मदुरै (तमिलनाडु): मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने गैंगरेप मामले में निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा है. निचली अदालत ने दिल्ली की युवती से गैंगरेप के 4 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. दोषियों ने निचली अदालत के फैसले को मदुरै हाईकोर्ट बेंच में चुनौती दी थी. आपको बता दें कि साल 2018 में दिल्ली से कुंभकोणम आई एक बैंक कर्मचारी युवती से गैंगरेप का मामला सामने आया था.
घटना के मुताबिक दिल्ली की एक 27 वर्षीय युवती ने साल 2018 में कुंभकोणम बैंक ज्वाइन किया था. वह ट्रेन से चेन्नई से कुंभकोणम पहुंची. आधी रात होने के कारण उनसे होटल जाने के लिए एक ऑटो बुक किया. उसके बाद ऑटो चालक गुरुमूर्ति से किसी बात पर कहासुनी हो गई, तो ऑटो चालक ने युवती को होटल छोड़ने की बजाय रास्ते में ही उतार दिया.
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सड़क पर चल रही युवती को वसंत कुमार और दिनेश कुमार ने दोपहिया वाहन से अगवा कर लिया और उसके साथ दुष्कर्म किया. उसके बाद दोनों ने अपने दोस्त पुरुषोत्तमन और अनबरसु को भी बुलाया और बारी-बारी से रेप किया.
पीड़िता की शिकायत पर तंजावुर पश्चिम पुलिस ने दिनेश कुमार, वसंतकुमार, पुरुषोत्तम, अनबरासु और ऑटो चालक गुरुमूर्ति को गिरफ्तार किया. मामले की सुनवाई करने वाली तंजावुर महिला अदालत ने 4 दोषी (दिनेश कुमार, वसंतकुमार, पुरुषोत्तमन और अनबरासु) आजीवन कारावास की सजा सुनाई. ऑटो चालक गुरुमूर्ति को 7 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी.
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निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ सभी ने मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै शाखा में अपील की थी. जस्टिस जयचंद्रन और रामकृष्णन की बेंच ने मामले की सुनवाई की. हाईकोर्ट ने अपील को खारिज करते हुए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा. साथ ही, चूंकि ऑटो चालक गुरुमूर्ति किसी गंभीर अपराध में शामिल नहीं था, इसलिए उसकी 7 साल की कैद को घटाकर 3 साल कर दिया गया है.