मुंबई : विभिन्न मुद्दों पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की चुप्पी को लेकर भाजपा की ओर से सवाल उठाए जाने एवं राज्य सरकार से स्थिति रिपोर्ट तलब करने के लिए भगवा दल द्वारा राज्यपाल से अनुरोध किए जाने के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता नवाब मलिक ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री सही समय पर बोलेंगे. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि राज्य की महा विकास अघाडी (एमवीए) सरकार को 175 से अधिक विधायकों का समर्थन प्राप्त है.
उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर भाजपा द्वारा शिवसेना नीत सरकार पर लगाए गए आरोपों को भी आधारहीन करार दिया. राज्य सरकार में अल्पसंख्यक विकास मंत्री मलिक ने कहा कि भाजपा को समझना चाहिए कि राष्ट्रपति शासन ऐसे ही नहीं लगाया जा सकता.
मलिक ने कहा कि शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस को मिलाकर बने महा विकास अघाड़ी को 288 सदस्यीय विधानसभा में 175 से अधिक विधायकों का समर्थन हासिल है. उनकी यह प्रतिक्रिया राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से भाजपा प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात के बाद आई है.
भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वह राज्य सरकार से मौजूदा स्थिति पर रिपोर्ट तलब करें और इसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजें. वरिष्ठ भाजपा नेता एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विभिन्न मुद्दों पर ठाकरे की कथित चुप्पी को लेकर सवाल उठाया था.
मलिक ने मीडिया से कहा, 'मुख्यमंत्री सही समय पर बोलेंगे. उन्हें हर मुद्दे पर बोलने की जरूरत नहीं है...वह उचित समय पर बोलेंगे. भाजपा के आरोप आधारहीन हैं.'
उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को महसूस होने लगा है कि भाजपा आधी-अधूरी जानकारी के सहारे राज्य सरकार को बदनाम करने की साजिश में शामिल है. मंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा अपनी रणनीति के तहत यह दावा कर लोगों को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है कि राज्य सरकार लंबे समय तक नहीं चलेगी.
फडणवीस ने मंगलवार को दावा किया था कि राज्य सरकार राज्य खुफिया विभाग की अपराध में संलिप्तता वाली रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं कर रही है, जिसमें पुलिस स्थानांतरण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का संकेत देने वाली ऑडियो बातचीत है.
उन्होंने मामले की सीबीआई जांच कराने की भी मांग की थी. मलिक ने बुधवार को पलटवार करते हुए कहा कि फोन टैप करने की पूर्वानुमति नहीं ली गई थी.
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उन्होंने कहा, 'सच्चाई यह है कि रिपोर्ट में कोई तथ्य नहीं है.'मलिक ने कहा कि भाजपा नेता गत कुछ दिन से राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग कर रहे हैं.'
उन्होंने कहा, 'हालांकि, संख्या बल एमवीए के पक्ष में है. उच्चतम न्यायालय का फैसला है कि विधानसभा के पटल पर बहुमत खोने तक सरकार को भंग नहीं किया जा सकता.'
मलिक ने वीडियो संदेश में कहा, 'हमारे पास (एमवीए) 169 विधायकों (सरकार बनने के वक्त) का समर्थन था. अब हमें 175 से अधिक विधायकों का समर्थन हासिल है. भाजपा परेशान है क्योंकि वह सत्ता के बिना नहीं रह सकती, इसलिए यह सब कर रही है.'
उन्होंने कहा कि सरकार को अस्थिर करने की भाजपा की कोशिश नाकाम हो चुकी है.