नई दिल्ली : पाकिस्तान के लाहौर में महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को तोड़ दिया गया है. इसको लेकर सिख समुदाय के लोगों ने नाराजगी जाहिर की है. पाकिस्तान में रहने वाले सिख लोगों के साथ-साथ दिल्ली में रहने वाले सिख समुदाय के लोग और इनकी अगुवाई करने वाले नेता ने केंद्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है.
प्रतिमा तोड़े जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में एक शख्स महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को तोड़ता हुआ नजर आ रहा है. इसके बाद उसके साथ अन्य लोगों ने उस शख्स को रोका और प्रतिमा से दूर ले गए. वहीं दिल्ली में सिख नेताओं ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई.
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया है. कमेटी का कहना है कि पाकिस्तान के लाहौर में महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को तोड़ने की घटना के बाद सिख समुदाय में नाराजगी है. ऐसा कोई पहली बार नहीं, बल्कि तीसरी बार हुआ है. पाकिस्तान अपने आपको डेमोक्रेसी वाला देश कहता है. उसका ये चेहरा पूरा विश्व देख रहा है.
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा का कहना है कि वहां के कट्टर संगठन से जुड़े खादिम हुसैन रिजवी ने पहले रंजीत सिंह के बारे में अपशब्द कहा और अब प्रतिमा तोड़ दी. पाकिस्तान में कट्टरवाद कितना हावी है, ये इस बात को दर्शाता है. जबकि महाराजा रणजीत सिंह सभी धर्मों का सम्मान करने वाले थे. उनकी प्रतिमा के साथ ऐसा बर्ताव निंदनीय है. सिरसा के अनुसार उन्होंने विदेश मंत्रालय से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है, जिसके बाद भरोसा मिला कि पाकिस्तान उच्चायोग से जल्द से जल्द मामले का संज्ञान लेकर कड़ी कार्रवाई की बात कही.
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महाराजा रणजीत सिंह की 180वीं पुण्यतिथि पर जून 2019 में लाहौर किले में नौ फीट की मूर्ति का अनावरण किया गया था. इस प्रतिमा में रणजीत सिंह को घोड़े पर बैठे, हाथ में तलवार लिए और सिख पोशाक में दिखाया गया था. सिख साम्राज्य के पहले महाराजा सिंह ने करीब 40 सालों तक पंजाब सहित भारतीय उपमहाद्वीप के एक बड़े हिस्से पर शासन किया था.