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महाकुंभ संप्रोक्षण के बाद खुले यादाद्री मंदिर के पट, सीएम केसीआर ने की प्रथम पूजा - Yadadri temple reopens after MahaKumbha Samprokshana

महाकुंभ संप्रोक्षण के अंतिम दिन सोमवार सुबह नौ बजे महा पूर्णाहुति दी गई. मुख्यमंत्री केसीआर सपरिवार यहां हेलीकॉप्टर से मंदिर पहुंचे. सीएम केसीआर ने पहले मंदिर घुमकर देखा. इस दौरान उनके साथ अन्य मंत्री, जनप्रतिनिधि, अधिकारी, पुजारी और वैदिक विद्वान शामिल थे. बालालयम से वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच भगवान की स्वर्ण प्रतिमाओं की शोभायात्रा भी आयोजित हुई. छह साल बाद, भगवान की स्वर्ण प्रतिमा ने पूर्वी राजा गोपुरम के रास्ते से होते हुए बालालयम से मुख्य मंदिर में प्रवेश किया है.

महाकुंभ संप्रोक्षण
महाकुंभ संप्रोक्षण
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Published : Mar 28, 2022, 6:20 PM IST

Updated : Mar 28, 2022, 9:26 PM IST

हैदराबाद : तेलंगाना के यादाद्री भुवनागिरी जिले में आज महाकुंभ संप्रोक्षण (MahaKumbha Samprokshana in Yadadri Temple Telangana) के बाद यादाद्री मंदिर के कपाट खोले गए (Yadadri temple reopens today) हैं. इस मौके पर तेलंगाना सीएम केसीआर अपने परिवार के साथ मंदिर में पहुंचे. उन्होंने सपरिवार भगवान श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी की पूजा पहले (Telangana CM KCR offered first pooja in Yadadri Temple) की. इसके बाद सभी श्रद्धालुओं को भगवान नरसिंह के दर्शन की अनुमति (Yadadri temple reopens after MahaKumbha Samprokshana) दी गई.

मंदिर परिसर में तेलंगाना सीएम केसीआर सपरिवार
मंदिर परिसर में तेलंगाना सीएम केसीआर सपरिवार

वैष्णव परंपरा के अनुसार तय मुहुर्त में पंचकुंडात्मक महाकुंभ संप्रोक्षण कार्यक्रम सात दिनों तक चला. 21 मार्च से शुरू हुए संप्रोक्षण का आयोजन पंचरथ आगम शास्त्र के अनुसार वैदिक पाठ और मंत्रोच्चारण के बीच संपन्न हो गया. यह अनुष्ठान मुख्य मंदिर के साथ-साथ बालालयम में भी किया गया. इस दौरान स्वस्ति वचनम, यज्ञ हवन, मूल मंत्र हवन, श्री विष्णु सहस्र नाम पाठ और अन्य शास्त्र अनुष्ठान भी किए गए.

मंदिर परिसर में तेलंगाना सीएम केसीआर सपरिवार
मंदिर परिसर में तेलंगाना सीएम केसीआर सपरिवार

महाकुंभ संप्रोक्षण के अंतिम दिन सोमवार सुबह नौ बजे महा पूर्णाहुति दी गई. मुख्यमंत्री केसीआर सपरिवार यहां हेलीकॉप्टर से मंदिर पहुंचे. सीएम केसीआर ने पहले मंदिर घुमकर देखा. इस दौरान उनके साथ अन्य मंत्री, जनप्रतिनिधि, अधिकारी, पुजारी और वैदिक विद्वान शामिल थे. बालालयम से वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच भगवान की स्वर्ण प्रतिमाओं की शोभायात्रा भी आयोजित हुई. छह साल बाद, भगवान की स्वर्ण प्रतिमा ने पूर्वी राजा गोपुरम के रास्ते से होते हुए बालालयम से मुख्य मंदिर में प्रवेश किया है.

यादाद्री मंदिर में पूजा अर्चना करते सीएम केसीआर
यादाद्री मंदिर में पूजा अर्चना करते सीएम केसीआर

बता दें कि यदाद्री लक्ष्मी-नरसिम्हा स्वामी मंदिर हैदराबाद से करीब 80 किलोमीटर दूर पहाड़ी पर स्थापित है. मंदिर का प्रांगण 14.5 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है. वर्ष 2016 में स्थापित मंदिर के पुनर्निर्माण पिछले साढ़े पांच वर्षों में 1200 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है. मंदिर का पुनर्निर्माण वैष्णव संत चिन्ना जियार स्वामी के मार्गदर्शन में शास्त्रों के अनुसार किया गया है. इस भव्य मंदिर का डिजाइन प्रसिद्ध फिल्म सेट डिजाइनर आनंद साई ने तैयार किया है.

