक निदेशक शामिल हैं. तीन लोगों को बरी कर दिया गया है. केदार को भारतीय दंड संहिता की धारा 409 (एक लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात) और अन्य प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया गया था.

अभियोजन पक्ष के अनुसार, एनडीसीसीबी को 2002 में सरकारी प्रतिभूतियों में 125 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, क्योंकि होम ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से धन निवेश करते समय नियमों का उल्लंघन किया गया था. उस समय केदार बैंक के अध्यक्ष थे. अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पेखले-पुरकर ने फैसला सुनाते हुए कहा कि केदार और एक अन्य आरोपी को बैंक की पूरी हिस्सेदारी सौंपी गई थी.

उन्होंने कहा कि जिस निधि का दुरुपयोग किया गया, वह बैंक के लोगों और सदस्यों की मेहनत की कमाई थी और इनमें से अधिकतर गरीब किसान हैं. अदालत ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र का उद्देश्य समाज में आर्थिक रूप से हाशिए पर रह रहे वर्गों की स्थिति को सुधारना है.

मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील केदार को नागपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (एनडीसीसीबी) में धन के दुरुपयोग के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद राज्य विधानसभा की उनकी सदस्यता समाप्त हो गई है. राज्य विधानमंडल सचिवालय की ओर से शनिवार को जारी एक आदेश में कहा गया कि पांच बार के विधायक केदार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ई) और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा आठ के प्रावधानों के तहत 22 दिसंबर को दोषसिद्धि की तारीख से विधायक के रूप में अयोग्य हैं.

आदेश में कहा गया कि नागपुर जिले में केदार के निर्वाचन क्षेत्र वाली साओनेर विधानसभा सीट दोषसिद्धि के बाद रिक्त हो गई है. नागपुर में मजिस्ट्रेट की एक अदालत ने शुक्रवार को एनडीसीसीबी से संबंधित धन के दुरुपयोग के मामले में केदार और पांच अन्य को पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी. यह मामला 2002 का है. अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जे वी पेखले-पुरकर ने 2002 के मामले में यह फैसला सुनाया.

मामले के सभी छह दोषियों पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. इस मामले के आरोपियों में केदार के अलावा एनडीसीसीबी के महाप्रबंधक एवं निदेशक और एक निवेश कंपनी होम ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड के एक निदेशक शामिल हैं. तीन लोगों को बरी कर दिया गया है. केदार को भारतीय दंड संहिता की धारा 409 (एक लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात) और अन्य प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया गया था.

अभियोजन पक्ष के अनुसार, एनडीसीसीबी को 2002 में सरकारी प्रतिभूतियों में 125 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, क्योंकि होम ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से धन निवेश करते समय नियमों का उल्लंघन किया गया था. उस समय केदार बैंक के अध्यक्ष थे. अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पेखले-पुरकर ने फैसला सुनाते हुए कहा कि केदार और एक अन्य आरोपी को बैंक की पूरी हिस्सेदारी सौंपी गई थी.

उन्होंने कहा कि जिस निधि का दुरुपयोग किया गया, वह बैंक के लोगों और सदस्यों की मेहनत की कमाई थी और इनमें से अधिकतर गरीब किसान हैं. अदालत ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र का उद्देश्य समाज में आर्थिक रूप से हाशिए पर रह रहे वर्गों की स्थिति को सुधारना है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.