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शिवसेना विधायकों की 'अयोग्यता' के सवाल पर जानिए क्या बोले- महाराष्ट्र् विधानसभा अध्यक्ष - शिवसेना विधायकों पर फैसला

महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया है. हालांकि विधानसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल नार्वेकर (Rahul Narwekar) ने संकेत दिए हैं कि शिवसेना के 15 विधायकों को अयोग्य घोषित किया जा सकता है. 'ईटीवी भारत' से बात करते हुए नार्वेकर ने दावा किया कि सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी. उनका कहना है कि इसमें किसी तरह की बाधा नहीं आएगी.

Rahul Narwekar
राहुल नार्वेकर
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Published : Jul 7, 2022, 3:21 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि शिवसेना के 15 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग को लेकर 20 आवेदन मिल चुके हैं. विधानसभा में प्रदेश के विभिन्न दलों के कई दिग्गज विधायक हैं. क्या इसका दबाव आएगा? पूछने पर राहुल नार्वेकर ने कहा, 'मुझ पर दबाव बनाने का कोई सवाल ही नहीं है. मैं अपने अधिकार क्षेत्र में काम करूंगा. मैं प्रयास करूंगा कि सभी को न्याय मिले. इसलिए, चाहे कोई भी हो कोई दबाव नहीं होगा.'

क्या आपको नहीं लगता कि राज्यपाल ने पक्षपात किया? इस सवाल पर नार्वेकर ने कहा, 'मुझे ऐसा नहीं लगता. राज्यपाल को अपने संवैधानिक अधिकार हैं. उन्हें ठीक-ठीक पता है कि विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कब कराना है. पूर्व में महाविकास अघाड़ी सरकार में आम सहमति नहीं थी. इसलिए उन्होंने चुनाव की तारीख नहीं बताई. हालाकि, अब जब नई सरकार बन गई है, तो राज्यपाल को चुनाव कराने के लिए मजबूर होना पड़ा. राहुल नार्वेकर ने कहा, इसमें कुछ भी गलत नहीं है.

ऐसा कहा जाता है कि जब तक शिवसेना के खिलाफ बगावत करने वाले शिंदे गुट का किसी अन्य पार्टी में विलय नहीं हो जाता, तब तक उनकी विधायक स्थिति बरकरार नहीं रहेगी. इस बारे में पूछे जाने पर नार्वेकर ने कहा कि शिंदे धड़े के पास दो तिहाई बहुमत है. उन्होंने कहा है कि वह अभी भी पार्टी में हैं. वह शिवसेना में हैं. इसलिए, मुझे नहीं लगता कि उन्हें किसी अन्य पार्टी के साथ विलय करने की आवश्यकता है. शिंदे गुट को मंजूरी दी गई है क्योंकि उनके पास बहुमत है.

नार्वेकर ने यह भी कहा कि चूंकि उन्हें शिवसेना विधायक दल के रूप में मान्यता प्राप्त है, इसलिए उन्हें किसी अन्य पार्टी के साथ विलय करने की आवश्यकता नहीं है. हमें इन आवेदनों पर जल्द ही फैसला करना होगा. विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए सभी तकनीकी मुद्दों की जांच के बाद निर्णय लिया जाएगा.

नार्वेकर ने कहा, बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शिवसेना सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. सुनवाई 11 जुलाई को होगी. हालांकि, अब जबकि विधानसभा अध्यक्ष चुन लिया गया है, विधायकों की अयोग्यता पर निर्णय अध्यक्ष ले सकते हैं. इसलिए, अदालत यह भी निर्देश दे सकती है कि निर्णय अध्यक्ष द्वारा किया जाए. इसलिए, शिवसेना के 15 विधायकों की अयोग्यता के संबंध में निर्णय लिया जा सकता है.

पढ़ें- महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द किया जाएगा: फडणवीस

पढ़ें- महाराष्ट्र : शिंदे गुट की जीत, भाजपा नेता राहुल नार्वेकर बने स्पीकर

मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि शिवसेना के 15 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग को लेकर 20 आवेदन मिल चुके हैं. विधानसभा में प्रदेश के विभिन्न दलों के कई दिग्गज विधायक हैं. क्या इसका दबाव आएगा? पूछने पर राहुल नार्वेकर ने कहा, 'मुझ पर दबाव बनाने का कोई सवाल ही नहीं है. मैं अपने अधिकार क्षेत्र में काम करूंगा. मैं प्रयास करूंगा कि सभी को न्याय मिले. इसलिए, चाहे कोई भी हो कोई दबाव नहीं होगा.'

क्या आपको नहीं लगता कि राज्यपाल ने पक्षपात किया? इस सवाल पर नार्वेकर ने कहा, 'मुझे ऐसा नहीं लगता. राज्यपाल को अपने संवैधानिक अधिकार हैं. उन्हें ठीक-ठीक पता है कि विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कब कराना है. पूर्व में महाविकास अघाड़ी सरकार में आम सहमति नहीं थी. इसलिए उन्होंने चुनाव की तारीख नहीं बताई. हालाकि, अब जब नई सरकार बन गई है, तो राज्यपाल को चुनाव कराने के लिए मजबूर होना पड़ा. राहुल नार्वेकर ने कहा, इसमें कुछ भी गलत नहीं है.

ऐसा कहा जाता है कि जब तक शिवसेना के खिलाफ बगावत करने वाले शिंदे गुट का किसी अन्य पार्टी में विलय नहीं हो जाता, तब तक उनकी विधायक स्थिति बरकरार नहीं रहेगी. इस बारे में पूछे जाने पर नार्वेकर ने कहा कि शिंदे धड़े के पास दो तिहाई बहुमत है. उन्होंने कहा है कि वह अभी भी पार्टी में हैं. वह शिवसेना में हैं. इसलिए, मुझे नहीं लगता कि उन्हें किसी अन्य पार्टी के साथ विलय करने की आवश्यकता है. शिंदे गुट को मंजूरी दी गई है क्योंकि उनके पास बहुमत है.

नार्वेकर ने यह भी कहा कि चूंकि उन्हें शिवसेना विधायक दल के रूप में मान्यता प्राप्त है, इसलिए उन्हें किसी अन्य पार्टी के साथ विलय करने की आवश्यकता नहीं है. हमें इन आवेदनों पर जल्द ही फैसला करना होगा. विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए सभी तकनीकी मुद्दों की जांच के बाद निर्णय लिया जाएगा.

नार्वेकर ने कहा, बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शिवसेना सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. सुनवाई 11 जुलाई को होगी. हालांकि, अब जबकि विधानसभा अध्यक्ष चुन लिया गया है, विधायकों की अयोग्यता पर निर्णय अध्यक्ष ले सकते हैं. इसलिए, अदालत यह भी निर्देश दे सकती है कि निर्णय अध्यक्ष द्वारा किया जाए. इसलिए, शिवसेना के 15 विधायकों की अयोग्यता के संबंध में निर्णय लिया जा सकता है.

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