यादाद्री मंदिर के खुलने के बाद सपरिवार पूजा करते तेलंगाना सीएम केसीआर

पढ़ें : सीएम केसीआर ने यादाद्री मंदिर पुनर्निर्माण कार्यों का किया निरीक्षण

11 अक्टूबर 2016 को, विजयादशमी (दशहरा) पर, सीएम केसीआर ने यादाद्री मंदिर के पुनर्निर्माण कार्यों की शुरुआत की थी. मंदिर की खासियत यह है कि पुनर्निर्माण में सीमेंट का उपयोग नहीं किया गया, बल्कि 2.5 लाख टन ब्लेक ग्रेनाइट का इस्तेमाल किया गया है. जिसे विशेष रूप से आंध्र प्रदेश के प्रकाशम से लाया गया है. इसके अलावा मंदिर के प्रवेश द्वार पीतल से निर्मित हैं, जिसमें सोना भी जड़ा गया है. यादाद्री मंदिर का विमान गोपुरम अर्थात गर्भगृह के ऊपर बने गुंबद पर 125 किलो सोने लगाया गया है. मंदिर का मुख्य द्वार, जिसे राजा गोपुरम कहा जाता है, करीब 84 फीट ऊंचा है.

इसके अलावा मंदिर के छह और गोपुरम हैं. राजा गोपुरम के आर्किटेक्चर में पांच सभ्यताओं द्रविड़, पल्लव, चौल, चालुक्य और काकातिय की झलक देखने को मिलती है. इस मंदिर में लक्ष्मी-नृसिंह भगवान मंदिर के मुकजी द्वार पर हनुमान जी की एक खड़ी प्रतिमा स्थापित है. प्रतिमा की ऊंचाई 25 फीट है, जिसके कारण ये कई किमी दूरी से दिखाई देती है. प्रतिमा के द्वार पर खड़े होने के कारण इसे रक्षक हनुमान कहा जाता है.

यादाद्री मंदिर

मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए 800 मूर्तिकारों, आठ ठेकेदारों और 1500 श्रमिकों ने कड़ी मेहनत की है. मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य 66 महीने तक चलता रहा. मुख्य मंदिर में मूर्तिकारों द्वारा 6,000 से अधिक मूर्तियां बनाई गई हैं. 2000 करोड़ रुपये की लागत में इस मंदिर की पुनर्निर्माण परियोजना पूरा किया गया है. मुख्य मंदिर के लिए 250 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. गिरि प्रदक्षिणा के लिए पहाड़ी के चारों ओर 5.5 किमी सड़क का निर्माण किया गया है.

हैदराबाद : तेलंगाना के यादाद्री भुवनागिरी जिले में आज महाकुंभ संप्रोक्षण (MahaKumbha Samprokshana in Yadadri Temple Telangana) के बाद यादाद्री मंदिर के कपाट खोले गए (Yadadri temple reopens today) हैं. इस मौके पर तेलंगाना सीएम केसीआर अपने परिवार के साथ मंदिर में पहुंचे. उन्होंने सपरिवार भगवान श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी की पूजा पहले (Telangana CM KCR offered first pooja in Yadadri Temple) की. इसके बाद सभी श्रद्धालुओं को भगवान नरसिंह के दर्शन की अनुमति (Yadadri temple reopens after MahaKumbha Samprokshana) दी गई.

मंदिर परिसर में तेलंगाना सीएम केसीआर सपरिवार
मंदिर परिसर में तेलंगाना सीएम केसीआर सपरिवार

वैष्णव परंपरा के अनुसार तय मुहुर्त में पंचकुंडात्मक महाकुंभ संप्रोक्षण कार्यक्रम सात दिनों तक चला. 21 मार्च से शुरू हुए संप्रोक्षण का आयोजन पंचरथ आगम शास्त्र के अनुसार वैदिक पाठ और मंत्रोच्चारण के बीच संपन्न हो गया. यह अनुष्ठान मुख्य मंदिर के साथ-साथ बालालयम में भी किया गया. इस दौरान स्वस्ति वचनम, यज्ञ हवन, मूल मंत्र हवन, श्री विष्णु सहस्र नाम पाठ और अन्य शास्त्र अनुष्ठान भी किए गए.

