लखनऊ : प्रयागराज में महाकुंभ मेला 2025, 4000 हेक्टेयर में लगाया जाएगा. जबकि यात्रियों की सुविधा को देखते हुए 1800 हेक्टेयर भूमि पर पार्किंग बनाई जाएगी. विशिष्ट और सामान्य भक्तों के लिए अलग-अलग टेंट सिटी बनाई जाएगी. जिनमें यात्रियों के रुकने की व्यवस्था होगी. लगभग 2000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया गया है. जिसके माध्यम से प्रयागराज को एक नया रूप दिया जाएगा.
महाकुंभ की तैयारियों को लेकर नगर विकास मंत्री एके शर्मा की समीक्षा बैठक. प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने जल निगम हॉस्टल 'संगम', लखनऊ से महाकुम्भ 2025 के लिए की जा रही तैयारियों को लेकर आयुक्त प्रयागराज, सम्बन्धित विभागों और एजेंसियों के अधिकारियों के साथ कार्यों की वर्चुअल समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने सभी सम्बन्धित विभागों और कार्यदायी एजेंसियों को आपस में समन्वय बनाकर युद्धस्तर पर कार्य करने के निर्देश दिए. नगर विकास मंत्री ने लगभग 3738 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न विभागों द्वारा अब तक अनुमोदित 260 परियोजनाओं की बिन्दुवार समीक्षा की. उन्होंने अधिकारियों को प्रगति कार्यों की लगातार मॉनिटरिंग करने मूलभूत सुविधाओं के साथ पेयजल, शौचालय, विद्युत आपूर्ति, पार्किंग आदि की सुचार व्यवस्था करने, सड़कों व चौराहा से अतिक्रमण हटाने के साथ इनका चौड़ीकरण और सुंदरीकरण के कार्यों में गति लाने को कहा है.
महाकुंभ की तैयारियों को लेकर नगर विकास मंत्री एके शर्मा की समीक्षा बैठक.
महाकुंभ 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा
महाकुंभ की तैयारियों को लेकर नगर विकास मंत्री एके शर्मा की समीक्षा बैठक. मेले में 06 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. 40 लाख श्रद्धालु शाही स्नानों में आ सकते हैं. 40 लाख कल्पवासी हो सकते हैं. लाखों करोड़ों आगंतुकों के लिए पर्याप्त व्यवस्था करनी होगी. स्वच्छ मेला के लिए स्वच्छाग्रहीयों की पर्याप्त उपलब्धता, डिजिटल म्यूजियम बनाने, आई ट्रिपल सी, आईटी और ड्रोन से मेला क्षेत्र की निगरानी के लिए अभी से व्यवस्था के इंतजाम किए जा रहे हैं. सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रहनी चाहिए. इन सभी कार्यों में किसी भी प्रकार की ढिलाई व शिथिलता न होने पाए. मेला क्षेत्र में रोप-वे,पीपा पुल, आरओबी, पुलों आदि के निर्माण कार्य को समय से पूरा किया जाए. इसके अलावा वीआईपी के साथ सामान्य श्रद्धालुओं के ठहरने की भी पर्याप्त व्यवस्था करने, कहीं पर भी अव्यवस्था न हो, इसके लिए सभी बॉटलनेक कार्यों को चिन्हित कर उसे समय से पूरा कराने पर जोर दिया गया है.
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