उज्जैन : हमारे देश के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर का मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन में है. यहां पर महाशिवात्रि का पर्व खासतौर पर मनाया जाता है. यहां पर महाशिवरात्रि का पर्व शिव नवरात्रि के रूप में मनाया जाता है. फिलहाल उज्जैन में इसके लिए तैयारियां जोरशोर से जारी हैं. यह पर्व उज्जैन में 10 फरवरी से 19 फरवरी 2023 तक चलेगा.
हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की तिथि पंचमी तिथि यानी 10 फरवरी से शिव नवरात्रि की पूजन प्रक्रिया प्रारंभ होगी. उसी के चलते महाकाल के मंदिर में पूजन और आरती के समय में बदलाव किए जा रहे हैं. मंदिर के शासकीय पुजारी से मिली जानकारी के अनुसार परिसर के आचार्य के नेतृत्व में एकादशनी रूद्राभिषेक के साथ शिव नवरात्रि के महापर्व का आगाज होगा और यह लगातार 19 फरवरी तक चलेगा. इस दौरान महाकालेश्वर अपने भक्तों को 9 अलग-अलग रूपों में दर्शन देंगे.
गर्भगृह प्रवेश में बदलाव
शिव नवरात्रि के महापर्व के कारण प्रातः काल से होने वाले प्रत्येक दिवस के विशिष्ट पूजन के कारण सायं 4 बजे तक गर्भगृह प्रवेश आम दर्शनार्थियों के लिए बंद रहेगा. सायंकाल 4 बजे के पश्चात दर्शनार्थी गर्भगृह में दर्शन के लिए जा सकेंगे. इसके बाद दर्शन अभिलाषी गर्भगृह दर्शन रसीद के साथ 9 बजे तक होगा.
आरती व पूजा का बदलेगा समय
शिव नवरात्रि के महापर्व के कारण प्रतिदिन सुबह 10:30 बजे होने वाली भोग आरती दोपहर 2 बजे दोपहर में की जाएगी. जबकि संध्या पूजन शाम 5 बजे के जगह अब 3 बजे होगा. इसके बाद रात्रि में महानिशा काल में अलग-अलग प्रकार से भगवान महाकाल की पूजा करने की तैयारियां की जा रही हैं.
ये हैं 9 दिनों के 9 रूप
- 10 फरवरी 2023 : चंद्रमोलेश्वर शृंगार
- 11 फरवरी 2023 : शेषनाथ शृंगार
- 12 फरवरी 2023 : घटाटोप शृंगार
- 13 फरवरी 2023 : छबीना शृंगार
- 14 फरवरी 2023 : होल्कर शृंगार
- 15 फरवरी 2023 : मनमहेश शृंगार
- 16 फरवरी 2023 : उमा महेश शृंगार
- 17 फरवरी 2023 : शिव तांडव शृंगार
- 18 फरवरी 2023 : दूल्हा स्वरूप दर्शन शृंगार
आखिरी दिन होगा विशेष शृंगार
नवें और आखिरी दिन भोलेनाथ दूल्हे के रूप में अपने भक्तों को दर्शन देंगे. इसके साथ ही बाबा महाकाल का सप्तधान रूप में शृंगार कर फल व फूलों से बना सेहरा सजाया जाता है. साथ ही साथ उनको सोने के आभूषण भी धारण कराए जाते हैं. इसके बाद दोपहर में भस्म आरती की जाएगी.
मंदिर प्रबंधन का दावा है कि शिव नवरात्रि के महापर्व पर लाखों की संख्या में भक्त बाबा के दर्शन के लिए आते हैं. इसके लिए अन्य व्यवस्थाएं भी की जा रही हैं.
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