मंदिर परिसर में तेलंगाना सीएम केसीआर सपरिवार
मंदिर परिसर में तेलंगाना सीएम केसीआर सपरिवार

महाकुंभ संप्रोक्षण के अंतिम दिन सोमवार सुबह नौ बजे महा पूर्णाहुति दी गई. मुख्यमंत्री केसीआर सपरिवार यहां हेलीकॉप्टर से मंदिर पहुंचे. सीएम केसीआर ने पहले मंदिर घुमकर देखा. इस दौरान उनके साथ अन्य मंत्री, जनप्रतिनिधि, अधिकारी, पुजारी और वैदिक विद्वान शामिल थे. बालालयम से वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच भगवान की स्वर्ण प्रतिमाओं की शोभायात्रा भी आयोजित हुई. छह साल बाद, भगवान की स्वर्ण प्रतिमा ने पूर्वी राजा गोपुरम के रास्ते से होते हुए बालालयम से मुख्य मंदिर में प्रवेश किया है.

यादाद्री मंदिर में पूजा अर्चना करते सीएम केसीआर
यादाद्री मंदिर में पूजा अर्चना करते सीएम केसीआर

बता दें कि यदाद्री लक्ष्मी-नरसिम्हा स्वामी मंदिर हैदराबाद से करीब 80 किलोमीटर दूर पहाड़ी पर स्थापित है. मंदिर का प्रांगण 14.5 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है. वर्ष 2016 में स्थापित मंदिर के पुनर्निर्माण पिछले साढ़े पांच वर्षों में 1200 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है. मंदिर का पुनर्निर्माण वैष्णव संत चिन्ना जियार स्वामी के मार्गदर्शन में शास्त्रों के अनुसार किया गया है. इस भव्य मंदिर का डिजाइन प्रसिद्ध फिल्म सेट डिजाइनर आनंद साई ने तैयार किया है.

यादाद्री मंदिर के खुलने के बाद सपरिवार पूजा करते तेलंगाना सीएम केसीआर

पढ़ें : सीएम केसीआर ने यादाद्री मंदिर पुनर्निर्माण कार्यों का किया निरीक्षण

11 अक्टूबर 2016 को, विजयादशमी (दशहरा) पर, सीएम केसीआर ने यादाद्री मंदिर के पुनर्निर्माण कार्यों की शुरुआत की थी. मंदिर की खासियत यह है कि पुनर्निर्माण में सीमेंट का उपयोग नहीं किया गया, बल्कि 2.5 लाख टन ब्लेक ग्रेनाइट का इस्तेमाल किया गया है. जिसे विशेष रूप से आंध्र प्रदेश के प्रकाशम से लाया गया है. इसके अलावा मंदिर के प्रवेश द्वार पीतल से निर्मित हैं, जिसमें सोना भी जड़ा गया है. यादाद्री मंदिर का विमान गोपुरम अर्थात गर्भगृह के ऊपर बने गुंबद पर 125 किलो सोने लगाया गया है. मंदिर का मुख्य द्वार, जिसे राजा गोपुरम कहा जाता है, करीब 84 फीट ऊंचा है.

इसके अलावा मंदिर के छह और गोपुरम हैं. राजा गोपुरम के आर्किटेक्चर में पांच सभ्यताओं द्रविड़, पल्लव, चौल, चालुक्य और काकातिय की झलक देखने को मिलती है. इस मंदिर में लक्ष्मी-नृसिंह भगवान मंदिर के मुकजी द्वार पर हनुमान जी की एक खड़ी प्रतिमा स्थापित है. प्रतिमा की ऊंचाई 25 फीट है, जिसके कारण ये कई किमी दूरी से दिखाई देती है. प्रतिमा के द्वार पर खड़े होने के कारण इसे रक्षक हनुमान कहा जाता है.

यादाद्री मंदिर

मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए 800 मूर्तिकारों, आठ ठेकेदारों और 1500 श्रमिकों ने कड़ी मेहनत की है. मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य 66 महीने तक चलता रहा. मुख्य मंदिर में मूर्तिकारों द्वारा 6,000 से अधिक मूर्तियां बनाई गई हैं. 2000 करोड़ रुपये की लागत में इस मंदिर की पुनर्निर्माण परियोजना पूरा किया गया है. मुख्य मंदिर के लिए 250 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. गिरि प्रदक्षिणा के लिए पहाड़ी के चारों ओर 5.5 किमी सड़क का निर्माण किया गया है.

Last Updated : Mar 28, 2022, 9:26 PM IST
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